
पंजाब की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है। कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक नवजोत कौर सिद्धू के हालिया बयान ने ऐसा तूफान खड़ा कर दिया है कि सियासी गलियारों में हर तरफ चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। उन्होंने दावा किया कि पंजाब में मुख्यमंत्री बनने के लिए कथित तौर पर ‘500 करोड़ रुपये के सूटकेस’ की जरूरत होती है। उनके इस बयान ने विपक्ष को बड़ा हथियार दे दिया है, साथ ही कांग्रेस संगठन के भीतर भी खलबली मचा दी है।
“हमारे पास 500 करोड़ नहीं…”
नवजोत कौर सिद्धू के अनुसार, उनके पति और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू तभी सक्रिय राजनीति में वापसी करेंगे, जब पार्टी उन्हें औपचारिक रूप से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करेगी। उन्होंने कहा कि उनके पास इतना पैसा नहीं है कि वे किसी “खरीद-फरोख्त वाली कुर्सी” की दौड़ में शामिल हो सकें। उनका आरोप है कि जिसने भारी-भरकम रकम का सूटकेस पकड़ाया, वही राज्य की कमान संभाल लेता है। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी ने उनसे सीधे तौर पर पैसे नहीं मांगे, लेकिन जो तंत्र चल रहा है, वह इसी दिशा में इशारा करता है।
कांग्रेस में अंदरूनी कलह का संकेत
उन्होंने पंजाब कांग्रेस में तीव्र गुटबाजी का भी आरोप लगाया। नवजोत कौर सिद्धू का कहना है कि पार्टी के भीतर कम-से-कम पांच बड़े नेता हैं, जो खुद को मुख्यमंत्री की कुर्सी का दावेदार मानते हैं। इसी वजह से वे लोग नहीं चाहते कि सिद्धू को सीएम फेस घोषित किया जाए। यह बयान कांग्रेस के भीतर बढ़ते तनाव और असहमति को उजागर करता है।
बीजेपी ने दिया तीखा जवाब
नवजोत कौर सिद्धू के बयान पर बीजेपी ने तुरंत तीखी प्रतिक्रिया दी। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि इस वक्तव्य से साफ हो जाता है कि कांग्रेस संगठन “ऊपर से नीचे तक” भ्रष्टाचार से जकड़ा हुआ है। पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने भी निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने पहले भी सुना था कि कांग्रेस के एक पूर्व मुख्यमंत्री ने पद तक पहुंचने के लिए 350 करोड़ रुपये तक खर्च किए थे।
आप सरकार भी आई निशाने पर
सुनील जाखड़ ने इस विवाद के बहाने आम आदमी पार्टी सरकार को भी कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि पंजाब में कानून-व्यवस्था चरमराई हुई है और पुलिस व्यवस्था ऐसी दिखती है जैसे “यूनिफॉर्म पहने गैंगस्टर” राज्य चला रहे हों। जाखड़ के मुताबिक, मौजूदा परिस्थितियों में पंजाब को एक ईमानदार और उत्तरदायी नेतृत्व की जरूरत है, इसलिए लोगों को बीजेपी पर भरोसा करना चाहिए।
सिद्धू अभी राजनीति से दूर
दूसरी ओर, नवजोत सिंह सिद्धू पिछले कुछ समय से राजनीतिक गतिविधियों से दूरी बनाए हुए हैं। वह न तो कांग्रेस की बैठकों में सक्रिय दिख रहे हैं और न लोकसभा चुनाव प्रचार में नज़र आए थे। फिलहाल वह कमेंट्री, व्यक्तिगत जीवन और सोशल मीडिया पर अधिक समय दे रहे हैं। उधर, इस पूरे विवाद पर अब तक आप सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।













