दो बच्चों के बीच लड़ाई की वजह बन सकती हैं पेरेंट्स की ये गलतियां, रखें इनका ध्यान

By: Priyanka Maheshwari Thu, 29 Feb 2024 09:41:39

दो बच्चों के बीच लड़ाई की वजह बन सकती हैं पेरेंट्स की ये गलतियां, रखें इनका ध्यान

जिस घर में दो बच्चे होते हैं वहां चहल-पहल बनी रहती हैं। दोनों बच्चों के बीच का प्यार तो आपको देखने को मिलता ही हैं, लेकिन इसी के साथ ही उनके बीच नोक-झोंक भी देखने को मिलती हैं। बचपन से लेकर टीनएजर तक भाई-बहनों के बीच अक्सर छोटी-छोटी बातों पर लड़ाइयां होना आम बात है। कई बार इसके पीछे का कारण पेरेंट्स की कुछ आदतें भी बनती हैं। वैसे तो सभी माता-पिता अपने बच्चों को बराबर का प्यार और स्नेह देते हैं। लेकिन कई बार अनजाने में कुछ चीजें ऐसी हो जाती हैं जिसकी वजह से बच्चों के मन में खिन्नता हो जाती हैं जो लड़ाई के रूप में देखने को मिलती हैं। आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं पेरेंट्स की उन गलतियों के बारे में जिनपर ध्यान देना बहुत जरूरी हैं।

parenting mistakes leading to sibling fights,causes of sibling rivalry due to parental errors,how parenting mistakes affect sibling relationships,preventing sibling fights by avoiding parental errors,impact of parental mistakes on sibling conflicts,avoid these parenting mistakes to prevent sibling fights,tips to mitigate sibling rivalry through effective parenting,parental behaviors influencing sibling disagreements,strategies to minimize sibling fights by addressing parental mistakes,understanding the link between parenting errors and sibling conflicts,resolving sibling disputes by correcting parental behaviors,promoting harmony between siblings by avoiding common parenting mistakes,nurturing healthy sibling relationships by avoiding certain parental actions,creating a peaceful home environment by addressing parental mistakes,enhancing sibling bonds through mindful parenting practices

दूसरे बच्चे की खुशी में अति उत्साहित होना

किसी के घर जब दूसरे या तीसरे बच्चे का जन्म हो रहा होता है तो मां-बाप अपने बच्चों से कहते हैं कि वो बड़े भाई या बहन बनने जा रहे हैं। उन्हें लगता है कि इस खबर से जैसे वो खुश हैं वैसे ही उनके बच्चे भी होंगे जो गलत है। वास्तव में अगर बच्चा छोटा है तो वो इस स्थिति को ज्यादा समझ भी नहीं पाता। ऊपर से बच्चे के जन्म के बाद मां-बाप का प्यार और अटेंशन दो बच्चों में बंट जाता है। उनके पास बड़े बच्चे को देने के लिए ज्यादा समय भी नहीं होता। बच्चों की वजह से व्यस्तता भी बढ़ जाती है। इसके अलावा बड़े बच्चे के लिए अपना कमरा, चीजें और खिलौने शेयर करना भी अलग अनुभव होता है। मां-बाप इस स्थिति पर ज्यादा ध्यान नहीं देते लेकिन बच्चे के लिए ये काफी परेशान करने वाला है। ऐसे में माता-पिता को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनके बच्चे के मन में अपने आने वाले भाई या बहन के लिए मनमुटाव ना हो।

भेदभाव करने से बचें

बच्चों की आपस में लड़ाई होने के बाद कुछ पेरेंट्स अक्सर किसी एक बच्चे का पक्ष ले लेते हैं। वहीं पेरेंट्स छोटे बच्चों की नादानियों को अवॉयड कर देते हैं और बड़े बच्चे को गलती करने पर फटकार लगाने से भी नहीं चूकते हैं। ऐसे में भाई बहन के बीच दूरियां आना स्वाभिवक होता है। इसलिए लड़ाई करने पर किसी एक बच्चे का पक्ष बिल्कुल न लें और दोनों बच्चों को उनकी गलती का एहसास करवाएं।

parenting mistakes leading to sibling fights,causes of sibling rivalry due to parental errors,how parenting mistakes affect sibling relationships,preventing sibling fights by avoiding parental errors,impact of parental mistakes on sibling conflicts,avoid these parenting mistakes to prevent sibling fights,tips to mitigate sibling rivalry through effective parenting,parental behaviors influencing sibling disagreements,strategies to minimize sibling fights by addressing parental mistakes,understanding the link between parenting errors and sibling conflicts,resolving sibling disputes by correcting parental behaviors,promoting harmony between siblings by avoiding common parenting mistakes,nurturing healthy sibling relationships by avoiding certain parental actions,creating a peaceful home environment by addressing parental mistakes,enhancing sibling bonds through mindful parenting practices

दूसरे बच्चे के आने पर पहले को इग्नोर करना

मां-बाप के लिए ये उम्मीद करना गलत है कि नए बच्चे की खुशी को उनके बड़े भाई-बहन उसी तरह मनाएंगे जैसे वो मना रहे हैं। वास्तव में उनके लिए इस बात को दरकिनार करना काफी मुश्किल है कि अब उन्हें मां-बाप की पूरी अटेंशन नहीं मिलने वाली। छोटे बच्चे ये नहीं बता पाते कि वो क्यों नाराज हैं लेकिन उन्हें बखूबी ये बात चुभती है और वो गुस्सा कर, चीजें तोड़कर और रोकर अपनी नाराजगी जाहिर करते हैं। ऐसे में मां-बाप को खासतौर पर अपने पहले बच्चे की इस मनोदशा को समझना चाहिए और उनको बराबर तवज्जो देने की कोशिश करनी चाहिए।

शेयरिंग के लिए फोर्स न करें

घर में छोटा बच्चा आने के बाद बड़े बच्चों को अक्सर अपने खिलौने और खाने की चीजें अपने छोटे भाई या बहन के साथ शेयर करनी पड़ती है। जाहिर है बच्चे बड़ों की तरह मैच्योर नहीं होते हैं। वहीं कई बार बच्चे अपनी चीजें शेयर करने से इंकार भी कर देते हैं। ऐसे में बच्चों को चीजें शेयर करने के लिए फोर्स करने के बजाए प्यार से समझाएं।

parenting mistakes leading to sibling fights,causes of sibling rivalry due to parental errors,how parenting mistakes affect sibling relationships,preventing sibling fights by avoiding parental errors,impact of parental mistakes on sibling conflicts,avoid these parenting mistakes to prevent sibling fights,tips to mitigate sibling rivalry through effective parenting,parental behaviors influencing sibling disagreements,strategies to minimize sibling fights by addressing parental mistakes,understanding the link between parenting errors and sibling conflicts,resolving sibling disputes by correcting parental behaviors,promoting harmony between siblings by avoiding common parenting mistakes,nurturing healthy sibling relationships by avoiding certain parental actions,creating a peaceful home environment by addressing parental mistakes,enhancing sibling bonds through mindful parenting practices

बच्चों की लड़ाई में किसी एक का साथ देना

बच्चों में जब भी झगड़ा होता है तो इस स्थिति में मां-बाप को दोनों को प्यार से समझाना चाहिए। इस दौरान अगर एक बच्चे की गलती होती भी है तो उसे अलग से उसकी गलती बतानी चाहिए ना कि दूसरे बच्चे के सामने उसे डांटना या मारना चाहिए। बच्चों के अंदर भी आत्मसम्मान होता है और किसी दूसरे बच्चे के सामने डांट और मार का उन पर बहुत बुरा असर पड़ता है। वो शर्मिंदगी महसूस करते हैं। इससे उनके मन में दूसरे बच्चे और अपने मां-बाप के लिए भी नाराजगी पैदा होने लगती है। अक्सर मां-बाप जाने-अनजाने में अपने बच्चों में फर्क करने लगते हैं और लड़ाई-झगड़े में भी वो उसी का साथ देते हैं। हमेशा किसी एक बच्चे की तरफदारी करना गलत है।

एक बच्चे की दूसरे से तुलना करना

सभी बच्चों का व्यक्तित्व, तौर-तरीके, आदतें और व्यवहार अलग होता है। ऐसे में दोनों को एक-दूसरे से कम्पेयर करना ठीक नहीं है। कोई बच्चा बहुत शांत होता है तो कोई बहुत शैतान, अगर आप दोनों को एक-दूसरे की तरह बनने की सीख देंगे तो इसके उनके कोमल मन पर बुरा असर पड़ेगा। इस स्थिति में वो अपने भाई या बहन को खुद से बेहतर समझेंगे और उनसे ईर्ष्या करने लगेंगे। एक बच्चे को दूसरे का उदाहरण देना मां-बाप की बहुत बड़ी भूल होती है और ये वो अक्सर बच्चों के बड़े होने तक करते रहते हैं। लगातार मां-बाप की इस तुलना से बच्चे तंग हो जाते हैं और धीरे-धीरे उनके मन में अपने भाई और बहन के लिए खीझ पैदा होने लगती है।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com