क्या आपने कभी सोचा है कि जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, हमारी कमर चौड़ी और पेट की चर्बी क्यों बढ़ने लगती है? अमेरिकी वैज्ञानिकों ने इस सवाल का जवाब खोज निकाला है। इसके पीछे के कारण को समझने के लिए एक नई रिसर्च की गई है, जिससे यह पता चलता है कि बढ़ती उम्र के साथ शरीर में बदलाव क्यों होते हैं। अमेरिकी सिटी ऑफ होप संस्था की ओर से किए गए रिसर्च में यह सामने आया कि बढ़ती उम्र के साथ हमारे शरीर में खास किस्म के फैट सेल्स का प्रोडक्शन बढ़ने लगता है, खासकर पेट के आसपास वाले एरिया में, जिससे चर्बी बढ़ जाती है।
क्यों बढ़ती है चर्बी?
कैंसर और मेटाबॉलिज़्म जैसी बीमारियों पर रिसर्च करने वाली टीम के प्रमुख सदस्य किओंग वांग और उनके सहयोगियों ने पाया कि ज्यादातर लोग यह मानते हैं कि उम्र बढ़ने के साथ केवल शरीर में वजन बढ़ता है, लेकिन यह केवल फैट सेल्स (Fat Cells) के आकार में वृद्धि से नहीं होता, बल्कि नए फैट सेल्स का निर्माण भी होने लगता है। वांग ने बताया, "उम्र बढ़ने के साथ एक नए प्रकार का एडल्ट स्टेम सेल सक्रिय हो जाता है, जो शरीर में फैट सेल्स का प्रोडक्शन बढ़ाता है, और यही पेट की चर्बी को बढ़ाता है।"
चूहों पर किए गए प्रयोग
इस शोध के दौरान वैज्ञानिकों ने चूहों पर प्रयोग किए, जिनका बाद में मानव कोशिकाओं पर परीक्षण किया गया। रिसर्च में यह पाया गया कि व्हाइट एडिपोज टिशू (WAT), जो उम्र बढ़ने के साथ चर्बी का कारण बनता है, वह नए फैट सेल्स का प्रोडक्शन करने की क्षमता रखता है। इस रिसर्च में चौंकाने वाली बात यह थी कि जब उम्रदराज चूहों से विशेष एडिपोसाइट प्रोजेनिटर सेल्स (APCs) लेकर उन्हें युवा चूहों में ट्रांसप्लांट किया गया, तो उन्होंने तेजी से नई चर्बी का निर्माण किया। और जब ये सेल्स युवा चूहों से बूढ़े चूहों में डाले गए, तो उनका असर बिल्कुल उल्टा रहा, यानी पुराने चूहों में नए फैट सेल्स का निर्माण होने लगा।
LIFR सिग्नलिंग का अहम रोल
वैज्ञानिकों ने यह भी पाया कि एक खास सिग्नलिंग पाथवे, जिसे LIFR कहा जाता है, उम्र बढ़ने के साथ फैट सेल्स के प्रोडक्शन को नियंत्रित करता है। यह सिग्नलिंग बूढ़े चूहों में फैट सेल्स बनाने के लिए सक्रिय होती है। इस खोज से यह साफ हुआ कि बढ़ती उम्र के साथ यह पाथवे चर्बी के निर्माण को बढ़ावा देता है, जिससे पेट के आसपास ज्यादा चर्बी जमा हो जाती है।
नए इलाज की उम्मीद
इस रिसर्च से यह भी संकेत मिलता है कि आने वाले समय में ऐसे नए इलाज विकसित हो सकते हैं, जो इस सिग्नलिंग पाथवे को नियंत्रित करके पेट की चर्बी को कम कर सकें। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस खोज के आधार पर हम उम्र से जुड़े मोटापे को कम करने के लिए नए उपायों पर काम कर सकते हैं।