इन पैरेंटिंग टिप्स के साथ बनाएं अपने बेटे को जेंटलमैन, हर कोई करेगा उसकी तारीफ
By: Ankur Thu, 24 Aug 2023 09:43:57
वर्तमान समय के दौर में कई ऐसे सामाजिक मुद्दे हैं जो सभी के सामने सवाल बनकर खड़े हैं और उनमें मुजरिम भी हम जैसे सामान्य लोग ही हैं। ऐसे में समाज में सुधार लाने के लिए जरूरी हैं कि हम अपने बच्चों को नेक इंसान बनाएं। उन्हें मैन नहीं बल्कि जेंटलमैन बनने की ओर प्रेरित करें। आमतौर पर हम बेटियों की परवरिश को लेकर अधिक चिंतित रहते हैं और उन्हें सर्वगुण संपन्न बनाने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं, लेकिन इसी के साथ जरूरी हैं कि अपने बेटों की परवरिश पर भी उतना ही ध्यान दिया जाए। माता-पिता के रूप में यह हमारी ज़िम्मेदारी होती है कि हम उस बच्चे को मेल या फ़ीमेल चाइल्ड के बजाय जेंटल पर्सन बनाएं। आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसी बातों की जानकारी देने जा रहे हैं जिन्हें बच्चों की परवरिश में शामिल का उन्हें जेंटलमैन बनाया जा सकता हैं।
जिम्मेदारियों दें
पेरेंटसर्कल के मुताबिक, छोटे बच्चों खासतौर पर लड़कों को जिम्मेदारियां देना कम उम्र से ही जरूरी है। इसके लिए आप उन्हें छोटे छोटे टास्क देना शुरू करें। मसलन, छोटे बच्चे हैं तो आप उन्हें कुकिंग के दौरान चम्मच मांग सकते हैं या स्कूली बच्चों को रोज गार्डन और पेट्स को पानी देने की जिम्मेदारी दे सकते हैं।
हाथ मिलाना सिखाएं
यह बहुत मामूली बात लग सकती है, लेकिन बेटे को दृढ़ता से हाथ मिलाना सिखाएं इससे उसके भीतर स्पर्श से जुड़ी गांठ नहीं बन पाएगी। हाथ मिलाने की छोटी-सी आदत उन्हें लड़कियों के प्रति सहज भाव विकसित करने में मदद करेगी। वे उन्हें किसी दूसरे ग्रह की प्राणी नहीं, अपने जैसी ही लगेंगी और वे उनके प्रति मित्रता और सहजता महसूस कर पाएंगे।
भावनाओं को एक्सप्रेस करना सिखाएं
कई घरों में लड़कों को रोने से मना किया जाता है और यह काम लड़कियों का माना जाता है। लेकिन याद रखें कि अगर आपका बेटा किसी बात से अपसेट है तो उसे रोने से रोकें नहीं, जब तक कि वह आउट ऑफ कंट्रोल ना हो जाए। इस तरह आप पाएंगे कि वह अपनी भावनाओं को कंट्रोल करना या सही तरीके से व्यक्त करना सीखने लगेगा। आप उन्हें गुस्सा, प्यार, दुख को समझने और उसे बेहतर तरीके से एक्सप्रेस करना सिखा सकते हैं।
मदद करना सिखाएं
यह आदत न केवल उनके व्यक्तिव के लिए सकारात्मक है, बल्कि मज़बूत सामाजिक संबंध भी देती है। उन्हें ऐसे मौक़ों की तलाश करना सिखाएं जब वे किसी की मदद कर सकें। एक व्यक्ति के रूप में हमारी पहचान इसी बात से तय होती है कि हम किसी के प्रति कितने संवेदनशील हैं। अगर हम किसी का कष्ट देखकर उसकी मदद को आगे बढ़ना सीख जाते हैं तो उसे कष्ट देने की प्रवृत्ति हावी नहीं होगी।
सोशल स्किल बढाएं
अधिकतर लड़के, लड़कियों की तुलना में गहरी दोस्ती करने में पीछे रहते हैं। ऐसे में आप उन्हें दोस्त बनाने, अपनी चीजों को शेयर करने, लोगों की मदद करने आदि का स्किल सिखा सकते हैं। इस तरह लोग उससे दोस्ती करना चाहेंगे और आपका बेटा सोशल स्किल बढ़ा पाएगा।।
शेयरिंग इज़ केयरिंग
उन्हें पाने के लालच से बाहर निकालें। उन्हें शेयरिंग इज़ केयरिंग का मंत्र दें। प्रकृति का नियम है कि जब आप देना शुरू करते हैं तो अपने आप मिलने लगता है। आप समाज के लिए उपयोगी होना एक सवाल के रूप में उनके सामने रखें। उनसे पूछें कि वे किस रूप में देखा जाना पसंद करेंगे? जब वे इसका जवाब खोजेंगे तो बहुत-सी गलतियां करने से ख़ुद ही करने से बच जाएंगे।
मेहनत और ईमानदारी सिखाएं
बच्चों को आप बचपन से ही मेहनत करने के महत्व को समझाएं और मेहनती बनने के लिए प्रेरित करें। उनके दिमाग में बचपन से ही डालें कि मेहनत के बिना कुछ नहीं मिलता और आप मेहनत कर हर चीज पा सकते हैं। इसके साथ साथ आप उन्हें ईमानदार इंसान बनने के लिए भी प्रेरित करें।
लोगों को दे इज्जत
बच्चों को अगर आप चाहते हैं कि वे आपकी या लोगों की इज्जत करे तो आप भी हमेशा हर उम्र, हर जेंडर या हर क्लास के लोगों की इज्जत करें। आपके बर्ताव से उनके बिहेव में भी सकारात्मक अंतर आएगा। बेटे को सिखाएं कि दुनिया में एक वही नहीं और भी हैं। इसके लिए घरेलू स्तर से शुरुआत करें जैसे कि बेटे और बेटी को समान महत्व दें। ग़लती करने पर दोनों के प्रति एक समान अनुशासन बरतें और अच्छा काम करने पर एक समान शाबाशी। इससे आपके बेटे के अंदर पितृसत्ता के दुर्गुण नहीं आ पाएंगे। उन्हें ऐसे जीना सिखाएं कि वे केवल आपके या रिश्तेदारों या परिचितों के साथ ही नहीं घर में काम करनेवाली बाई से भी सम्मान से पेश आएं। न कि किसी के काम के कारण उसको छोटा और शोषण के क़ाबिल समझने लगें। इससे वे महिलाओं और पुरुषों को समान इज्जत देना तो सीखेंगे हीं, क्षेत्रवाद, गरीबी अमीरी, सोशल स्टेटस को लेकर भी उनके अंदर मतभेद की भावनाएं दूर रहेंगी।