गुस्से में भी ना कहें बच्चों से ये बातें, दिमाग पर पड़ता हैं नकरात्मक असर

By: Ankur Tue, 29 Mar 2022 6:15:21

गुस्से में भी ना कहें बच्चों से ये बातें, दिमाग पर पड़ता हैं नकरात्मक असर

बच्चों की परवरिश करना कोई आसान काम तो है नहीं। आप चाहते हैं कि आपके बच्चे सलीकेदार, संस्कारी, कहना मानने वाले बने अर्थात आपके बच्चे सर्वगुण संपन्न हो। लेकिन इसके लिए आपकी परवरिश भी उसी अनुरूप होनी चाहिए। हम यह नही कहते कि आप आपके बच्चे की परवरिश सही से नहीं कर रहे हैं। लेकिन परवरिश के दौरान आपको भी अपने में बदलाव लाने की जरूरत होती हैं। बच्चों को अनुशासित रखने के लिए या उन्हें सुधारने के लिए माता-पिता कई बार ऐसी बातें बोल देते हैं जिससे बच्चों के कोमल मन पर बुरा असर पड़ता हैं। हम समझ सकते हैं कि आपकी स्थिति कैसी होगी लेकिन आपको इस दौरान संयम बरतने और समझदारी से काम लेने की जरूरत होती हैं। क्योंकि आपके द्वारा बोली गई कुछ गलत बातें उनके दिमाग में बैठ जाती हैं और वह सुधरने के बजाय डरना शुरू कर देते हैं। आइये जानते हैं उन बातों के बारे में जो आपको अपने बच्चों से गुस्से में भी नहीं कहनी चाहिए...

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काश तुम कभी पैदा नहीं होते

आप कितने भी नाराज क्यों ना हो लेकिन बच्चे से भूलकर भी ना बोलें कि 'काश तुम कभी पैदा नहीं होते'। कोई भी बच्चा अपने पेरेंट से ये नहीं सुनना चाहता है। ये बातें ना सिर्फ आपके बच्चे की भावनाओं को आहत करती हैं बल्कि उसके आत्म सम्मान को भी ठेस पहुंचाती हैं। इससे बच्चे के मन मे ये बात आ सकती है कि उसे कोई पसंद नहीं करता है।

तुम्हारी बस की नही हैं ये काम

बच्चे बहुत एनर्जेटिक होते हैं।ऐसे में काफी बार वह अपनी उम्र से बढ़कर कामों को करने लगते हैं। जैसे,भारी समान उठाना । अगर आप उनसे मजाक में भी कहेंगे कि रहने दो तुम्हारी बस की नहीं हैं ये काम । तो आपका बच्चा खुद को कमजोर समझने लगेगा और अपने आप को साबित करने के लिए वह जबरदस्ती उस काम को करेगा। इसलिए बेहतर ये हैं कि आप उसे प्यार से समझाएं।

हम इसे कभी बर्दाश्त नहीं कर सकते”

आप नहीं चाहते कि आपके बच्चे ये महसूस करें कि उनके सपने या आकांक्षाएं पैसे से सीमित हो सकती हैं। इसके बजाय, उन्हें इसके लिए कड़ी मेहनत करें। आप चाहते हैं कि आपके बच्चे ये जानें कि पैसा एक महान मूल्य है जिसे कड़ी मेहनत से कमाया जा सकता है लेकिन ये आपके सपनों और खुशियों को निर्धारित नहीं करता है। मेटेरियलिज्म पर खुशी को प्रॉयरिटी देने की बात आने पर आपके बच्चे स्मार्ट फाइनेंशियल हैबिट्स को डेवलप करेंगे और धैर्य रखेंगे।

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काश कि तुम अपने भाई/बहन की तरह होते

दूसरों के साथ तुलना किसी को भी पसंद नहीं होता। बच्चों को अपनी की गई चीज की तारीफ ज्यादा पसंद आती है। इस तरह की बात बच्चे के मन में अपने भाई/बहन के लिए प्रतिद्वंद्विता की भावना बढ़ाएगी। बच्चे की मन में ये बात बैठ जाती है कि वो अपने भाई-बहन की तरह अच्छा कभी नहीं बन सकता। याद रखें कि हर बच्चा अलग होता है और उसकी अपनी खासियत होती है।

तुम मर क्यों नही जाते

बच्चों पर गुस्सा उतारते वक्त कई बार पेरेट्स ये बोल देते हैं कि तुम मर क्यों नही जाते। लेकिन बच्चों से यह बात कभी नही कहनी चाहिए। ऐसा कहने से उन्हें लगता है कि उनके माता-पिता उनसे प्यार नहीं करते और ये बात बच्चों के मन पर बहुत गलत असर डालती हैं।

ऐसे बच्चे बनना बंद करो

एक बच्चे के लिए एक बच्चे की तरह व्यवहार करना ठीक है। उनके लिए गलतियां करना ठीक है। बच्चों का रोना सामान्य है। माता-पिता कभी-कभी अपने बच्चों के प्रति थोड़े कठोर हो सकते हैं, ये कहकर आप उन्हें एक निश्चित उम्र का व्यवहार कर रहे हैं जो उनके लिए स्वाभाविक रूप से नहीं आती है। इतनी कम उम्र में किसी बच्चे पर एक निश्चित व्यवहार लागू करना उन्हें चुस्त और कंजर्वेटिव बनाने वाला है।

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एक दिन तुम्हें छोड़कर चली जाऊंगी

आप बच्चों को डराने के लिए ऐसी बातें कह देते हैं लेकिन बच्चे इस बात को बहुत गंभीरता से लेते हैं और फिर उन्हें डर सताने लगता है कि उनके पेरेंट उन्हें छोड़कर चले जाएंगे। साथ ही वह इस बात को बार बार सोचते हैं जिससे उनके दिमाग पर भी गलत असर पड़ता हैं।

तुम हमेशा मुझे परेशान करने का तरीका ढूंढते हो

कई बार बच्चे अपने माता-पिता की खुशियों के खिलाफ जाकर काम करते हैं जिससे उनकी भावनाएं आहत हो जाती हैं। अक्सर तो ऐसा अनजाने में होता है लेकिन कई बच्चे जानबूझकर भी ऐसा करते हैं। ऐसे में अपने बच्चे से ऐसा कुछ कहना उन्हें अपने फैसले पर अपराधबोध महसूस करवा सकता है। इसलिए बच्चों को अपने फैसले खुद करने दें।

तुम्हें खुद पर शर्म आनी चाहिए

यह बयान अपने आप में बेहद कठोर है और किसी भी बच्चे को ऐसा कहना पूरी तरह से गलत है। बहुत से बच्चे ऐसे होते हैं जिनकी शैतानियां इतनी ज्यादा होती हैं कि वह किसी कि नहीं सुनते। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप अपने बच्चे को इस तरह से बोलें। बच्चों को अच्छे और बुरे के बीच का फर्क समझाने के और भी तरीके हो सकते हैं।

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