मजदूर पर गिरा 2 टन का लॉकर, गर्दन में फ्रैक्चर, कोमा में गया

By: Sandeep Gupta Mon, 20 Jan 2025 7:08:03

मजदूर पर गिरा 2 टन का लॉकर, गर्दन में फ्रैक्चर, कोमा में गया

श्रीगंगानगर जिले के अनूपगढ़ में सोमवार को एक बड़ा हादसा हुआ, जिसने निर्माण स्थल की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। बैंक ऑफ इंडिया की निर्माणाधीन ब्रांच में 24 वर्षीय मजदूर योगेश सिंह पर दो टन वजनी लॉकर गिरने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया। हादसा इतना भयावह था कि योगेश की गर्दन की हड्डी टूट गई, और वह कोमा में चला गया। केंद्रीय बस स्टैंड के सामने बैंक ऑफ इंडिया की नई ब्रांच का निर्माण कार्य जारी था। गोदरेज कंपनी के तीन श्रमिक लॉकर फिटिंग का कार्य कर रहे थे। यह हादसा सोमवार शाम 4:15 बजे हुआ जब क्रेन की मदद से भारी भरकम लॉकर को फिट करने की प्रक्रिया चल रही थी। श्रमिक लोहे की चेन की सहायता से लॉकर को खींच रहे थे, तभी अचानक चेन का हुक टूट गया और 2 टन वजनी लॉकर मजदूर योगेश सिंह पर गिर गया।

मौके पर काम कर रहे राजमिस्त्री बगीचा सिंह ने बताया- गोदरेज कंपनी की तरफ से आज सुबह 9 बजे योगेश सिंह (24) पुत्र भामा सिंह निवासी सोनुखर भरतपुर, मोनू (22) पुत्र वीरेंद्र सिंह और बंशीधर (43) पुत्र श्रवण कुमार गोदरेज कंपनी से बैंक भवन में लॉकर फिट करने के लिए आये थे। शाम करीब 4:15 बजे तीनों कुछ श्रमिकों के साथ मिलकर लोहे की बड़ी चेन के साथ लॉकर को खींचने का काम कर रहे थे। अचानक हुक के पास से लोहे की चेन टूट गई। चेन टूटने से वीरेंद्र सिंह लॉकर के नीचे दब गया। लॉकर करीब 2 टन वजनी था इस कारण से कड़ी मशक्कत के बाद लगभग 15 मिनट बाद वीरेंद्र सिंह को लॉकर के नीचे से निकाला गया और तुरंत अनूपगढ़ के सरकारी अस्पताल ले जाया गया।

सरकारी अस्पताल के प्रभारी डॉ. मुरलीधर कुमावत ने बताया कि योगेश की गर्दन की हड्डी टूट चुकी है और उसकी स्थिति बेहद गंभीर है। दुर्घटना के बाद वह कोमा में चला गया। प्राथमिक उपचार के बाद उसे बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। डॉक्टरों ने बताया कि उसकी हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है। पुलिस ने शुरू की जांच घटना की जानकारी मिलते ही अनूपगढ़ पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि सुरक्षा उपायों की कमी के कारण यह हादसा हुआ। पुलिस का कहना है कि हुक का टूटना खराब गुणवत्ता या रखरखाव में लापरवाही का परिणाम हो सकता है।


योगेश के परिवार को घटना की सूचना दी गई है। उनका कहना है कि योगेश ही परिवार का एकमात्र सहारा है। इस हादसे ने उन्हें आर्थिक और भावनात्मक रूप से तोड़ दिया है। परिवार ने निर्माण कंपनी और ठेकेदार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मुआवजे की मांग की है।

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