एक्टर कबीर बेदी (79) अपनी दमदार पर्सनलिटी के लिए मशहूर हैं। बुलंद आवाज के धनी कबीर ने अपने करिअर में कई शानदार फिल्मों में काम किया। उन्हें अपने समकालीन दिग्गज हीरो और हीरोइनों के साथ काम करने का मौका मिला। प्रोफेशनल के साथ कबीर की पर्सनल लाइफ भी हमेशा सुर्खियों में रही। कबीर ने हाल ही बीबीसी हिंदी को दिए एक इंटरव्यू में जीवन के तमाम पहलुओं के बारे में बात की। इस दौरान कबीर से उनकी 4 शादियों को लेकर भी सवाल हुआ। होस्ट ने कबीर से पूछा कि क्या उन्होंने एक पूरी जनरेशन को स्विच ओवर रिलेशन करने के लिए बढ़ावा दिया?
जवाब में कबीर ने कहा कि मैं कौन होता हूं बढ़ावा देने के लिए, लेकिन इतना कहूंगा कि कई ऐसे मौके थे जब मैं महिलाओं में अपनी पसंद को लेकर अविवेकी था, लेकिन अगर मैं सच बोलूं, अगर मैं अपने मेन रिलेशनशिप्स को देखूं तो ये कोई वन नाइट स्टैंड नहीं थे। मेरी पहली शादी 7 साल चली थी, दूसरी शादी भी कुछ 7-8 साल की थी, तीसरी शादी 15 साल की थी। अब जो मैंने शादी की है परवीन दोसांझ के साथ, हम 19 साल से साथ हैं।
परवीन और मेरी शादी सिर्फ 9 साल की है, लेकिन उससे पहले हम 10 साल एक साथ रहे हैं। हो सकता है कई लोग 4 शादियां ना करें, लेकिन मेरी रिलेशनशिप्स अच्छी रहीं, लंबी रहीं और सबसे गर्व की बात ये है कि मैं अपनी हर एक्स पत्नी के साथ दोस्त रहा हूं। मेरी एक्स पत्नियों के बीच भी आपस में कोई गलत फीलिंग नहीं रही। मेरे साथ भी उनकी कोई गलत भावना नहीं रही।
मैंने कुछ गलत निवेश किए और बहुत सारा पैसा खो दिया : कबीर बेदी
कबीर बेदी ने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे। उन्होंने वित्तीय संघर्षों के बारे में बात की। कबीर ने कहा कि अपने शुरुआती दिनों में, कुछ पैसे होने से मुझे मानसिक शांति मिलती थी। जिन लोगों की पृष्ठभूमि ऐसी होती है, जहां वित्तीय साधन कम होते हैं, वे हमेशा खुद को वित्तीय रूप से सुरक्षित रखना चाहते हैं, इसलिए जब मैंने यूरोप में सफलता का स्वाद चखा...मैंने कुछ पैसे कमाए और यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात थी, क्योंकि इससे आपको यह अहसास होता है कि मुझे इस बात की चिंता नहीं करनी है कि मेरा अगला भोजन कहां से आएगा या मेरा किराया कहां से आएगा।
अचानक से पैसे आने से व्यक्ति अपने खर्च करने की आदतों के बारे में लापरवाह हो सकता है। मैंने कुछ गलत निवेश किए और बहुत सारा पैसा खो दिया। जब कोई स्टारडम का स्वाद चख लेता है, तब से वह स्टार बनने के लिए बहुत सारा पैसा खर्च करना शुरू कर देता है। मेरे जीवन में एक ऐसा दौर था जब मैं आर्थिक और भावनात्मक रूप से तबाह हो गया था। एक दौर मैं फाइनेंशियली अनस्टेबल था।
उस समय मेरे बेटे की मृत्यु हो गई, इसलिए 1990 के दशक के आखिर में ऐसा समय था जब मुझे नहीं पता था कि मैं क्या कर रहा हूं। मैं ऑडिशन के लिए जाता था और मुझे समझ नहीं आता था कि मैं क्या कह रहा हूं। मैंने काम, अवसर खो दिए और स्थिति बस बदतर होती चली गई। इसके बाद खुद को वापस पाने के लिए मैं इंग्लैंड चला गया और एक समय में एक प्रोजेक्ट पर काम करते हुए मैंने जीवन का पुनर्निर्माण किया।