
अयोध्या राम मंदिर पर ध्वजारोहण को लेकर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की टिप्पणी ने भारत में तीखी प्रतिक्रिया पैदा कर दी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेंद्र राजपूत ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि भारत को उसके आंतरिक मामलों में दखल देना किसी भी सूरत में मंजूर नहीं होगा। राजपूत के मुताबिक पाकिस्तान का यह बयान उसकी “औकात भूलने” जैसा है।
“भारत की संप्रभुता पर लेक्चर देना पाकिस्तान की गलती” – राजपूत
सुरेंद्र राजपूत ने पाकिस्तान की सरकार और सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि भारत एक परिपक्व और सशक्त लोकतंत्र है, जहां संविधान दशकों से स्थिर है। उन्होंने कटाक्ष किया कि पाकिस्तान में हर कुछ साल में सरकारें बदल जाती हैं और संविधान भी संशोधन के बोझ से दबा पड़ा है, जबकि भारत अपनी समस्याओं का समाधान खुद करने की क्षमता रखता है।
राजपूत ने आगे कहा कि पाकिस्तान का यह बयान “खुद अपनी मुश्किलें बढ़ाने जैसा” है। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता के कारण टूटने की कगार पर खड़ा है, इसलिए उसे भारत पर टिप्पणी करने की बजाय अपने हालात सुधारने पर ध्यान देना चाहिए।
क्या कहा था पाकिस्तान ने?
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने राम मंदिर में हुए ध्वजारोहण को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि यह स्थल “बाबरी मस्जिद” था, जिसे वह सदियों पुरानी उपासना स्थल बताता रहा है। पाकिस्तान ने 1992 की घटना का जिक्र करते हुए दावा किया कि भारत मुस्लिम विरासत और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को कमजोर करने की दिशा में बढ़ रहा है।
हालांकि पाकिस्तान की यह टिप्पणी उस देश की ओर से आई है जहां हिंदू मंदिर और प्राचीन विरासत लगातार उपेक्षा का शिकार हैं। इसी बीच, पाकिस्तान ने भारत पर “हिंदुत्व एजेंडा” चलाने का आरोप भी लगाया।
भारत का कड़ा पलटवार—विदेश मंत्रालय ने किया बयान खारिज
भारत के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान की टिप्पणी को कठोर शब्दों में नकार दिया। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा— “हम इन तथाकथित बयानों को पूरी तरह खारिज करते हैं। पाकिस्तान का अपना रिकॉर्ड ही धर्मांधता, दमन और अल्पसंख्यकों के दुरुपयोग से भरा पड़ा है। ऐसे देश को किसी और को उपदेश देने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।”
जायसवाल ने साफ कहा कि पाकिस्तान को भारत पर टिप्पणी करने की बजाय अपनी मानवाधिकार स्थिति और अल्पसंख्यकों की बदहाली पर ध्यान देना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में राम मंदिर के पूर्ण निर्माण के उपलक्ष्य में मंदिर शिखर पर “धर्म ध्वजा” फहराई थी, जिस पर पाकिस्तान ने आपत्ति जताई थी — जिसे भारत ने सिरे से खारिज कर दिया।














