दिल्ली में आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि शनिवार को पार्टी के तीन पार्षद भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए। आप छोड़ने वाले पार्षदों में अनीता बसोया, निखिल चपराना और धर्मवीर शामिल हैं। अनीता एंड्रयूज गंज, निखिल बदरपुर और धर्मवीर आरके पुरम के निगम पार्षद हैं। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इन पार्षदों को पार्टी की सदस्यता दिलाई। इसे दिल्ली में आम आदमी पार्टी की स्थिति कमजोर होने का संकेत माना जा रहा है।
दिल्ली में 27 साल बाद बीजेपी की सत्ता में वापसी
दिल्ली नगर निगम चुनाव को बीते ज्यादा समय नहीं हुआ है, लेकिन इसके नतीजों के प्रभाव अब स्पष्ट दिखने लगे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के लिए यह मुश्किल समय की शुरुआत हो सकती है। बीजेपी लगातार आम आदमी पार्टी को बड़े झटके दे रही है। 27 साल बाद दिल्ली में बीजेपी की सत्ता में वापसी हुई है, जिससे राजनीतिक हलकों में सीएम फेस को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।
दिल्ली में BJP की ट्रिपल इंजन सरकार बनने के संकेत!
दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ट्रिपल इंजन सरकार बनने के संकेत मजबूत हो गए हैं। दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी (AAP) के कमजोर पड़ने के बाद अब नगर निगम में भी सत्ता परिवर्तन तय माना जा रहा है। मार्च के अंत में होने वाले मेयर चुनाव में बीजेपी की जीत लगभग तय मानी जा रही है। अब तक AAP के एक दर्जन से अधिक पार्षद बीजेपी में शामिल हो चुके हैं, जिससे निगम में भी बीजेपी की सरकार बनने की संभावना बढ़ गई है।
मतदान से पहले ही कई विधायक हुए बागी
दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान से पहले ही आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा था, जब 6 विधायक पार्टी से बगावत कर बीजेपी में शामिल हो गए। टिकट कटने से नाराज इन विधायकों में जनकपुरी से राजेश ऋषि, पालम से भावना गौड़, बिजवासन से बीएस जून, आदर्श नगर से पवन शर्मा, कस्तूरबा नगर से मदनलाल और त्रिलोकपुरी से रोहित महरौलिया शामिल हैं। इसके अलावा पूर्व विधायक विजेंद्र गर्ग, निगम पार्षद अजय राय और सुनील चड्ढा भी बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। इन नेताओं ने आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी।
दिल्ली में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए ऐतिहासिक जीत दर्ज की। कुल 70 विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने 48 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) महज 22 सीटों पर सिमट गई। इस प्रचंड जीत के बाद अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि दिल्ली का नया मुख्यमंत्री कौन होगा? इस पर अभी सस्पेंस बना हुआ है, लेकिन बीजेपी के अंदर नए सीएम को लेकर चर्चा तेज हो गई है। पार्टी की इस जीत को केंद्र की नीतियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व का असर माना जा रहा है।