
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा H-1B वीजा शुल्क बढ़ाने के फैसले पर कड़ा विरोध जताया है। ट्रंप ने H-1B वीजा के लिए प्रायोजित कंपनियों की फीस को सालाना 100,000 डॉलर तक बढ़ाने का आदेश दिया है। प्रमोद तिवारी ने इसे भारत के प्रतिभाशाली युवाओं पर एक गंभीर कुठाराघात बताते हुए कहा कि यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए “रिटर्न गिफ्ट” की तरह है, जो भारत के हित में एक बड़ा झटका साबित हुआ।
कांग्रेस सांसद का बयान
प्रमोद तिवारी ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी को रिटर्न गिफ्ट मिला है। यह कुल मिलाकर भारत के प्रतिभाशाली लोगों पर कुठाराघात है। प्रधानमंत्री आत्मनिर्भरता की बात करते हैं। 11 साल तक किसने रोक रखा था? आपने आत्मनिर्भरता क्यों नहीं बढ़ाई? अपनी विदेश नीति को मजबूत बनाएं और स्पष्ट रूप से भारत का पक्ष रखें। हमारे लाखों युवाओं के भविष्य के साथ जो खेला गया है, उसपर भारत को ठोस रुख अपनाना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा कि अगर सरकार सच में आत्मनिर्भरता बढ़ाना चाहती है, तो इसके लिए पहले क्यों कोई कदम नहीं उठाए गए। उनका यह भी कहना था कि सरकार को तत्काल और निर्णायक कदम उठाने होंगे, ताकि भारतीय युवाओं का भविष्य सुरक्षित रह सके। इस मुद्दे को लेकर विपक्ष के कई अन्य नेता भी भारत सरकार पर सवाल उठा रहे हैं।
H-1B वीजा शुल्क वृद्धि के असर
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार, 20 सितंबर को घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करते हुए H-1B वीजा शुल्क को सालाना 100,000 डॉलर तक बढ़ाने का प्रावधान लागू किया। इस फैसले से अमेरिका में काम कर रहे भारतीय पेशेवरों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना जताई जा रही है। वहीं, भारत सरकार ने इस फैसले को लेकर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि इससे मानवीय समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। सरकार ने उम्मीद जताई कि वाशिंगटन इस व्यवधान का उचित समाधान निकालेगा।














