निर्माता Maddock Films को फिल्म ‘भूल चुक माफ’ की सीधी OTT रिलीज को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने 16 मई को Amazon Prime Video पर प्रस्तावित डिजिटल रिलीज पर अंतरिम रोक लगाते हुए स्पष्ट किया है कि फिल्म का प्रदर्शन अब केवल अदालत की अगली सुनवाई के बाद ही संभव होगा।
मामले की जड़ एक अनुबंध विवाद में है। Maddock Films ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए फिल्म की सिनेमाघरों में रिलीज रद्द कर दी और सीधे OTT पर लाने की घोषणा की। लेकिन PVR Inox ने अदालत में यह कहते हुए चुनौती दी कि यह 6 मई 2025 को हुए कानूनी समझौते का स्पष्ट उल्लंघन है, जिसमें 8 सप्ताह की थिएटर-एक्सक्लूसिविटी की शर्त तय की गई थी।
PVR Inox की आपत्ति
PVR Inox के वकील दिनयार मडोन ने कोर्ट में बताया कि दिल्ली के 31 सिनेमाघरों में फिल्म की रिलीज के लिए व्यापक तैयारी की गई थी — प्रचार सामग्री लगाई गई थी, सोशल मीडिया पर अभियान चल रहा था और अग्रिम बुकिंग भी शुरू हो चुकी थी। उन्होंने कहा कि Maddock Films का सुरक्षा का तर्क निराधार है, क्योंकि न तो कोई सरकारी आदेश प्रस्तुत किया गया, न ही कोई ऐसी परिस्थिति उत्पन्न हुई थी जिससे रिलीज असंभव हो। एकमात्र जो सिनेमा बंद था, वह जोधपुर में था — जहां यह फिल्म रिलीज होनी ही नहीं थी।
न्यायालय की टिप्पणियां
न्यायमूर्ति आरिफ एस डॉक्टर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि Maddock Films का फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा नहीं, बल्कि व्यावसायिक हित से प्रेरित था। उन्होंने टिप्पणी की कि ‘‘सिर्फ आर्थिक लाभ के आकलन पर आधारित निर्णय किसी भी वैध अनुबंध से मुकरने का आधार नहीं हो सकता।’’ विशेष रूप से, अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि समझौते में force majeure (अप्रत्याशित आपदा या परिस्थिति) जैसी कोई राहत का प्रावधान नहीं था।
कॉपीराइट बनाम अनुबंध
Maddock Films ने यह तर्क भी दिया कि एकमात्र कॉपीराइट धारक होने के नाते उन्हें रिलीज का माध्यम चुनने का अधिकार है। लेकिन अदालत ने इसे खारिज करते हुए कहा कि कॉपीराइट का स्वामित्व एक स्पष्ट और बाध्यकारी अनुबंध से ऊपर नहीं हो सकता।
PVR की साख दांव पर
कोर्ट ने माना कि PVR Inox ने अपने सभी दायित्व निभाए — स्क्रीन ब्लॉक कीं, प्रचार किया और टिकट बिक्री शुरू की। ऐसे में अंतिम समय पर रिलीज टालना उनके आर्थिक हितों को नुकसान तो पहुंचाएगा ही, उनकी बाज़ार में साख और दर्शकों के विश्वास को भी चोट पहुंचाएगा।
धोखे की मंशा पर भी सवाल
Maddock Films ने यह भी दलील दी थी कि चूंकि PVR ने मुआवजे की मांग की है, इसलिए उसे अंतरिम राहत नहीं मिल सकती। इस पर कोर्ट ने कहा कि Specific Relief Act की धारा 42 के तहत, कोई भी याचिकाकर्ता दोनों – मुआवजे और अंतरिम राहत – की मांग कर सकता है।
अगली सुनवाई और आदेश
कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 16 जून 2025 को तय की है। तब तक, फिल्म ‘भूल चुक माफ’ न तो किसी OTT प्लेटफॉर्म पर और न ही किसी अन्य गैर-सिनेमाई माध्यम पर रिलीज हो सकती है।