
लोकसभा के शीतकालीन सत्र में बुधवार का दिन जबरदस्त राजनीतिक गर्माहट लिए हुए था। चुनाव सुधारों पर चर्चा के दौरान अचानक सदन का माहौल और भी तेज़ हो गया, जब गृह मंत्री अमित शाह और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी आमने-सामने आ गए। बहस का स्वर इतना तीखा हो गया कि सदन की गूंज दूर तक सुनाई दी।
चुनाव सुधारों पर शाह का तीखा प्रहार
अमित शाह मतदाता सूची में कमियों और उनके सुधार को लेकर विपक्ष के आरोपों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि विपक्ष हमेशा वोटर लिस्ट पर सवाल उठाता है, जबकि सच्चाई यह है कि हारने पर चुनाव आयोग पर उंगली उठाई जाती है और जीतने पर उसकी तारीफ़ होती है।
गृहमंत्री ने कहा— “विपक्ष कहता है मतदाता सूची गलत है। इसीलिए SIR लागू किया गया है। दो वोटर कार्ड, घर बदलने पर पुरानी एंट्री रह जाना जैसी सामान्य गलतियों को सुधारना ही SIR का उद्देश्य है। चाहे लिस्ट पुरानी हो या नई, आपकी हार तय है।”
Home Minister Amit Shah (@AmitShah ) Ji DEMOLISHES Rahul Gandhi’s arrogance 🔥
— Pradeep Bhandari(प्रदीप भंडारी)🇮🇳 (@pradip103) December 10, 2025
‘ I WILL NOT DEBATE AS PER YOUR ORDERS..’
‘ YOU WONT DECIDE MY SPEAKING ORDERS’#SIR pic.twitter.com/glPtvtuOPD
राहुल गांधी की बीच में दखल
शाह के भाषण के दौरान राहुल गांधी ने बीच में टोकते हुए हरियाणा का उदाहरण दिया और कहा कि ऐसे अनेक मामले मौजूद हैं। यहीं से बहस तीखी होती चली गई।
राहुल गांधी ने चुनौती देते हुए कहा— “Come for a debate at my press conference. I openly challenge you.”
उनकी इस टिप्पणी ने सदन में हलचल मचा दी। राहुल के बोल पूरा होते ही शाह ने सख़्त लहजे में पलटवार किया— “संसद आपके हिसाब से नहीं चलेगी। आप यह तय नहीं कर सकते कि मैं कब बोलूं।” इसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि अमित शाह का यह रवैया उनकी “घबराहट और रक्षात्मक प्रतिक्रिया” को दर्शाता है।
‘वोट चोरी किसे कहते हैं, मैं बताता हूं’—अमित शाह
बहस आगे बढ़ाते हुए गृहमंत्री ने वोट चोरी पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा— “जब कोई योग्यता न होते हुए भी वोटर बना दिया जाए, जब जनादेश की अवहेलना करके सत्ता हथियाई जाए—इसे ही वोट चोरी कहते हैं। स्वतंत्र भारत में सबसे पहले वोट चोरी जवाहरलाल नेहरू ने की थी। पटेल को 28 वोट मिले थे और नेहरू को सिर्फ 2।”
उन्होंने इंदिरा गांधी case और सोनिया गांधी की नागरिकता से पहले मतदाता बनने के मामले को भी उठाया। शाह ने कहा कि ये सारे प्रश्न अभी भी अदालतों में विचाराधीन हैं।
सदन का तापमान चढ़ा, बहस देर तक जारी रही
अमित शाह और राहुल गांधी के बीच इस टकराव ने सदन को पूरी तरह राजनीतिक रंग से भर दिया। दोनों नेताओं की तीखी टिप्पणियाँ सदन में देर तक गूंजती रहीं, वहीं बाकी सांसद भी लगातार अपनी प्रतिक्रियाएं देते रहे।














