जुड़वा बच्चों को जन्म देने वाली महिलाओं में हार्ट डिजीज का खतरा दोगुना, नई स्टडी में हुआ खुलासा
By: Varsha Singh Tue, 04 Feb 2025 4:20:06
हालिया एक अध्ययन में यह पाया गया है कि जुड़वा बच्चों को जन्म देने वाली महिलाओं में हार्ट डिजीज का खतरा सामान्य महिलाओं के मुकाबले दोगुना होता है। यह स्टडी यूरोपियन हार्ट जर्नल में पब्लिश की गई है, जिसमें कहा गया है कि जुड़वा बच्चों को जन्म देने वाली महिलाएं अक्सर मां बनने के एक साल के भीतर हृदय रोग के कारण अस्पताल में भर्ती हो जाती हैं।
अध्ययन में यह भी सामने आया है कि अगर इन महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं थीं, तो जुड़वा बच्चों के जन्म के बाद हार्ट डिजीज का खतरा और भी बढ़ जाता है। यह स्टडी अमेरिका की रटगर्स यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा की गई है। पिछले कुछ दशकों में जुड़वा गर्भधारण के मामलों में वृद्धि आई है, जिसका प्रमुख कारण फर्टिलिटी ट्रीटमेंट और उच्च आयु में गर्भावस्था है।
जुड़वा बच्चों के कारण क्यों बढ़ रही हार्ट डिजीज: एक अध्ययन
मुख्य शोधकर्ता डॉ. रूबी लिन के अनुसार, जुड़वा गर्भावस्था के दौरान मां के दिल को अधिक काम करना पड़ता है, और डिलीवरी के बाद हृदय को सामान्य स्थिति में लौटने में कई सप्ताह लग जाते हैं। इस कारण जुड़वा बच्चों को जन्म देने वाली महिलाओं में हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। डॉ. लिन ने यह भी बताया कि जिन महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड प्रेशर की समस्या नहीं थी, उन्हें भी बच्चे की डिलीवरी के बाद एक साल तक हृदय रोग का खतरा बना रहता है।
3.6 करोड़ डिलीवरी केस पर की गई स्टडी
यह अध्ययन 2010 से 2020 के बीच अमेरिका में 3.6 करोड़ डिलीवरी केस के आंकड़ों पर आधारित था। परिणामों में यह पाया गया कि जुड़वा बच्चों को जन्म देने वाली महिलाओं में हृदय रोग के कारण अस्पताल में भर्ती होने की दर 1,105.4 प्रति 1 लाख प्रसव थी, जबकि एक बच्चे को जन्म देने वाली महिलाओं में यह दर 734.1 प्रति 1 लाख प्रसव थी। अगर किसी महिला को प्रेग्नेंसी के दौरान हाई ब्लडप्रेशर की समस्या नहीं थी, तो भी जुड़वा बच्चों की मां बनने पर हृदय रोग के कारण अस्पताल में भर्ती होने की संभावना दोगुनी से अधिक रही। हाई ब्लडप्रेशर के मामलों में यह खतरा आठ गुना अधिक बढ़ गया।
एक बच्चे को जम्न देने वाली महिलाओं को भी खतरा
इस अध्ययन में यह भी सामने आया कि एक बच्चे को जन्म देने वाली महिलाओं में यदि प्रेग्नेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर की समस्या थी, तो डिलीवरी के बाद इन महिलाओं की मृत्यु दर अधिक पाई गई। इसके विपरीत, जुड़वा बच्चों की माताओं में यह खतरा कम था। इस परिणाम से यह संकेत मिलता है कि जुड़वा बच्चों की माताओं के लिए दीर्घकालिक स्वास्थ्य जोखिम कम हो सकता है, जबकि सिंगल गर्भावस्था वाली महिलाओं में पहले से मौजूद हृदय संबंधी समस्याओं का प्रभाव अधिक समय तक बना रह सकता है।