
भारत के 15वें उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन के शपथग्रहण समारोह से राहुल गांधी की गैरमौजूदगी पर भाजपा ने तीखे शब्दों में निशाना साधा। गुरुवार को भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने संवैधानिक परंपराओं की अनदेखी की है और यह लोकतंत्र तथा संविधान का अपमान है।
भंडारी ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखा— “राहुल गांधी को न संविधान की परवाह है और न ही लोकतंत्र की। कुछ दिन पहले वे स्वतंत्रता दिवस के लाल किले पर भी नज़र नहीं आए और आज उपराष्ट्रपति के शपथग्रहण से भी अनुपस्थित रहे। जो व्यक्ति राष्ट्रीय और संवैधानिक आयोजनों से दूरी बनाए रखे, क्या वह सार्वजनिक जीवन का पात्र है?”
छुट्टियों पर कटाक्ष
भंडारी ने यह भी व्यंग्य किया कि राहुल गांधी मलेशिया जाकर छुट्टियां बिताने का वक्त निकाल लेते हैं, लेकिन संवैधानिक अवसरों पर शामिल होने का समय उनके पास नहीं होता। उन्होंने राहुल को लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए खतरा बताते हुए कठोर शब्दों का इस्तेमाल किया। वहीं, कांग्रेस नेता उदित राज ने भाजपा के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि हर संवैधानिक कार्यक्रम में विपक्ष के नेता की उपस्थिति अनिवार्य नहीं होती। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी का प्रतिनिधित्व किया था। उन्होंने पलटवार किया कि भाजपा ही असल में संविधान को कमजोर कर रही है, जबकि राहुल गांधी उसकी रक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
शिवसेना ने भी जताई नाराज़गी
भाजपा की सहयोगी शिवसेना के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी विपक्ष की अनुपस्थिति पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि राजनीतिक मतभेदों को संवैधानिक परंपराओं से ऊपर नहीं रखा जाना चाहिए।
राहुल का कार्यक्रम और कांग्रेस की सफाई
सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी शपथग्रहण समारोह में इसलिए नहीं पहुंच पाए क्योंकि वे गुजरात में पार्टी कार्यक्रम के लिए रवाना हो गए थे। हालांकि, कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे की मौजूदगी से पार्टी का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया गया।
राधाकृष्णन ने ली शपथ
आपको बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। उन्होंने विपक्ष समर्थित उम्मीदवार बी. सुधर्शन रेड्डी को 152 वोटों के अंतर से हराया। राधाकृष्णन इससे पहले महाराष्ट्र के राज्यपाल रह चुके हैं और अब वे 11 सितंबर 2030 तक उपराष्ट्रपति के रूप में कार्यरत रहेंगे। इस अवसर पर पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ सहित कई प्रमुख नेता मौजूद थे।














