‘भूल भुलैया 3’ और ‘सिंघम अगेन’ की टक्कर से ऐसा था कार्तिक का हाल, इतने साल बाद मिली थी ‘प्यार का पंचनामा’
By: Rajesh Mathur Fri, 17 Jan 2025 11:10:49
कार्तिक आर्यन (34) को मौजूदा दौर के सर्वाधिक प्रतिभावान अभिनेताओं में गिना जाता है। उन्हें लेकर फैंस और फिल्ममेकर्स दोनों में जबरदस्त क्रेज है। फिल्मी बैकग्राउंड नहीं होने के बावजूद उन्होंने इंडस्ट्री में एक खास स्थान बनाया है। साल 2011 में आई फिल्म ‘प्यार का पंचनामा’ से बॉलीवुड में डेब्यू करने वाले कार्तिक अब तक कई विविध भूमिकाएं निभा चुके हैं। पिछले साल उनके करिअर की सबसे बड़ी हिट फिल्म ‘भूल भुलैया 3’ आई थी। दर्शकों ने इस फिल्म पर खूब प्यार बरसाया और कार्तिक को भी जमकर सराहना मिली।
खास बात ये है कि 1 नवंबर को दिवाली पर ही अजय देवगन सहित कई सितारों से सजी फिल्म ‘सिंघम अगेन’ भी सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। अब कार्तिक ने दोनों फिल्मों के बॉक्स ऑफिस पर क्लैश को लेकर रिएक्शन दी है। कार्तिक ने स्क्रीन लाइव में कहा कि हमें इस बात से राहत मिली की पिक्चर चल गई हमारी। हम एक्साइटेड तो थे लेकिन घबराए हुए भी थे क्योंकि 1 ही दिन 2 बड़ी फिल्में रिलीज हो रही थीं।
शुरुआत में, जब यह दिवाली पर सिंगल रिलीज थी तो हम स्ट्रेस फ्री थे। यह एक एंटरटेनर फिल्म थी और हम जानते थे कि लोग इस फिल्म को एन्जॉय करेंगे। लेकिन अचानक जब दोनों फिल्में एक ही दिन रिलीज होने वाली थीं तो दिल की धड़कनें बढ़ गईं। हर कोई घबरा गया था कि क्या होने वाला है। पहले दिन ऐसा लगा जैसे मेरी पहली फिल्म रिलीज हो रही हो। जब फिल्म चली, तो हमें राहत मिली कि हमारी 2.5 साल की मेहनत सफल हुई और कुछ नहीं।
वैसे इन दोनों फिल्मों का जॉनर बहुत अलग था। एक एक्शन फिल्म थी और दूसरी हॉरर कॉमेडी। मुझे लगता है कि दोनों फिल्मों के लिए पर्याप्त जगह थी। यह फिल्म प्रेमियों के लिए एक वरदान था, लेकिन अगर यह एक आम शुक्रवार होता, तो शायद किसी एक फिल्म के लिए चीजें मुश्किल हो जातीं। दिवाली की छुट्टी होने के कारण पर्याप्त स्क्रीनें थीं और लोग फिल्में देखने के मूड में थे। मूड आनंद लेने का था और मुझे लगता है कि इसीलिए यह बैलेंस हो गया।
मुझे अनगिनत रिजेक्शन का सामना करना पड़ा : कार्तिक आर्यन
कार्तिक ने शुरुआती दौर में अपने संघर्ष पर भी बात की। कार्तिक ने कहा कि ‘प्यार का पंचनामा’ पाने के लिए मुझे लगभग 4 साल लगे। मुझे अनगिनत रिजेक्शन का सामना करना पड़ा। मैं रोजाना ऑडिशन देता था। बहुत सारे लोग अभिनेता बनने का सपना लेकर यहां आते हैं, मैं उनमें से एक था। मुझे नहीं पता था कि मेरी संभावनाएं क्या हैं, लेकिन मैं बस इसे आजमाना चाहता था। लगभग 4 वर्ष के बाद, मुझे पहली भूमिका मिली।
मैं इस अवसर के लिए आभारी महसूस करता हूं। जब उनसे पूछा गया कि तमाम अस्वीकृतियों के बावजूद किस चीज ने उन्हें आगे बढ़ाया, तो कार्तिक ने कहा कि आदत हो गई थी, बेशरम हो गया था। हर दिन मैं सुनता था कि यह भूमिका आपके लिए उपयुक्त नहीं है। एक समय के बाद आप सुन्न हो जाते हैं, लेकिन आपको दिखाना पड़ता है ऊपर रोज-रोज।
आत्मविश्वास बहुत महत्वपूर्ण है, खासकर तब जब कोई आपकी महत्वाकांक्षा पर भरोसा नहीं कर रहा हो। मैं यह सोच कर चलता था कि खोने के लिए कुछ नहीं है। मैं अति आत्मविश्वास में था और सोचता था कि मुझे अस्वीकार करना उनका नुकसान है। खुद पर भरोसा रखना और कड़ी मेहनत करना जरूरी है। वे दोनों साथ-साथ चलते हैं।
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