हर जोड़े को राधा-कृष्ण से सीखनी चाहिए ये बातें, मिसाल बन जाएगा आपका रिश्ता

By: Ankur Wed, 24 Aug 2022 5:02:00

हर जोड़े को राधा-कृष्ण से सीखनी चाहिए ये बातें, मिसाल बन जाएगा आपका रिश्ता

प्यार करने वाले प्रेमी जोड़े हो या शादीशुदा कपल उन्हें अपने पार्टनर के प्रति समर्पित होना जरूरी हैं तभी यह रिश्ता अच्छी तरह से फंलता-फूलता हैं और मिठास बनी रहती हैं। ऐसे में सभी प्रेमी जोड़ों को सलाह दी जाती हैं कि वे राधा-कृष्ण से सीखें जो अपने प्यार के प्रति समर्पित थे और प्यार की एक मिसाल हैं। हांलाकि दोनों की शादी नहीं हुई थी लेकिन आज भी दोनों का नाम एकसाथ लिया जाता हैं। राधा के बिना कृष्ण अधूरे हैं और कृष्ण के बिना राधा। आज के समय में रिश्तों में ठहराव और समर्पण कहीं गुम होने लगा हैं। ऐसे में आज हम आपके लिए कुछ ऐसी बातों की जानकारी लेकर आए हैं जिन्हें हर किसी को राधा-कृष्ण से सीखनी चाहिए।

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अपने पार्टनर की भावना से जुड़ें

कृष्ण जब यमुना नदी के अंदर कालिया नाग का वध करने गए तब वृंदावन में सब कृष्ण की कुशलता के लिए प्रर्थना कर रहे थे। उस समय बस राधा ही थीं जो कृष्ण के लिए जान देने के लिए भी तैयार थीं। ऐसी भावनाएं आप में तभी आ सकती हैं जब आप अपने पार्टनर के साथ दिल की गहराई से जुड़े हों। एक-दूसरे की आत्मा को छूने का प्रयास करें।

अलग नहीं, एक बनकर जिएं

कृष्ण और राधा ने अपने प्रेम से यह बताया कि वह दोनों अलग नहीं है। कृष्ण अगर शरीर हैं तो राधा आत्मा हैं। कई तरह की कहानियां प्रचलित हैं। उनमें से एक कहानी के मुताबिक, कान्हा के मथुरा जाने से पहले एक बार राधा रानी ने कृष्ण से पूछा कि वह उनसे विवाह क्यों नहीं कर सकते? इस पर कृष्ण ने कहा कि कोई अपनी आत्मा से विवाह करता है क्या। कृष्ण के इस जवाब से स्पष्ट है कि वह राधा जी से इतना प्रेम करते थे कि उनके लिए राधा उनका हृदय व आत्मा बन गईं थीं, जो हमेशा उनके साथ रहती थीं।

पार्टनर के लिए समर्पण का भाव रखें

राधा शक्ति का अवतार मानी जाती हैं। कहा जाता है राधा, कृष्ण के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित थीं। वृंदावन के माखन चोर जब भी बांसुरी बजाया करते थे, राधा उनकी धुन में पूरी तरह खो जाती थीं और खुद को नाचने से रोक नहीं पाती थीं। तो आप भी अपने पार्टनर के लिए पूरी तरह समर्पित रहें, अपने हाव-भाव में अपने इस भाव को दिखाएं।

प्रेम हृदय से होता है, शक्ल और उम्र से नहीं


प्रेम किसी से भी हो सकता है। प्रेम के बीच कभी आयु का बंधन नहीं होता। राधा रानी श्रीकृष्ण से आयु में बड़ी थीं, फिर भी कान्हा राधा से बहुत स्नेह करते थे। उन दोनों के लिए आयु कोई मायने नहीं रखती थी। इसी तरह कई विद्वानों के मुताबिक राधा दूध की तरह गोरी और सुंदर थीं, वहीं कान्हा सांवले थे। फिर भी दोनों एक दूसरे को भा गए। प्रेम हृदय से होता है, शक्ल और उम्र से नहीं।

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रिश्ते में धीरज रखें

यह माना जाता है कि राधा जो कृष्ण से उम्र में बड़ी थीं, उन्होंने तब तक अपनी आंखें नहीं खोली थी जब तक कृष्ण का जन्म नहीं हुआ था। इस तरह का प्यार दृढ़ता और धैर्य रखने से ही आता है। यदि आपको भी अपना रिश्ता मजबूत रखना है तो छोटी-छोटी लड़ाइयों में पड़ने से बेहतर है कि शांत भाव से रहें और बातों से मसलों को सुलझाएं। रिश्ते का असली मतलब यही होता है कि आप एक-दूसरे को समझें।

प्रेम में विवाह जरूरी नहीं

भगवान श्रीकृष्ण विष्णु का अवतार हैं। उनका जन्म बड़े उद्देश्य से हुआ था। अपने ही मामा कंस की क्रूरता का अंत करने के साथ ही महाभारत काल में अधर्म पर धर्म की जीत के लिए पांडवों को मार्ग दिखाने के लिए कन्हैया इस पृथ्वी पर अवतरित हुए थे। भले ही केशव की कई पत्नियां हुईं पर राधा से उनका विवाह नहीं हुआ। कृष्ण इस सृष्टि को यह सीख देना चाहते थे कि प्रेम में विवाह आवश्यक नहीं। प्रेम अपने आप में पूर्ण है। अगर प्रेम मुकाम तक नहीं पहुंचता तो हार मानकर अपने कर्तव्यों से विमुख न हों, बल्कि उसे सदैव आत्मा में समाकर अपने लक्ष्यों की पूर्ति की ओर अग्रसर रहें। कृष्ण शरीर तो राधा आत्मा थीं।

अपने पार्टनर से शक्ति लें और उसकी ताकत बनें

भगवान कृष्ण जो पृथ्वी पर भगवान विष्णु के आठंवे अवतार थे, उन्होंने राधा से शक्ति ग्रहण की थी। कृष्ण से बहुत सी गोपियां प्यार करती थीं लेकिन कृष्ण तो अपना दिल राधा पर हार बैठे थे। जब तक कृष्ण वृंदावन रहे, राधा ने हमेशा उनका साथ दिया था। आप भी अपने पार्टनर की शक्ति बनने की कोशिश करें ना कि उनकी कमजोरी बनें। आपके प्यार में इतनी शक्ति होनी चाहिए कि जरूरत पड़ने पर आप पर्वत भी हिला दें।

प्रेम में त्याग करना सीखें


सच्चे प्यार की परिभाषा को समझें। प्यार करने का अर्थ यह नहीं होता कि आप उनके साथ ही रहें। यह राधा-कृष्ण की कहानी से अच्छा आपको कौन समझा सकता है। जब कृष्ण को वृंदावन छोड़ना था जब उन्हें पता था कि उन्हें अपना सबकुछ यहीं छोड़ कर जाना होगा। वो जानते थे कि उन्हें राधा को भी छोड़ना होगा। राधा जानती थीं कि कृष्ण उनसे शादी नहीं कर पाएंगे और ना ही शारीरिक रूप से उनके साथ मौजूद होंगे। लेकिन वो जानती थीं कि दोनों की आत्मा एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं।

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