
देश में खौफ और अस्थिरता फैलाने के मकसद से एक संगठित आतंकी मॉड्यूल खड़ा किया जा रहा था। इसके लिए अलग-अलग हिस्सों से लोगों को जोड़कर एक बड़ा नेटवर्क खड़ा करने की कोशिशें जारी थीं। जिन व्यक्तियों से संपर्क होता था, सबसे पहले उनका मानसिक रूप से झुकाव बनाया जाता था। इस पूरे षड्यंत्र का एक खास हिस्सा यह भी था कि मॉड्यूल में लड़कियों को प्रमुखता से शामिल किया जाए—क्योंकि कई जगहों पर महिलाएं आसानी से संदेह से बचकर अपना काम कर सकती हैं। यूनिवर्सिटी में काम करने वाली महिलाओं और छात्राओं की एक सूची तक तैयार की जा रही थी।
तीन स्तरों में बंटा था पूरा नेटवर्क
जांच से सामने आया कि इस नेटवर्क को तीन श्रेणियों में बांटा गया था—
पहली श्रेणी: वे लोग जिन्हें आतंकी प्लान की पूरी जानकारी दी जाती थी और जो सीधे ऑपरेशन में शामिल होते।
दूसरी श्रेणी: वे व्यक्ति जिन्हें पैसे, नौकरी या सुविधाओं का लालच देकर मदद करने पर मजबूर किया जाता।
तीसरी श्रेणी: ऐसे लोग जो बिना जाने मॉड्यूल को कोई न कोई सहयोग देते, लेकिन उन्हें पूरे उद्देश्य का अंदाज़ा नहीं होता।
पुलिस सूत्र बताते हैं कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी की फैकल्टी सदस्य डॉ. शाहीन सईद ने इस नेटवर्क से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ NIA को दीं। गुरुवार की रात NIA की पांच वाहनों वाली टीम डॉ. शाहीन को लेकर यूनिवर्सिटी कैंपस पहुंची। सबसे पहले वे रेजिडेंशियल ब्लॉक पहुँचे, जहां वह फ्लैट नंबर 32, ब्लॉक 15 में रहती थीं। फ्लैट खोला गया और जांच अधिकारी लगभग आधे घंटे तक वहां मौजूद रहे। पड़ोसियों से जानकारी ली गई और शाहीन से कई सवाल पूछे गए।
इसके बाद टीम कैंपस के उन सभी स्थलों पर गई, जहाँ शाहीन का नियमित आना-जाना था। जिन स्टाफ सदस्यों और छात्रों से वह नजदीकी संपर्क में थी, उनसे पूछताछ की गई। माना जा रहा है कि जल्द ही डॉ. आदिल को भी जांच के लिए वहीं लाया जाएगा।
शादी, ठिकाना और खोरी-जमालपुर की जांच
कुछ महीने पहले डॉ. शाहीन ने यूनिवर्सिटी कैंपस स्थित मस्जिद में डॉ. मुजम्मिल से निकाह किया था, जिसकी रस्म सिर्फ 12 लोगों की मौजूदगी में सादा तरीके से पूरी की गई थी। शादी के तुरंत बाद दोनों खोरी-जमालपुर में जुंबा के तीन कमरों वाले किराए के मकान में रहने लगे थे। NIA की टीम शाहीन को उसी मकान में ले गई और जुंबा से आमने-सामने पूछताछ की।
जांचकर्ता वहाँ लगभग एक घंटे तक मौजूद रहे। इसके बाद टीम उसे नेहरू ग्राउंड स्थित एक केमिकल की दुकान पर भी ले गई। सूत्रों का कहना है कि डॉ. मुजम्मिल ने इसी दुकान से धमाका करने वाली सामग्री तैयार करने के लिए केमिकल खरीदे थे। यह दुकान कई यूनिवर्सिटीज़ और कॉलेजों को लैब मटेरियल सप्लाई करती है। अब एजेंसी उन सभी लोगों की पहचान कर रही है जो शाहीन की शादी में शामिल हुए थे। सभी से व्यक्तिगत रूप से पूछताछ की जाएगी।
शाहीन की भूमिका और NIA की गिरफ्त
डॉ. शाहीन सईद एक फार्माकोलॉजिस्ट थीं और जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग जमात-उल-मोमिनात की भारत में प्रमुख बताई जा रही है। वह डॉक्टरों की एक ‘स्पेशलाइज्ड टेरर यूनिट’ तैयार कर रही थीं, जिसका मकसद देश में बड़े धमाके करवाना था। पुलिस ने जब उनकी कार की तलाशी ली, तो उससे एक AK-47 और अन्य संदिग्ध सामान बरामद हुआ। बाद में उनकी एक नई कार भी यूनिवर्सिटी परिसर में खड़ी मिली।














