बेंगलुरु। कर्नाटक के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) ओम प्रकाश की हत्या से जुड़ा घटनाक्रम लगातार सनसनीखेज मोड़ ले रहा है। रविवार को तीन मंजिला घर के ग्राउंड फ्लोर पर उनका शव खून से लथपथ हालत में मिला। लेकिन जो बात इस पूरे मामले को और भयावह बनाती है, वह है हत्या के तुरंत बाद पल्लवी द्वारा की गई एक वीडियो कॉल। समाचार एजेंसी पीटीआई के सूत्रों के अनुसार, पल्लवी ने एक दोस्त को वीडियो कॉल कर कहा, "मैंने उस राक्षस को मार डाला है।"
कर्नाटक के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) ओम प्रकाश की हत्या का चौंकाने वाला घटनाक्रम सामने आया है। सूत्रों के अनुसार, ओम प्रकाश पर उस समय हमला हुआ जब वे दोपहर का खाना खा रहे थे। उनकी थाली में दो प्रकार की मछली रखी थी, तभी पत्नी पल्लवी ने अचानक उन पर चाकू से हमला कर दिया।
मकान के डाइनिंग हॉल में खून के छींटों से सना फर्श और पास रखी थाली इस बात की पुष्टि कर रही है कि हमला भोजन के दौरान हुआ। मौके से दो चाकू और एक टूटी हुई बोतल भी बरामद हुई है, जिन्हें हत्या में इस्तेमाल किया गया माना जा रहा है। पुलिस को शक है कि इस वारदात में पल्लवी के साथ उनकी बेटी कृति भी शामिल थी।
सूत्रों के मुताबिक, हमले के बाद मां-बेटी ने शव को चादर में लपेटा और खुद को एक कमरे में बंद कर लिया। कुछ देर बाद पल्लवी ने खुद पुलिस को फोन कर घटना की जानकारी दी और हत्या की बात कबूलते हुए आत्मसमर्पण कर दिया।
जब पुलिस घटनास्थल पर पहुंची, तो बेटी कृति कमरे से बाहर आने को तैयार नहीं थी। पुलिस को दरवाजा तोड़कर उसे बाहर निकालना पड़ा। पुलिस ने मृतक और दोनों आरोपियों के मोबाइल फोन भी जब्त कर लिए हैं।
अब तक तीन लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं, जो इस मामले से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जुड़े हैं।
प्राथमिक पूछताछ में पल्लवी ने दावा किया कि उसने आत्मरक्षा में यह कदम उठाया। उसका आरोप है कि ओम प्रकाश घर में हमेशा बंदूक लेकर घूमते थे और छोटी-छोटी बातों पर जान से मारने की धमकी देते थे। रविवार को भी उनके बीच बहस हुई थी, जिसके दौरान ओम प्रकाश ने कथित रूप से हथियार दिखाया, जिससे डरकर पल्लवी ने चाकू उठाया और वार कर दिया।
पुलिस को दिए गए बयान में पल्लवी ने बताया कि ओम प्रकाश ने पहले हाथापाई शुरू की थी और खुद को बचाने के लिए उसने यह कदम उठाया। पूछताछ के दौरान पुलिस उपायुक्त (एसीपी) माडिवाला भी मौजूद थे।
हालांकि, जांच से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि ओम प्रकाश ने अतीत में कई बार वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से अपनी पत्नी द्वारा किए जा रहे मानसिक उत्पीड़न की शिकायत की थी।
क्राइम सीन से जुड़ी अहम जानकारियाँ
शुरुआती जांच में सामने आया है कि ओम प्रकाश के सीने, पेट और हाथ पर कुल 8 से 10 बार चाकू से वार किए गए थे। पेट पर सबसे अधिक, लगभग 4 से 5 गहरे घाव थे, जिससे अत्यधिक रक्तस्राव हुआ।
डाइनिंग हॉल में खून के छींटों और बिखराव से यह भी संकेत मिला कि हत्या से पहले कुछ देर तक संघर्ष हुआ। माना जा रहा है कि ओम प्रकाश ने जान बचाने की कोशिश की, लेकिन लगभग 15-20 मिनट की तड़प के बाद उनका निधन हो गया।
चौंकाने वाली बात यह भी है कि इस दौरान पल्लवी पास खड़ी तमाशा देखती रही और फिर हत्या की पुष्टि करते हुए एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को फोन कर सूचना दी।
बेटे का आरोप — मां ने दी थी धमकी, बहन ने दबाव डालकर वापस घर बुलाया
इस बीच ओम प्रकाश के बेटे कार्तिकेश ने पुलिस में दर्ज शिकायत में दावा किया है कि उनकी मां पल्लवी पिछले एक हफ्ते से उनके पिता को जान से मारने की धमकी दे रही थीं। उन्होंने बताया कि इसी कारण उनके पिता अपनी बहन के घर रहने चले गए थे। लेकिन दो दिन पहले उनकी छोटी बहन कृति उन्हें जबरदस्ती वापस घर ले आई।
कार्तिकेश के अनुसार, रविवार शाम करीब 5 बजे एक पड़ोसी ने उन्हें घटना की सूचना दी, जब वे कर्नाटक गोल्फ एसोसिएशन में थे। "मैं तुरंत घर पहुंचा तो वहां पुलिस और लोग मौजूद थे। पिताजी जमीन पर खून से सने पड़े थे। उनके सिर और शरीर पर गंभीर चोट के निशान थे। पास में टूटी हुई बोतल और चाकू मिला," उन्होंने बताया।
उन्होंने आगे कहा, "मेरी मां पल्लवी और बहन कृति का अक्सर पिताजी से झगड़ा होता रहता था। मुझे पूरा शक है कि उनकी हत्या में दोनों का हाथ है। पुलिस को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।"
जमीन विवाद, मानसिक स्वास्थ्य और घरेलू कलह बना हत्या की वजह?
जांच में सामने आया है कि यह हत्या लंबे समय से परिवार में चल रही तनातनी का नतीजा हो सकती है। ओम प्रकाश और पल्लवी के बीच दांडेली की जमीन को लेकर विवाद था। दोनों के बीच आए दिन झगड़े होते थे। पल्लवी ने कुछ महीने पहले एचएसआर लेआउट थाने में शिकायत भी दर्ज करवाई थी, लेकिन कार्यवाही न होने पर उन्होंने थाने के बाहर धरना भी दिया था।
पुलिस सूत्रों का यह भी कहना है कि पल्लवी सिज़ोफ्रेनिया (मनोविकृति) से पीड़ित हैं और उनका इलाज चल रहा है।
एक शानदार करियर, जो पारिवारिक त्रासदी में थम गया
बिहार के चंपारण से ताल्लुक रखने वाले ओम प्रकाश 1981 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। उन्होंने भूविज्ञान में स्नातकोत्तर किया था और कर्नाटक पुलिस में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। वे 1 मार्च 2015 से लेकर 31 मार्च 2017 तक राज्य के पुलिस महानिदेशक और महानिरीक्षक के रूप में सेवा में रहे।
अपनी सेवा की शुरुआत उन्होंने बेल्लारी में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के रूप में की थी और बाद में शिवमोग्गा, उत्तर कन्नड़, चिकमगलूर, लोकायुक्त और अग्निशमन सेवाओं में भी अहम भूमिका निभाई।
उनकी हत्या ने पूरे कर्नाटक में हलचल मचा दी है। पुलिस ने हत्या में हथियारों के इस्तेमाल और संघर्ष के स्पष्ट संकेतों की पुष्टि की है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है और जांच अभी जारी है।