ओरल हेल्थ से न फेरें मुंह! पूरे शरीर की सेहत के लिए है जिम्मेदार, दांत-आंत का है संबंध

By: Nupur Rawat Tue, 11 May 2021 12:50:31

ओरल हेल्थ से न फेरें मुंह! पूरे शरीर की सेहत के लिए है जिम्मेदार, दांत-आंत का है संबंध

हम अपनी त्वचा और बालों को लेकर बेहद संवेदनशील होते हैं। इनके लिए हम तरह-तरह के प्रॉडक्ट्स यूज़ करते हैं। पर जब बात ओरल हेल्थ यानी मुंह की सेहत की आती है तो हम उससे मुंह फेर लेते हैं। जबकि सच्चाई यह है कि हमारे शरीर में जाने वाले कई तरह के पोषक तत्वों, वायरस और बैक्टीरिया का सबसे अहम् रास्ता है हमारा मुंह।

इस तरह देखें तो शरीर का यह अंग हमारे इम्यून सिस्टम के लिए बहुत महत्व रखता है। मुंह की सेहत का ध्यान रखकर हम अपनी प्राथमिक सेहत को सुधारने की दिशा में पहला क़दम बढ़ा सकते हैं। अच्छे ओरल हाईजीन की ज़रूरत इसलिए भी है, क्योंकि इसका संबंध न केवल हमारे खाने से है बल्कि बोलने और मुस्कुराने से भी है।

मुंह की सेहत हमारे बाक़ी शरीर की सेहत से कनेक्टेड है, इस बात को आप इस तरह भी समझ सकते हैं कि जब हम बीमार पड़ते हैं, तब हमें खाने की चीज़ों का स्वाद नहीं आता। हम चीज़ों का स्वाद परखने की अपनी क्षमता खो बैठते हैं।

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शरीर की सेहत और ओरल हाईजीन का कनेक्शन

इस कनेक्शन को समझने के लिए बस यह समझें कि हमारा मुंह हमारी श्वसन प्रणाली और पाचन तंत्र से जुड़ा हुआ है। यह भी देखा जाता है कि कई बार रोग पैदा करने वाले ख़तरनाक बैक्टीरिया हमारे मुंह के माध्यम से हमारे रक्त में मिल जाते हैं और हमें बीमार कर देते हैं। मुंह के देखभाल के सामान्य रूटीन जैसे ब्रशिंग और फ़्लॉसिंग से आप बैक्टीरिया को कंट्रोल कर सकते हैं।

वहीं यदि हम मुंह की सेहत को नज़रअंदाज़ करते हैं तब बैक्टीरिया की ग्रोथ हमारे मसूड़ों और दांत को नुक़सान पहुंचाना शुरू कर देती है। जब हमारे दांत दुखते हैं या मसूड़ों में सूजन आ जाती है, तब हमें खाना खाने में भी तक़लीफ़ होती है, जिसके चलते शरीर को आवश्यक मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिल पाते और हम बीमार हो जाते हैं।

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ओरल हाईजीन मेंटेन रखने के लिए हमें क्या करना चाहिए

मुंह को सेहतमंद बनाए रखने के लिए हमें बेहद बेसिक से तौर-तरीक़ों को सही ढंग अपनाने की ज़रूरत है। वो बातें, जो हमें बचपन में सिखाई गई थीं, बस उन्हीं का नियम से पालन करने से बात बन जाएगी।

- अपने दांतों को रोज़ाना दो बार फ्लोरॉइड युक्त टूथपेस्ट से साफ़ करें। दांतों को नर्म ब्रिसल्स वाले ब्रश से ब्रश करें, इससे हमारे मसूड़ों को कोई नुक़सान नहीं पहुंचता।

- दांतों के साथ ही जीभ को साफ़ करना भी उतना ही ज़रूरी है। इसके लिए टंग क्लीनर का इस्तेमाल करें।

- दांतों के बीच में फंसे खाने के टुकड़ों और जमा प्लाक को निकालने के लिए दांतों को समय-समय पर फ़्लॉस करते रहें।

- ब्रशिंग और फ़्लॉसिंग के बाद माउथ वॉश का इस्तेमाल करें।

- आपको हर तीन महीने में अपना टूथब्रश बदलना चाहिए। अगर उसके ब्रिसल्स तीन महीने के पहले ही ख़राब हो रहे हों तो बदलने के लिए इंतज़ार न करें।

- सोडा और शक्कर जैसे दांतों को नुक़सान पहुंचाने वाले खाद्य पदार्थों और ड्रिंक्स का सेवन न करें।

- अपने खानपान मे पोषक तत्वों से भरे फल, सब्ज़ियां और नट्स शामिल करें।

- सबसे महत्वपूर्ण बात अपने डेंटिस्ट के पास समय-समय पर जाते रहें, ताकि कोई समस्या हो तो शुरुआत में ही पता चल जाए।

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दांतों की सेहत के लिए कुछ घरेलू नुस्ख़े

हालांकि आपको दांतों की सही देखभाल के लिए अपने डेंटिस्ट द्वारा सुझाई गई बातों पर अमल करना चाहिए, पर यहां कुछ घरेलू नुस्ख़े और आसानी से उपलब्ध चीज़ें हैं, जो हमारे दांतों को मज़बूत बनाती हैं।

नीम : नीम अपने ऐंटीबैक्टीरियल गुणों के लिए मशहूर है। नीम से दांतों में कैविटी करने वाले बैक्टीरिया नष्ट होते हैं। इसके अलावा यह दांतों को मज़बूत और मसूड़ों को स्वस्थ बनाने में अहम् है। अपने दांतों और मसूड़ों पर नीम की पत्तियों का रस रगड़ें। कुछ मिनट बाद गुनगुने पानी से धो लें। दिन में एक या दो बार ऐसा करें।

आंवला : आंवला में विटामिन सी की अच्छी मात्रा होती है, वह मुंह में पनप रहे बैक्टीरिया और इन्फ़ेक्शन से लड़कर हमारे मुंह और मसूड़ों को सेहतमंद बनाता है। इससे मुंह से आने वाली बदबू से भी काफ़ी राहत मिलती है। आप रोज़ाना एक ताज़ा आंवला खाएं या एक चम्मच आंवला पाउडर को आधे कप पानी में मिलाकर पिएं।

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लौंग : यह मसाला अपने ऐंटी-इन्फ़्लेमेटरी और दर्दनिवारक व ऐंटीबैक्टीरियल गुणों के लिए जाना काफ़ी लोकप्रिय है। लौंग चबाने और लौंग का तेल दांतों में दर्द की जगह लगाने से काफ़ी राहत मिल सकता है, पर इसके ओवरयूज़ से बचना चाहिए। जब दांत दर्द बार-बार सताए तो लौंग का तेल लगा-लगाकर दर्द को शांत करने के बजाय आपको तुरंत अपने डेंटिस्ट से संपर्क करना चाहिए।

वीटग्रास : वीटग्रास में भी प्राकृतिक ऐंटीबैक्टीरियल गुण होता है। इससे दांतों के दर्द में काफ़ी आराम मिलता है। इसके अलासा वीटग्रास में विटामिन ए और ई तथा आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा होती है। इसमें आपके दांतों को मज़बूती मिलती है। रोज़ आधा कप वीटग्रास जूस पीना या कुछ वीटग्रास चबाना दांतों की सेहत के साथ आपके ओवरआल हेल्थ के लिए फ़ायदेमंद है।

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