बॉलीवुड में बहुत सी फिल्में बनती हैं, कुछ मनोरंजन के लिए, कुछ समाज का सच दिखाने के लिए। लेकिन कुछ फिल्में ऐसी होती हैं जो दोनों ही काम करती हैं—मनोरंजन भी और समाज को सोचने पर मजबूर करना भी। ऐसी ही एक ऐतिहासिक फिल्म थी बी.आर. चोपड़ा द्वारा निर्देशित ‘निकाह’, जो 1982 में बड़े पर्दे पर आई थी। यह फिल्म ट्रिपल तलाक जैसे नाजुक और संवेदनशील मुद्दे पर आधारित थी, जिसने उस वक्त पूरे देश में हलचल मचा दी थी।
जब फिल्म का नाम ही बना विवाद की जड़
इस फिल्म का पहला नाम था – ‘तलाक तलाक तलाक’। यही नाम अपने आप में इतना तीखा और विवादस्पद था कि समाज के एक वर्ग ने तुरंत विरोध शुरू कर दिया। उन्हें लगा कि फिल्म उनके धर्म और परंपराओं को गलत तरीके से दिखा रही है। ऐसे में फिल्म के निर्माताओं ने नाम बदलकर इसे ‘निकाह’ रखा, लेकिन इससे विवादों का सिलसिला थमा नहीं।
विरोध की आंधी: मुकदमे, प्रदर्शन और धमकियां
इस फिल्म के खिलाफ देशभर में कुल 34 कोर्ट केस दर्ज किए गए। कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए, सिनेमा हॉल के बाहर नारेबाजी, पोस्टर फाड़े गए और फिल्म को रोकने की भरपूर कोशिश की गई। फिल्म की प्रमुख अभिनेत्री सलमा आगा को धमकी भरे खत मिलने लगे, जिनमें उन्हें भारत छोड़कर लंदन लौट जाने की चेतावनी दी गई थी।
यह किसी भी कलाकार के लिए मानसिक रूप से बहुत भारी होता, लेकिन सलमा आगा ने इन सबका साहस से सामना किया और पीछे नहीं हटीं।
दर्शकों ने दिल से अपनाया, बॉक्स ऑफिस पर बंपर कमाई
तमाम विरोधों ने इस फिल्म की सफलता को पुख्ता किया। दर्शकों में इस फिल्म को लेकर इतना ज्यादा क्रेज था कि वह एक शो में टिकट न मिलने पर दूसरे शो के लिए उसी वक्त लाइन में लग जाते थे। करीब 4 करोड़ रुपये के बजट में बनी यह फिल्म 9 करोड़ रुपये की कमाई करने में सफल रही। यह उस समय के हिसाब से बहुत बड़ी सफलता थी और फिल्म ने 225% से अधिक मुनाफा कमाया।
राज बब्बर, दीपक पाराशर और सलमा आगा की गहरी और प्रभावशाली अदाकारी के साथ-साथ संगीतकार रवि का संगीत और गीतकार हसन कमाल के गीत फिल्म की आत्मा बन गए। सलमा आगा इससे पहले अपनी गायिकी के चलते काफी लोकप्रिय थी, इस फिल्म में उनकी खूबसूरती देख कर दर्शक उनके दीवाने हो गए। उन्होंने बेहतरीन गायिकी के साथ-साथ अभिनय भी शानदार किया। हालांकि श्रोताओं ने कहा क सलमा आगा नाक से गाती हैं। इसके बावजूद उनके गाये गीतों ‘दिल के अरमां आंसुओं में बह गए’ और ‘फिजा भी है जवां जवां’ जैसे गीत आज भी श्रोताओं की जुबां पर हैं।
इस फिल्म ने सलमा आगा को अचानक सितारा बना दिया। उनकी अदाकारी, गायकी और खूबसूरती की खूब तारीफ हुई और इसके बाद उन्हें कई बड़ी फिल्मों के ऑफर मिले।
सिर्फ फिल्म नहीं, समाजिक विमर्श की शुरुआत
‘निकाह’ को सिर्फ एक प्रेम कहानी कहना गलत होगा। यह फिल्म उस दौर की एक बोल्ड सामाजिक प्रस्तुति थी जिसने महिलाओं के अधिकार, धर्म के नाम पर अन्याय और रिश्तों की संवेदनशीलता को बहुत ईमानदारी से दिखाया।
इस फिल्म ने यह सवाल उठाया कि क्या एक महिला की मर्जी और भावनाएं किसी धार्मिक प्रक्रिया में मायने रखती हैं या नहीं? क्या उसे सिर्फ एक फैसले से किसी रिश्ते से अलग किया जा सकता है?
आज भी प्रासंगिक है 'निकाह'
आज, जब ट्रिपल तलाक पर सुप्रीम कोर्ट और संसद में चर्चा हो चुकी है और इसे असंवैधानिक करार दिया जा चुका है, तब भी ‘निकाह’ को एक विज़नरी फिल्म माना जाता है। उस समय जब इस विषय पर बात करना भी आसान नहीं था, बीआर चोपड़ा ने इसे सिनेमा के माध्यम से उठाने की हिम्मत दिखाई।
कहां देख सकते हैं ये फिल्म?
अगर आप इस क्लासिक और ऐतिहासिक फिल्म को देखना चाहते हैं, तो यह फिल्म YouTube, Disney+ Hotstar और Amazon Prime Video जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध है।