Swine Flu : लापरवाही बरतना हो सकता है घातक, संक्रमण होने पर करें इन चीजों का सेवन
By: Priyanka Maheshwari Thu, 21 July 2022 4:14:32
बदलते मौसम में बिमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। हर साल बड़ी संख्या में लोग स्वाइन फ्लू की चपेट में आ जाते हैं। Swine Flu बीमारी H1N1 वायरस के चलते होती है। यह सांस से संबंधित संक्रामक रोग है। यह बीमारी सूअरों में पाए जाने वाले इन्फ्लूएंजा स्ट्रेन की वजह से होती है। यह आमतौर पर स्वाइन इन्फ्लूएंजा ए वायरस के H1N1 स्ट्रेंस के कारण होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि इन्फ्लूएंजा के इस नए स्ट्रेन, जिसे इन्फ्लुएंजा ए (H1N1) कहा जाता है, एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। दुनिया भर के विशेषज्ञों विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं यह निर्धारित करने के लिए कि इस वायरस से जनता को क्या ख़तरा हो सकता है। ऐसा भी विचार है कि यह नया स्ट्रेन एक ह्यूमन फ्लू पैंडेमिक का कारण बन सकता है।
विशेषज्ञों की मानें तो एड्स और एचाईवी से पीड़ित मरीजों के लिए यह रोग खतरनाक होती है। हालांकि, प्राथमिक स्तर पर स्वाइन फ्लू के मरीजों इलाज संभव है। लापरवाही बरतने पर यह घातक साबित हो सकता है। ऐसे में स्वाइन फ्लू के इन लक्षणों को दिखने के बाद तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। वहीं, स्वाइन फ्लू संक्रमण से बचाव के लिए इन घरेलू चीजों का जरूर सेवन करें। आइए जानते हैं-
स्वाइन फ्लू के लक्षण
- बुखार
-सिरदर्द
-कफ
-थकान और कमजोरी
-शरीर में तेज दर्द
-सांस लेने में तकलीफ
-गले में खराश
-सर्दी
-उल्टी
-पेशाब आना
-दस्त
कैसे फैलता है इन्फ्लूएंजा ए (H1N1) ?
इन्फ्लूएंजा वायरस मौसमी फ्लू के सामान ही फैलता हैं। छोटी बूंदों के रूप में, एक संक्रमित व्यक्ति की नाक और मुंह से, जब वो बात करते हैं खांसते या छींकते हैं। लोग संक्रमित हो सकते हैं अगर वो इन बूंदों को सांस में लेते हैं और वो किसी व्यक्ति या ऐसी चीज़ को छूते हैं जो कि वायरस से दूषित है और फिर अपनी आंख और नाक को छूते हैं। तो वे लोग संक्रमित हो सकते है।
मौसमी फ्लू से बचने के लिए सबसे जरुरी काम है हाथों को अच्छी तरह से साफ रखना। अपने हाथों को रोजाना लगातार धोते रहें और साबुन लगाकर गरम पानी से 15-20 सेकंड्स के लिए धोये। खास तौर पर खाना खाने से पहले और किसी भी ऐसी चीज को छूने के बाद जिसमे आपको लगता है कि यहाँ पर फ्लू के वायरस हो सकते हैं जैसे कि दरवाजे का हैंडल या बस, ट्रेन आदि में सफर के बाद हाथ जरूर धोएं।
करें ये घरेलू उपाय
पानी खूब पिएं
उल्टी, दस्त, बार-बार पेशाब आने की वजह से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। ऐसे में शरीर को हायड्रेट रखना बेहद जरुरी है इसलिए खूब पानी पिएं। पानी पीने से शरीर में मौजूद टॉक्सिन बाहर निकल जाते है।
हल्दी वाला दूध पिएं
एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी ऑक्सीडेंट्स के गुण होने की वजह से हल्दी सर्दी, खांसी, संक्रमण को दूर करने में कारगर साबित होती हैं। ऐसे में दिन में दो बार हल्दी के दूध का सेवन कर सकते है। इसके लिए एक गिलास गुनगुना दूध में चुटकी भर हल्दी मिलाकर सेवन करें। इससे स्वाइन फ्लू संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।
आंवला खाएं
विटामिन-सी से भरपूर आंवला इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। साथ ही स्वाइन फ्लू समेत अन्य बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है। इसके लिए रोजाना आंवला का सेवन जरूर करें।
तुलसी की पत्तियां
तुलसी की पतियों का सेवन आप रोज सुबह करें। तुलसी का अपना एक चिकित्सीय गुण है। यह गले और फेफड़े को साफ रखती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर इसके संक्रमण से बचाती है।
गिलोय
गिलोई कई क्षेत्रों में सामान्य रूप से पाई जाती है| गिलोई की एक फुट लंबी शाखा लें इसमें तुलसी की 5-6 पत्तियाँ मिलाकर इसे 15-20 मिनट तक उबाल लें, जब तक कि इसमे इसके तत्व ना घुल जाएं। इसमें स्वादानुसार काली मिर्च, सेंधा नमक (यदि व्रत है तो) या काला नमक, मिश्री मिला लें। इसे ठंडा होने दें और गुनगुने का सेवन करें। इम्यूनिटी के लिए यह कारगर है। यदि गिलोई का पौधा उपलब्ध नहीं हो तो हमदर्द या अन्य किसी ब्रांड का गिलोई पाउडर इस्तेमाल कर यह काढ़ा बना सकते हैं।
कपूर
कपूर का सेवन आपके लिए फायदेमंद रहता है। आप इसे पानी के साथ निगल सकते हैं। याद रखें कपूर को रोजाना नहीं लेना है इसे महीने में एक बार ही लें।
लहसुन
लहसुन की दो कली सुबह कच्ची खाना स्वाइन फ्लू में मददगार साबित हो सकता है। लहसुन की कलियों को आप गुनगुने पानी के साथ ले सकते है। लहसुन आपकी इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है।
एलोवेरा
एलोवेरा में विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सिडेंट्स के औषधीय गुण पाए जाते हैं। नियमित रूप से एलोवेरा के जूस का सेवन करने से शरीर में ब्लड सेल्स की संख्या बढ़ती है जिससे खून की कमी यानी एनीमिया से छुटकारा मिल सकता है। इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए रोजाना सुबह एलोवेरा जूस का सेवन करें।
नीम
नीम में हवा को साफ करने का गुण होता है जिससे यह वायुजनित बीमारियों के लिए कारगर है, स्वाइन फ्लू के लिए भी। आप खून को साफ करने के लिए रोज 3-5 नीम की पत्तियाँ चबा सकते हैं।