मनोज बाजपेयी की हिट वेब सीरीज 'फैमिली मैन' के तीसरे सीजन में खास भूमिका निभा रहे एक्टर रोहित बसफोर अब इस दुनिया में नहीं रहे। रोहित रविवार (27 अप्रैल) को असम के गरभंगा जंगल में दोस्तों के साथ घूमने गए थे। उसके बाद उनकी डेड बॉडी मिली। परिवार के लोगों को हत्या का अंदेशा है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक असम के रहने वाले रोहित कुछ महीने पहले अपने होमटाउन लौटे थे। वे दोस्तों के एक ग्रुप के साथ बाहर गए थे। वे दोपहर करीब 12:30 बजे घर से निकले थे अपने परिवार को कहा था कि छोटी सी ट्रिप पर जा रहे हैं।
परिवार की चिंता तब बढ़ गई जब उनका रोहित से संपर्क टूट गया। बाद में एक दोस्त ने परिवार को दुर्घटना की सूचना दी। रोहित को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां पहुंचने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। परिवार ने एसडीआरएफ से संपर्क साधा, जिन्होंने बाद में शव को बरामद किया और जांच के लिए भेज दिया। पुलिस ने बताया है कि रोहित के शरीर पर चोट के कई निशान पाए गए हैं। गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में किए गए पोस्टमार्टम में सामने आया कि रोहित के शरीर पर कई चोटें थीं, जिनमें सिर, चेहरे और अन्य हिस्सों पर घाव शामिल थे।
परिवार के मुताबिक रोहित का हाल ही में एक पार्किंग को लेकर विवाद हो गया था और तीन लोगों रंजीत बसफोर, अशोक बसफोर और धरम बसफोर से उनकी जान को खतरा था। परिवार ने एक जिम मालिक अमरदीप का भी नाम लिया है, जिसने कथित तौर पर रोहित को ट्रिप के लिए इनवाइट किया था। चारों आरोपियों की तलाश जारी है।
उल्लेखनीय है कि रोहित ने पिछले साल ‘फैमिली मैन 3’ के सेट से कई दफा तस्वीरें शेयर की थीं। नवंबर में जयदीप अहलावत व दलीप ताहिल के साथ फोटो शेयर कर लिखा था, “इतने शानदार अनुभव के लिए खुशकिस्मत।” इस साल भी रोहित ने अपकमिंग शो के सेट से साथियों के साथ पिक्चर्स साझा की थीं। बता दें ‘फैमिली मैन 3’ शो इस साल दिवाली पर रिलीज हो सकता है।
डायरेक्टर शाजी एन करुण ने 73 साल की उम्र में छोड़ी दुनिया, थे कैंसर से पीड़ित
दक्षिण भारतीय सिनेमा के दिग्गज डायरेक्टर शाजी एन करुण का निधन हो गया। वे 73 साल के थे। रविवार को तिरुवनंतपुरम में अपने आवास पर शाजी ने अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थे। इलाज के बाद भी जब तबीयत में सुधार नहीं हुआ तो उन्हें उनके घर वापस लाया गया था। शाजी अपने पीछे पत्नी अनसूया देवकी वारियर और बेटे अप्पू व अनिल को छोड़ गए हैं। उनके निधन से पूरे मलयालम फिल्म जगत में शोक की लहर दौड़ गई।
केरल के कोल्लम जिले में 1 जनवरी 1952 को जन्मे शाजी की पहली फिल्म ‘पिरवी’ ने ही उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिला दी। इस फिल्म को साल 1989 में कान्स फिल्म फेस्टिवल में कैमरा डी ओर सम्मान मिला था। इसके बाद ‘स्वाहम’ और ‘वानप्रस्थम’ जैसी कलात्मक फिल्मों ने उन्हें दुनियाभर में सराहना दिलाई। शाजी ने भारतीय सिनेमा संस्कृति को आकार देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
वे केरल राज्य चलचित्र अकादमी के संस्थापक अध्यक्ष रहे, जो देश की पहली फिल्म अकादमी थी। इसके साथ ही वे कई सालों तक केरल अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFK) के भी कार्यकारी अध्यक्ष रहे। ‘पिरवी’, ‘वानप्रस्थम’ और ‘कुट्टी स्रनक’ जैसी फिल्मों के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें 2023 का जे सी डैनियल पुरस्कार भी प्रदान किया गया था, जो केरल सरकार का सर्वोच्च फिल्म सम्मान है।