देश का दूसरा मिनी स्विट्जरलैंड है उत्तराखंड का 'शांघड़', कुल्लू के खज्जियार के रूप में है पहचान
By: Priyanka Maheshwari Sat, 17 Feb 2024 6:41:57
ब्यास नदी और हिमालय पर्वत के बीच स्थित है हिमाचल प्रदेश का एक प्रमुख पर्यटन स्थल कुल्लू। कुल्लू बर्फ से ढके पहाड़ों, पाइन और देवदार के जंगलों, सुंदर नदियों के लिए जाना जाता है। कुल्लू में हिंदुओं, सिखों और बौद्धों के कई तीर्थ स्थल है जो इसको बेहद खास बनाते हैं। कुल्लू जिले की सैंज घाटी में शांघड़ बेहद ही शानदार जगह है। यहां की खूबसूरती को निहारने के लिए हर साल देश और विदेश से हजारों की संख्या में पर्यटन पहुंचते हैं। लगभग 228 बीघा में फैले शांघड़ मैदान को कुल्लू जिले का खज्जियार या भारत का दूसरा मिनी स्विट्जरलैंड भी कहते हैं। ये जगह सुन्दरता के मामले खज्जियार जैसे मशहूर पर्यटन से कम नहीं है। 228 बीघा में फैले शांघड़ मैदान एक भी कंकड़-पत्थर नहीं है। मैदान में सिर्फ हरियाली ही हरियाली है। आपको इस जगह को देखकर यही कहेंगे कि ऊपर वाले ने शांघड़ पर जमकर खूबसूरती बरसाई है। अगर आपको प्रकृति से बेहद प्यार है, तो यकीन मानिए एक बार यहाँ आने के बाद आप इस जगह को कभी भूल नहीं पाएंगे। शांघड़ का प्लान बनाने के दौरान आप इन जगहों को देखना बिल्कुल न भूलें।
मैदानों पर करें सैर
शांघड़ के मैदान में आपको वो कुछ मिल जाएगा, जिनकी आप एक प्राकृतिक जगह पर देखने की इच्छा जाहिर करते हैं, यहां के हरे-भरे, शांत और खूबसूरत नजारे! यहां आप चारों ओर से अद्भुत चीड़ के पेड़ों और रंग-बिरंगे छोटे-छोटे घरों के बीच जाकर इस जगह को यादगार बना सकते हैं। सूर्यास्त के समय यहां के घास के मैदान बेहद ही शानदार लगते हैं।
खूबसूरत बरशानगढ़ झरना
शांघड़ से आधे घंटे की दूरी पर है खूबसूरत बरशानगढ़ झरना। इस दूधिया सफेद झरने को देखने के लिए आप सुबह जल्दी उठकर ड्राइव करते हुए आराम से पहुंच सकते हैं। इस जगह के पाइन पेड़ों की खुशबू और हवा का झोंका दिमाग को तरोताजा कर देता है। झरने के आसपास पक्षियों का शोर आपको कुछ देर गुजारने के लिए मजबूर कर सकता है।
ऐतिहासिक मंदिर
शांगढ़ अपने मंदिरों के लिए भी जाना जाता है। मंदिरों की वास्तुकला देखने लायक है। शांघड़ को प्रकृति ने जितना संवारा है, उतनी ही अनूठी यहां की परंपरा भी है। सबसे प्रतिष्ठित स्थानीय मंदिरों में से एक है शांगचुल महादेव मंदिर जो शांगढ़ मीडोज में स्थित है। शांघड़ मैदान को शंगचूल महादेव का आवास स्थल भी माना जाता है। मैदान में किसी तरह की अपवित्रता न फैले, इसके लिए शंगचुल महादेव मंदिर कमेटी ने कायदे-कानून भी बनाए हैं। नियमों का पालन न करने वालों को जुर्माना भरना पड़ता है। मैदान तक गाड़ी लाने, शराब पीकर आने, गंदगी फैलाने और पुलिस और वन विभाग के कर्मचारियों के बेल्ट और टोपी पहनकर आने पर सख्त मनाही है। मंदिर कमेटी का कहना है कि इस तरह के फैसले देवता ने खुद लिए हैं। वह तो सिर्फ इसका पालन करवाते हैं। साथ ही यहां के रैला गांव में लकड़ी से बना एक टॉवर मंदिर भी है। सैंज घाटी के चारों ओर बिखरे हुए कुछ अन्य मंदिर हैं, जिनमें शंशर में मनु ऋषि मंदिर भी शामिल है, जहां आप मन की शांति के लिए दर्शन करने जा सकते हैं।
ट्रैकिंग
प्रकृति के शानदार नजारों के साथ, ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में कई ट्रैकिंग पॉइंट्स हैं, जो एडवेंचर के शौकीनों को बेहद पसंद आते हैं। जंगों थैच के लिए एक रात का सबसे छोटा ट्रैक है, जो आपको खूबसूरत फूलों, घास के मैदानों और चारों ओर पक्षियों के साथ जंगलों के रास्तों से ले जाता है। अगर आप और ज्यादा रोमांच चाहते हैं, तो थिनी थैच और पुंड्रिक झील को देखने के लिए आप अपनी लिस्ट में एक या दो और जोड़ सकते हैं। ये दोनों ट्रैक भी आपकी ट्रैकिंग करने की इच्छाओं पर खरे उतरेंगे!
पांडवों से जुड़ा है इसका इतिहास
शांघड़ मैदान का इतिहास पांडवों के जीवन काल से जुड़ा है। मान्यता है कि अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने शांघड़ मैदान में कुछ समय बिताया था। उन्होंने यहां धान की खेती करने के लिए मिट्टी छानकर खेत तैयार किए थे। यह खेत आज भी यहां विशाल शांघड़ मैदान के रूप में यथावत हैं।
रैला के जुड़वां टावर
घाटी की कई बस्तियों के शानदार दृश्य पेश करने के लिहाज से रैला के जुड़वां टावर भी देखने लायक जगहों में आते हैं। हर मंजिल पर बने छोटे-छोटे कमरे, आपको सोचने पर मजबूर कर देंगे कि यहाँ लोग किसी जमाने कैसे रहा करते होंगे? शांगढ़ वापस जाने से पहले जुड़वां टावरों, रैला गांव, रैला मंदिर और छिपे हुए झरनों को देखना न भूलें।
शांघड़ कैसे पहुंचें?
सैंज घाटी के अंतिम छोर पर बसा शांघड़ गांव कुल्लू से करीब 60 किलोमीटर दूर स्थित है। शांघड़ से नजदीकी हवाई अड्डा 45 किलोमीटर दूर भंतुर में है। यह हवाई अड्डा देश के कई प्रमुख हवाई अड्डों से जुड़ा हुआ है। यहां से शांघड़ जाने के लिए बस या कैब की सुविधा मिलती है। यहां से नजदीकी रेलवे स्टेशन 117 किलोमीटर दूर बैजनाथ में है। कुल्लू से शांघड़ जाने के लिए बस और टैक्सी की सुविधा उपलब्ध है।
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