हडि्डयों को हेल्दी रखने के लिए कम उम्र से ही दें ध्यान, इन उपायों को अपनाकर बनाएं मजबूत
By: Nupur Rawat Thu, 27 May 2021 7:09:11
मॉडर्न लाइफस्टाइल, भागदौड़ भरी ज़िंदगी, स्ट्रेस, अनहेल्दी डाइट आदि ने अन्य हेल्थ प्रॉब्लम्स के साथ ही हमारी हडि्डयों को भी अनहेल्दी बना दिया है और नतीजा कम उम्र में ही पीठदर्द, कमरदर्द, ऑस्टियोपोरोसिस, बोन लॉस जैसी शिकायतें… अगर हमें अपनी हडि्डयों को हेल्दी रखना है तो कम उम्र से ही सावधानी बरतनी होगी। कुछ बातों का ध्यान रखना होगा, तभी हमारी हडि्डयां हेल्दी रह पाएंगी।
1. पूरे जीवनकाल में हमारा शरीर पुरानी हडि्डयों को एब्ज़ॉर्ब करता है और नई हडि्डयों का निर्माण करता है।
2. जब तक हमारे शरीर में नई और पुरानी हडि्डयों में संतुलन रहता है, हमारी हडि्डयां हेल्दी व मज़बूत रहती हैं।
3. प्रॉब्लम तब शुरू होती है, जब जिस तेज़ी से पुरानी हडि्डयां एब्ज़ॉर्ब होती हैं, उस तेज़ी से नई हडि्डयों का निर्माण नहीं होता।
4. कई बार बिना किसी कारण के भी बोन लॉस होता है। आनुवांशिक कारणों से भी ऐसा होता है।
5. कमज़ोर हडि्डयां आसानी से टूट जाती हैं, कई बार तो बिना गिरे या बिना कोई चोट लगे भी।
जैसे-जैसे
हमारी उम्र बढ़ती है, हमारा शरीर हडि्डयों मे कैल्शियम और फॉस्फेट रखने की
बजाय इन मिनरल्स को एब्ज़ॉर्ब करने लगता है। जिससे हमारी हडि्डयां कमज़ोर
होने लगती हैं। यही प्रक्रिया जब एक निश्चित स्तर पर पहुंच जाती है, तो उस
स्थिति को ऑस्टियोपोरोसिस कहते हैं।
6. महिलाओं को 50 की उम्र के बाद और पुरुषों को 70 की उम्र के बाद ऑस्टियोपोरोसिस होने का ख़तरा ज़्यादा होता है।
7. महिलाओं
में मेनोपॉज़ के दौरान एस्ट्रोजन के स्तर में कमी आना बोन लॉस की वजह हो
सकता है, जबकि पुरुषों में टेस्टोस्टेरॉन के स्तर में गिरावट अनहेल्दी बोन
का कारण बन सकता है।
8. अगर आपको अक्सर जोड़ों में दर्द रहता
है, हल्का-सा धक्का लगने से भी फ्रैक्चर हो जाता है, तो इसका मतलब है कि आप
रिस्क ज़ोन में हैं। ऐसे में आप फ़ौरन डॉक्टर से मिलें और अपना पूरा चेकअप
कराए। डॉक्टर आपका बोन डेन्सिटी टेस्ट कराएंगे।
9. डाइट में
लो कैल्शियम। लो कैल्शियम युक्त आहार का मतलब है ख़राब बोन डेन्सिटी,
हडि्डयों का कमज़ोर होना और फ्रैक्चर होने की अधिक संभावना।
10. जो लोग एक्टिव नहीं रहते, उन्हें एक्टिव रहने वाले लोगों की तुलना में ऑस्टियोपोरोसिस होने का ख़तरा अधिक होता है।
11. तंबाकू
और अल्कोहल का सेवन भी बोन हेल्थ को प्रभावित करता है। शोधों से ये बात
साबित हो चुकी है कि तंबाकू के सेवन से हडि्डयां कमज़ोर हो जाती हैं, इसी
तरह रोज़ाना दो अल्कोहलिक ड्रिंक लेने से ऑस्टियोपोरोसिस का ख़तरा बढ़ जाता
है, क्योंकि अल्कोहल शरीर की कैल्शियम को एब्ज़ॉर्ब करने की क्षमता को
प्रभावित करता है।
12. आनुवांशिकता भी ऑस्टियोपोरोसिस का एक
बड़ा कारण हो सकता है। अगर आपके पैरेंट्स या भाई-बहन को ऑस्टियोपोरोसिस है,
तो आपको भी इसके होने की संभावना बढ़ जाती है।
13. महिलाओं को
पुरुषों की अपेक्षा ऑस्टियोपोरोसिस होने का ख़तरा ज़्यादा होता है। इसके
अलावा बढ़ती उम्र, अत्यधिक दुबला होना भी इसका कारण हो सकता है।
14. थायरॉइड हार्मोन का बढ़ना भी बोन हेल्थ को प्रभावित करता है।
15. कुछ दवाइयों का सेवन भी हडि्डयों को कमज़ोर बनाता है।
उपाय
1. सबसे
पहले तो डॉक्टर से सलाह लें। ये सोचकर घरेलू इलाज के चक्कर में न पड़े रहें
कि कुछ दिनों में ठीक हो जाएगा, क्योंकि अगर ठीक समय पर इलाज नहीं शुरू
किया गया, तो नुक़सान ज़्यादा हो सकता है।
2. अपनी डाइट में
भरपूर मात्रा में कैल्शियम शामिल करें। दही, कॉटेज चीज़, लो फैट डेयरी
प्रोडक्ट्स, बादाम, ब्रोकोली, साल्मन, सोया प्रोडक्ट्स जैसे टोफू आदि
कैल्शियम के अच्छे स्रोत हैं।
3. रोज़ाना आधा घंटा एक्सरसाइज़ करें। डांसिंग, जॉगिंग, वॉकिंग, एरोबिक्स- आप कोई भी एक्टिविटी कर सकते हैं।
4. जैसे-जैसे
आपकी उम्र बढ़ती है, आपकी कैल्शियम की ज़रूरतें भी बढ़ती जाती हैं, जो स़िर्फ
डाइट से पूरी नहीं हो पाती। बेहतर होगा कि अपने डॉक्टर से कंसल्ट करके
कैल्शियम सप्लीमेंट्स लें।
5. कैल्शियम को एब्ज़ॉर्ब करने के
लिए विटामिन डी भी ज़रूरी है। इसके लिए सबसे आसान और बेस्ट तरीक़ा है सुबह की
धूप में बैठना। इसके अलावा डॉक्टर के परामर्श पर विटामिन डी सप्लीमेंट भी
लिया जा सकता है।
6. धूम्रपान या शराब का सेवन कम कर दें। इससे आपकी बोन हेल्दी रहेंगी।
7.
नमक का सेवन भी कम कर दें। हममें से अधिकतर लोग रोज़ाना 9 ग्राम नमक का
सेवन करते हैं, जबकि ये मात्रा 6 ग्राम से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए।
8. चाय, कॉफी, कोला या अन्य फिज़ी ड्रिंक्स का सेवन भी बोन्स के हेल्थ के लिए ठीक नहीं। इसलिए बेहतर होगा कि इनका सेवन भी कम कर दें।
9. वज़न
को मेंटेन रखें। बहुत जल्दी बहुत ज़्यादा वज़न घटाने के चक्कर में क्रैश
डाइट न करें। इससे ऑस्टियोपोरोसिस का ख़तरा बढ़ जाता है। वेट लॉस हमारे शरीर
में एस्ट्रोजन की मात्रा कम कर देता है। दरअसल, एस्ट्रोजन वो हार्मोन है,
जो हडि्डयों की सुरक्षा करता है। इसलिए अगर आप वेट लॉस करना चाहते हैं, तो
समझदारी से काम लें और सही तरीका अपनाएं।