खानपान हमारे शरीर के लिए ईंधन के समान होता है। यदि यही ईंधन मिलावटी या असुरक्षित हो जाए, तो शरीर धीरे-धीरे बीमारियों का घर बन सकता है। इसलिए हर वर्ष 7 जून को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस (World Food Safety Day) मनाया जाता है ताकि लोगों को स्वच्छ और सुरक्षित भोजन की आवश्यकता के प्रति जागरूक किया जा सके।
गंदे और अशुद्ध खानपान के कारण हर साल दुनियाभर में करोड़ों लोग बीमार पड़ते हैं। इस दिन का उद्देश्य है लोगों को फूड सेफ्टी से जुड़ी समस्याओं, उसके महत्व और उपायों के प्रति जागरूक बनाना, ताकि भोजन को स्वच्छ और सुरक्षित बनाकर हम बीमारियों से बच सकें।
वर्ष 2025 में विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस की थीम है — “भोजन की सुरक्षा: अनपेक्षित परिस्थितियों के लिए तैयार रहना।” यानी किसी भी आपात स्थिति या संकट के समय भी भोजन की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित रहनी चाहिए।
भोजन की असुरक्षा का एक प्रमुख कारण है खाद्य सामग्री में मिलावट। यह मिलावट स्वाद या रंग तक ही सीमित नहीं होती, बल्कि यह शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने कुछ आसान घरेलू उपाय बताए हैं जिनसे आम लोग यह पहचान सकते हैं कि उनके खाने में मिलावट तो नहीं है।
कैसे पहचानें खानपान की मिलावट: आसान तरीके
1. दूध की मिलावट कैसे पहचानें
दूध में सबसे आम मिलावट पानी की होती है। इसकी जांच के लिए किसी समतल सतह (जैसे स्टील की थाली या कांच की प्लेट) पर दूध की एक बूंद डालें। यदि दूध सफेद लकीर बनाते हुए धीरे-धीरे बहता है तो यह शुद्ध है। लेकिन यदि वह बिना लकीर के सीधे फैल जाए, तो यह पानी मिलाने का संकेत है। इस तरह की मिलावट से दूध का पोषण घटता है और खासकर बच्चों व बुजुर्गों के लिए यह स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हो सकता है।
2. मक्खन में स्टार्च की मिलावट
मक्खन में कई बार स्टार्च मिलाया जाता है। इसकी पहचान के लिए एक कटोरी में पानी भरें और उसमें मक्खन का टुकड़ा डालें। अब इसमें आयोडीन सोल्यूशन की 2–3 बूंदें मिलाएं। यदि मक्खन शुद्ध है, तो उसका रंग जस का तस रहेगा। लेकिन मिलावट होने पर रंग नीला हो जाएगा। स्टार्च की यह मिलावट पाचन क्रिया को प्रभावित कर सकती है और लंबे समय तक इसका सेवन नुकसानदेह हो सकता है।
3. घी में शकरकंदी या आलू की मिलावट
घी में स्टार्च जैसे मसले हुए आलू या शकरकंदी मिलाई जाती है। इस मिलावट की पहचान के लिए एक पारदर्शी कटोरी में आधा चम्मच घी लें और उसमें आयोडीन की 2–3 बूंदें डालें। अगर रंग नीला पड़ जाए तो समझें कि घी में मिलावट है, अन्यथा वह शुद्ध है। मिलावटी घी न सिर्फ स्वाद और सुगंध को प्रभावित करता है, बल्कि स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डाल सकता है, जैसे पेट की गड़बड़ी और कोलेस्ट्रॉल बढ़ना।
4. आटे में मिट्टी या कीड़ों की मिलावट
आटे या मैदे में कई बार मिट्टी, रेत या कीड़ों की मिलावट होती है। इसकी पहचान के लिए एक कांच की कटोरी में थोड़ा आटा रखें और कुछ देर बिना छेड़े छोड़ दें। यदि सतह पर छोटे कीड़े, बाल या रेत जैसे कण नजर आएं, तो आटा मिलावटी है। मिलावटी आटे का सेवन करने से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं और यह शरीर को आवश्यक पोषक तत्व नहीं देता।
5. काली मिर्च में पपीते के बीज की मिलावट
काली मिर्च में अक्सर पपीते के बीज मिला दिए जाते हैं, जो आकार और रंग में थोड़े मिलते-जुलते होते हैं। इस मिलावट की पहचान के लिए सफेद कागज पर काली मिर्च बिखेरें और मैग्निफाइंग ग्लास से देखें। शुद्ध काली मिर्च के दाने हल्के भूरे और सतह पर झुर्रियों जैसे होते हैं। लेकिन मिलावटी दाने चिकने, हल्के हरे या भूरे और आकार में ओवल होते हैं। यह मिलावट न केवल स्वाद को खराब करती है, बल्कि इसके सेवन से एलर्जी या पाचन की समस्याएं भी हो सकती हैं।
निष्कर्ष: जागरूक उपभोक्ता ही स्वस्थ समाज की नींव है
खाद्य सुरक्षा हर इंसान का अधिकार है और इसे सुनिश्चित करने के लिए केवल सरकारी एजेंसियों की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हम सभी उपभोक्ताओं को भी सजग रहना चाहिए। ऊपर बताए गए घरेलू उपायों से हम आसानी से मिलावटी भोजन की पहचान कर सकते हैं और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं।
विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस का यही संदेश है, “स्वस्थ जीवन के लिए सुरक्षित भोजन अनिवार्य है।” खाद्य पदार्थों की शुद्धता को समझें, उसकी जांच करें और हमेशा सुरक्षित विकल्प को ही चुनें।