वर्तमान परिवेश में देखने को मिल रहे कई सिंगल मेल पेरेंट, इस तरह करें अपने बच्चे की परवरिश
By: Ankur Sat, 19 Mar 2022 7:57:10
किसी भी बच्चे की परवरिश में उसके माता-पिता का महत्वपूर्ण स्थान होता हैं जो दोनों मिलकर बच्चे को संभालते हैं। लेकिन वर्तमान परिवेश में कई बार देखने को मिलता हैं कि कई बार बच्चे के पास किसी एक पेरेंट का साथ ही होता हैं जिसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। आज इस कड़ी में हम बात करने जा रहे हैं सिंगल मेल पेरेंट की जिसके लिए अकेले अपने बच्चे की परवरिश करना कोई आसान काम नहीं होता हैं। लेकिन समझदारी से परिस्थिति को हेंडल किया जाए तो बेहतरीन परिणाम देखने को मिलते हैं। आज इस कड़ी में हम कुछ ऐसे ही टिप्स लेकर आए हैं जो सिंगल मेल पेरेंट के बहुत काम आएंगे और बच्चे की परवरिश में उनका काम आसान करेंगे। तो आइये जानते हैं इन टिप्स के बारे में...
अपना नज़रिया बदलें
सबसे पहले अपना नज़रिया बदलें और मन में किसी भी तरह की हीनभावना न पालें। आप अपना सारा व़क़्त उसके साथ बिताकर पैरेंटिंग का पूरा लुत्फ़ उठा सकते हैं। आपके पास उपलब्ध सभी साधनों का इस्तेमाल आप बच्चे को ज़िम्मेदार नागरिक बनाने में कर सकते हैं आदि। आपकी सोच सकारात्मक होगी तो बच्चे को कभी अकेलापन महसूस नहीं होगा और यक़ीनन उसकी परवरिश करना आपके लिए आसान होगा।
अपनी बेटियों-बेटों के लिए फीमेल मेंटर्स
सिंगल फादर को अपने बच्चों के लिए मेंटर्स की जरूरत होती है, या तो पुरुष मेंटर या महिला मेंटर। उनकी बेटियों को महिला रोल मॉडल की जरूरत है, जिसे वे देख सकें और उन्हें प्रेरित कर सकें। वही मामला बेटों पर लागू होता है, जिन्हें संबंधपरक मॉडल की जरूरत होती है, जो केवल महिलाएं ही उन्हें प्रदान कर सकती हैं। एक सिंगल फादर के तौर पर, अपने पड़ोसियों, बहनों, चचेरे भाई, सहकर्मियों, आदि सहित अपने प्रभाव के दायरे में उन महिलाओं की तलाश करें, जो महिला दृष्टिकोण से उचित मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए कुछ घंटे समर्पित करने के लिए तैयार हैं।
दिनचर्या तय करें
रोजाना की दिनचर्या बनाएं। रोज अपने कामकाज की एक व्यवस्थित दिनचर्या बनाने से आपको काम करने और बच्चों की परवरिश करने में आसानी होगी। अपने काम और घर के कामकाज के समय को तय करें। ऐसा करने से आप बच्चों को पर्याप्त समय दे पाएंगे।
ऑनलाइन रिसोर्सेज
वेब पर जो कुछ भी उपलब्ध है, वह सिंगल पिता की तुलना में सिंगल और मैरिड मदर्स के लिए है। ये रिसोर्सेज अक्सर बच्चों की परवरिश, सिंगल पेरेंटिंग के दौरान सामने आने वाली चुनौतियों और कई अन्य टिप्स की रूपरेखा देते हैं, जो सिंगल फादर के लिए मददगार हो सकते हैं। सौभाग्य से, सिंगल फादर के लिए और उनके बच्चों के फायदे के लिए कुछ ऑनलाइन संसाधन मौजूद हैं। जिनमें कुछ पेरेंटिंग एजुकेशन पोर्टल हैं और कुछ अन्य टूल किट हैं जो आपको एक अच्छे पिता बनने में मदद करेंगे।
बच्चे को पूरा समय दें
बच्चे की अच्छी परवरिश के लिए उसके साथ समय बिताएं। केवल अच्छे-अच्छे उपहार देने भर से आपकी ज़िम्मेदारी ख़त्म नहीं हो जाती। माना आप अपने करियर की वजह से ही परिवार नहीं बढ़ा रहे हैं, लेकिन अपने बच्चे को सही-ग़लत की जानकारी देना भी आपकी ही ज़िम्मेदारी है और इसके लिए आपको उसके साथ समय बिताना ही होगा। समय न दे पाने की जगह यदि आप पॉकेटमनी, उसके जन्मदिन पर फैंसी बर्थडे पार्टी या ग़िफ़्ट दे कर अपनी ज़िम्मेदारी से बचेंगे तो बच्चे को ग़लत संदेश मिलेगा। यदि आपके ऑफ़िस आवर्स ज़्यादा हैं तो घर के कामों के लिए कोई हेल्पर रखें और ऑफ़िस के बाद का अधिकांश समय बच्चे के साथ ही बिताएं।
ना करें दूसरे पेरेंट्स से अपनी तुलना
दूसरे पेरेंट्स से अपनी तुलना बिलकुल भी न करें। ऐसा करने से आपके मन में नकारात्मक चीजें बैठ सकती है जिसकी वजह से इसका असर बच्चों पर भी हो सकता है। तनाव और डिप्रेशन से बचने के लिए रोजाना मेडिटेशन और एक्सरसाइज करें। परवरिश के दौरान हो सकता है कि आपको डिप्रेशन और तनाव का सामना करना पड़े। इससे बचने के लिए ध्यान करना बहुत जरूरी है।
बच्चे को व्यस्त रखें
अकेले बच्चे अक्सर बोर होने लगते हैं और बोरियत
दूर करने के लिए अमूमन उन्हें टीवी, वीडियो गेम या इंटरनेट आदि का चस्का लग
जाता है। इससे उनकी सेहत को नुक़सान पहुंचता है और उनके विकास पर भी
नकारात्मक असर पड़ता है। अतः बच्चे को किसी रचनात्मक कार्य में व्यस्त
रखें। आजकल सभी शहरों में बच्चों के लिए क्रिएटिव क्लासेज़ उपलब्ध हैं।
बच्चे की रुचि के अनुसार आप उसे इन क्लासेज़ में भेज सकते हैं। क्लास का
समय वह चुनें, जब आप ऑफ़िस में रहते हों, ताकि आपकी ग़ैरमौजूदगी में बच्चा
रचनात्मक कार्य में लगा रहे और ऑफ़िस से लौटने के बाद तो आप उसके साथ होंगे
ही।
कोई ग्रुप ज्वाइन करें
अपने बच्चे के साथ कुछ एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज के रूप में एक समूह में शामिल होना नए रिलेशन बनाने का बेहतर तरीका हो सकता है। इससे आपको अपने बच्चे के साथ प्रोडक्टिव टाइम बिताने में मदद मिलेगी और आपको ये भी पता चलेगा कि अन्य पेरेंट्स अपने बच्चों का पालन-पोषण करने के लिए और क्या-क्या करते हैं। यदि आप एक तलाकशुदा पिता हैं और आपका काफी बिजी शेड्यूल रहता है, तो इस तरह की एक्टिविटी और शौक न केवल आपको अपने बच्चे के साथ समय बिताने देंगे बल्कि इससे पिता-पुत्र या पिता-पुत्री के रिश्ते को मजबूत करेंगे। इससे आपके बेटे या बेटी के ओवरऑल डेवलपमेंट में भी मदद मिलेगी। अंततः ये एक बेहतर वर्क लाइफ बैलेंस ओर ले जाएगा।
अपने परिवार में घुलें-मिलें
आप एक अच्छे पिता बनने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। लेकिन अपने पिता के कर्तव्यों को निभाने के लिए अपनी सीमाओं से परे खुद को खींचना एक अच्छा पिता नहीं है। एकल पिता के रूप में कभी-कभी अकेलापन और उदास महसूस करना जाहिर सी बात है। ऐसे में किसी की मदद मांगना कोई ऐसी चीज नहीं है जिसके लिए आपको शर्म आनी चाहिए। आपके सबसे करीब आपका खुद का परिवार होता है, आपके बच्चे के दादा-दादी, चाचा और चाची न केवल बच्चे को पालने में आपकी मदद करेंगे बल्कि उसे सामाजिक भी बनाएंगे। और इससे ये बंधन केवल मजबूत, बेहतर, स्वस्थ और खुशहाल ही होने वाला है।