इस जन्माष्टमी करें दक्षिण भारत के इन 7 प्रसिद्ध कृष्ण मंदिरों के दर्शन

By: Ankur Wed, 17 Aug 2022 8:15:14

इस जन्माष्टमी करें दक्षिण भारत के इन 7 प्रसिद्ध कृष्ण मंदिरों के दर्शन

आने वाले दिनों में भगवान श्रीकृष्ण का पावन पर्व जन्माष्टमी आने वाला हैं जो कि कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता हैं। इस दिन कृष्ण मंदिरों में भक्तों का जमावड़ा देखने को मिलता हैं। भारत में श्रीकृष्ण के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं। जब भी कभी जन्मोत्सव का उत्सव मनाने की बात आती हैं तो आमतौर पर वृंदावन या उत्तर भारत में मौजूद कृष्ण मंदिरो की बात की जाती हैं। लेकिन आज इस कड़ी में हम आपके लिए दक्षिण भारत के प्रसिद्ध कृष्ण मंदिरों की जानकारी लेकर आए हैं जहां कृष्ण के जन्म के उत्सव के दौरान एक अलग ही नजारा देखने को मिलता है। आइये जानते हैं दक्षिण भारत के इन कृष्ण मंदिरों के बारे में...

krishna temple in india,best krishna temple in india,india temples,famous temples in india,travel,travel guide,holidays

श्रीकृष्ण मठ मंदिर, उडुपी

यह कर्नाटक का सबसे फेमस पर्यटन स्थल भी है इस मंदिर की खासियत है कि यहां भगवान की पूजा खिड़की के नौ छिद्रो में से ही की जाती है। यह हर साल पर्यटक का तांता लगा रहता है लेकिन जन्माष्टमी के दिन यहां की रौनक देखते ही बनती है। पूरे मंदिर को फूलो और लाइट्स से सजाया जाता है। त्योहार के दिन यहां काफी भीड़ होती है और आपको दर्शन के लिए 3-4 घंटे तक इंतजार करना पड़ सकता है।

krishna temple in india,best krishna temple in india,india temples,famous temples in india,travel,travel guide,holidays

पार्थसारथी मंदिर त्रिपलीकेन, चेन्नई

दक्षिण भारत में मौजूद एक और बेहद ही पवित्र और प्रसिद्ध कृष्ण मंदिर। जी हां, पार्थसारथी मंदिर चेन्नई में मौजूद है। लगभग आठवीं शताब्दी में निर्मित इस मंदिर में भगवान कृष्ण पार्थसारथी यानि महाभारत के युद्ध में अर्जुन के सारथी के रूप में हैं। पार्थसारथी मंदिर भगवान विष्णु की पूजा किए जाने वाले 108 प्रसिद्ध स्थानों में से एक है। यहां भगवान कृष्ण के साथ-साथ भगवान राम, भगवान नृसिंह और भगवान वराह का मंदिर भी मौजूद है। आपको बता दें कि पार्थसारथी मंदिर अपने गोपुरम और वास्तुशिल्प के लिए प्रसिद्ध है।

krishna temple in india,best krishna temple in india,india temples,famous temples in india,travel,travel guide,holidays

जगन्नाथ पुरी, उड़ीसा

भारत के चार धामों में से एक उड़ीसा का जगन्नाथ पुरी मंदिर है। यहां भगवान कृष्ण बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ विराजमान हैं। मान्यता है कि द्वापर के बाद भगवान श्रीकृष्ण पुरी में निवास करने लगे थे। जगन्नाथ पुरी की वार्षिक रथ यात्रा दुनिया भर में मशहूर है। यहां भगवान कृष्ण के रथ को खींचने के लिए दूर दराज से भक्त आते हैं। तीन विशाल रथों की यात्रा निकाली जाती है, जिसमें सबसे आगे प्रभु बलराम, फिर बहन सुभद्रा और आखिर में जगत के नाथ भगवान श्री जगन्नाथ जी होते हैं। आप कृष्ण जन्माष्टमी या फिर रक्षाबंधन के मौके पर भी जगन्नाथ पुरी धाम जा सकते हैं।

krishna temple in india,best krishna temple in india,india temples,famous temples in india,travel,travel guide,holidays

इस्कॉन मंदिर, बैंगलोर

वैसे तो बैंगलोर में एक नहीं बल्कि कई छोटे-छोटे कृष्णा मंदिर है, लेकिन, सबसे प्रसिद्ध अगर कोई मंदिर है तो उसका नाम है इस्कॉन मंदिर। इस मंदिर को श्री राधा-कृष्ण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यहां सिर्फ जन्माष्टमी के दिन ही नहीं बल्कि सालों भर भक्तों के साथ-साथ पर्यटकों का तांता लगा रहता है। इस मंदिर में सिर्फ भारतीय ही नहीं बल्कि, कई विदेशी पर्यटक भी पूजा-पाठ करते हुए आपको दिखाई दें देंगे।

krishna temple in india,best krishna temple in india,india temples,famous temples in india,travel,travel guide,holidays

बाला कृष्ण मंदिर, हम्पी

कर्नाटक के हम्पी में मौजूद दक्षिण भारतीय लोगों के लिए बेहद ही पवित्र मंदिर है। कहा जाता है कि उत्कल विजय के बाद इस मंदिर का निर्माण किया था। मंदिर दर्शन और मंदिर की वास्तुकला देखने के लिए लाखों पर्यटक और भक्त हर महीने लाखों की संख्या में बाला कृष्ण मंदिर पहुंचते हैं। जन्माष्टमी के एक सप्ताह पहले ही इस मंदिर को लाइट्स से इस कदर सजाया जाता है कि शाम के समय देखते ही बनता है। आपको बता दें कि यहां मंदिर हम्पी के लिए एक बेहद ही प्रमुख पर्यटक केंद्र भी है।

krishna temple in india,best krishna temple in india,india temples,famous temples in india,travel,travel guide,holidays

गुरुवायूर मंदिर, केरल

दक्षिण भारत के केरल राज्य में श्रीकृष्ण के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं। इनमें से एक गुरुवायूर मंदिर है, जिसे दक्षिण का द्वारका कहा जाता है। इस मंदिर को भूलोका बैकुंठ के रूप में भी जाना जाता है, जो कि पृथ्वी पर भगवान विष्णु का पवित्र निवास स्थान है। यहां भगवान कृष्ण का बाल रूप है, जिसे गुरुवायुरप्पन कहते हैं। इस मंदिर को लेकर एक मान्यता है कि जब गुजरात के द्वारका में बाढ़ आई, जो कृष्ण की मूर्ति बाढ़ में बह गई, जिसे बृहस्पति ने देखकर बचा लिया। उन्होंने इस मूर्ति की दोबारा स्थापना का विचार मन में लाते हुए जगह की तलाश की। केरल में उन्हें भगवान शिव और माता पार्वती के दर्शन हुए, जिन्हें बृहस्पति देव को कृष्ण की मूर्ति केरल में स्थापित करने को कहा। बृहस्पति देव ने वायु देव की मदद से मूर्ति को केरल में स्थापित कर दिया। इसलिए केरल के कृष्ण मंदिर का नाम बृहस्पति और वायु देव के नाम पर गुरुवायूर मंदिर हो गया।

ये भी पढ़े :

# जन्माष्टमी 2022 : राशिनुसार करें भगवान श्री कृष्ण की पूजा, मिलेगा सुख-समृद्धि का आशीर्वाद

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com