प्राकृतिक दृश्यों से सराबोर हैं हिमाचल का चंबा, करें यहां इन 6 जगहों की सैर
By: Ankur Thu, 17 Feb 2022 11:22:34
जब भी कभी घूमने की प्लानिंग की जाती है तो हिमाचल प्रदेश के विभिन्न शहरों को नाम ऊपर आता हैं जो अपने प्राकृतिक और मनमोहक नजारो से पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। इन्हीं जगहों में से एक हैं चंबा जो समुद्रतल से 996 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं और प्राकृतिक जगहों के साथ ही कई प्राचीन मंदिरों और अन्य स्थलों के लिए भी जाना जाता हैं। ऐसे में अगर आप चंबा घूमने जा रहे हैं तो आज हम आपके लिए यहां के प्रसिद्द स्थलों की जानकारी लेकर आए हैं जहां घूमने का लुत्फ़ उठाया जा सकता हैं। तो आइये जानते हैं चंबा की इन प्रसिद्द जगहों के बारे में...
मणिमहेश झील - Manimahesh Lake
चंबा से 52 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मणिमहेश झील हिन्दू श्रद्धालुओं के लिए आस्था का बहुत बड़ा केंद्र माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मणिमहेश झील का निर्माण भगवान शिव ने पार्वती माता से विवाह के बाद करवाया था। इसी वजह से मणिमहेश झील का धार्मिक महत्व मानसरोवर झील के बराबर माना गया है। हिमालय की पीर पंजाल रेंज में स्थित मणिमहेश झील की समुद्रतल से ऊंचाई 4080 मीटर (13386 फ़ीट) है। मणिमहेश झील में प्रतिवर्ष अगस्त और सितंबर महीने में आने वाली अमावस्या के आठवें दिन बहुत बड़े मेले का आयोजन किया जाता है। साल के इस समय की जाने वाली यात्रा को “मणिमहेश यात्रा” कह जाता हैI मणिमहेश झील की यात्रा के लिये वैसे तो कई पारम्परिक ट्रेक बने हुए है लेकिन मणिमहेश झील तक पहुँचने का सबसे आसान रास्ता चंबा से आप सबसे पहले भरमौर जाये और वहां से आप मणिमहेश आसानी पहुँच सकते है।
भूरी सिंह संग्रहालय - Bhuri singh Museum Chamba
लगभग 100 साल से भी ज्यादा पुराने भूरी सिंह संग्रहालय का निर्माण 14 सितंबर 1908 को पूरा किया गया था। ब्रिटिश शासनकाल में बना हुआ भूरी संग्रहालय पूरे हिमाचल प्रदेश में आकर्षण का प्रमुख केंद्र माना जाता है। संग्रहालय के निर्माण में तत्कालीन राजा भूरी सिंह और डॉ। जे। वोगेल ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। राजा भूरी सिंह के नाम पर ही इस संग्रहालय का नाम भूरी सिंह संग्रहालय रखा गया था। इस संग्रहालय में 8500 से अधिक प्राचीन और मध्यकालीन शासकों द्वारा उपयोग में ली जाने वस्तुओं का संग्रह किया गया है। संग्रहालय में नक्काशीदार दरवाजे, वेशभूषा, ताम्रपत्र, हथियार,बसोहली पेंटिंग्स, वाद्ययंत्र, दुर्लभ शारदा लिपि, भित्ति चित्र, स्मारक पत्थर, शाही आभूषण और गुलेर कांगड़ा चित्र आदि का विस्तृत संग्रह देखने को मिल जाता है।
हरिराय मंदिर चंबा - Hariraya Temple Chamba
चंबा में सेंट्रल पार्क के पास स्थित हरिराय मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी के समय करवाया गया था। प्राचीन हरिराय मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। मंदिर के गृभगृह में स्थापित भगवान विष्णु की प्रतिमा अष्ठ धातु से बनी हुई है। गृभगृह में विराजमान भगवान विष्णु की मूर्ति के चार भुजाएँ है और तीन मुहँ बने हुए है। मूर्ति के बाईं और बना हुआ मुहँ भगवान विष्णु के वराह अवतार को प्रदर्शित करता है और दाहिनी तरफ बना हुआ मुहँ नरसिम्हा अवतार को प्रदर्शित करता है। मंदिर परिसर में भगवान विष्णु के अलावा भगवान शिव, सूर्य देव और अरुणा की मूर्तियाँ भी स्थापित की गई है। मुख्य मूर्ति को विभिन्न प्रकार के सुंदर आभूषणों से सजाया गया है जैसे अंगूठी, मोतियों की माला, हार, कंगन, कुंडल और आर्मलेट।
भरमौर Bharmour, Chamba
चंबा से 64 किलोमीटर की दुरी पर स्थित भरमौर एक छोटा सा शहर है। ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार भरमौर चंबा की प्राचीन राजधानी माना जाता है। समुद्रतल से भरमौर की ऊंचाई लगभग 2133 मीटर (7000 feet) है। वैसे तो भरमौर में हिमालय के पहाड़ो में बसा हुआ छोटा मगर बहुत ही सुन्दर शहर है लेकिन उसका बाद भी यह शहर अपने ऐतिहासिक, पौराणिक महत्व और प्राचीन मंदिरो के कारण पर्यटकों के बीच में बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है। भरमौर हिमालय की धौलाधर और पीरपंजाल पर्वत श्रृंखला और रावी नदी और चिनाब घाटी के बीच में बसा हुआ है।
शहर के मध्य भाग में स्थित लगभग 1400 वर्ष पुराना चौरासी मंदिर इस जगह के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है, चौरासी मंदिर के अलावा यहाँ पर बने हुए कई मंदिर 10वीं शताब्दी के आसपास के माने जाते है। पौराणिक कथाओ के अनुसार भरमौर को भगवान शिव के निवास स्थान के रूप में भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है की भगवान शिव कैलाश पर्वत से उतरकर इस जगह पर स्थित घास के मैदानों में घूमने के लिए आया करते थे। इस छोटे से शहर के मैदानी इलाके अल्पाइन चरगाहों और चरवाहों के लिए स्वर्ग के समान है। यहाँ पर बने हुए सीढ़ीदार खेत और तलहटी में स्थित बागान बहुत ही मनोरम दृश्य प्रस्तुत करते है।
थाला झरना - Thala Waterfall Chamba
भरमौर से मात्र 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित थाला झरना एक बहुत ही खूबसूरत बारह महीने बहने वाला झरना है। नदी के पास स्थित यह झरना थाला पुल से मात्र 100 मीटर की दूरी पर स्थित है। इस झरने की सबसे खास बात यह है की यह मॉनसूनी झरना नहीं है बल्कि यह झरना पूरे साल बहता रहता है। इसलिए अगर आप को साल के किसी भी वक़्त बहता हुआ झरना देखना चाहते है तो आप भरमौर के पास स्थित थाला झरना देखने आ सकते है। थाला झरने से मात्रा 1 किलोमीटर की दूरी पर दो और खूबसूरत झरने और बहते है जिन्हें छो छन्दू झरना और घरेड़ झरना कहा जाता है। थाला झरने के पास बने हुए एक छोटे से पुल से आप झरने को बेहद नजदीक देख सकते है।
हदसर झरना - Hadsar Waterfall Chamba
चंबा से लगभग 72 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हदसर एक छोटासा शहर है। अधिकांश पर्यटक यहाँ पर अपनी मणिमहेश झील की यात्रा के समय रुकना पसंद करते है। कुछ लोग हदसर को मणिमहेश यात्रा का बेस कैम्प भी कहते है और कुछ इस छोटे से शहर को झरनों का घर भी कहते है। हदसर का सबसे प्रसिद्ध झरना हदसर झरना कहलाता है। हिमालय के पहाड़ो से घिरा हुआ यह झरना प्राकृतिक रूप से बेहद सुंदर है। अपनी मणिमहेश यात्रा के समय अगर आप हदसर झरना देखना चाहते है तो आप छोटा ट्रेक करके इस झरने तक बड़ी आसानी से पहुँच सकते है।