
वृंदावन स्थित संत प्रेमानंद महाराज का आश्रम आजकल न केवल श्रद्धालुओं बल्कि मनोरंजन जगत के कलाकारों के लिए भी आस्था का केंद्र बन गया है। कुछ समय पहले अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी यहां पहुंची थीं और अब लोकप्रिय रैपर बादशाह अपने भाई के साथ आश्रम में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने न केवल संत के दर्शन किए बल्कि अपने मन के सवाल भी रखे।
बादशाह का सवाल– सत्य की राह पर क्यों घटते हैं रिश्ते?
बादशाह ने संत प्रेमानंदजी से बड़ी सरलता से एक गहरी जिज्ञासा साझा की। उनका कहना था कि जब इंसान सच्चाई की राह पकड़ता है, तो अक्सर अपने ही लोग दूरी बना लेते हैं। सच्चाई बोलने पर रिश्ते बिगड़ जाते हैं और प्रेम भी कम हो जाता है। ऐसे हालात में इंसान को क्या करना चाहिए?
भाई ने भी रखा जीवन का प्रश्न
बादशाह के भाई ने भी अपनी शंका व्यक्त करते हुए पूछा— “हम सब सोचते थे कि इंसान का जन्म दूसरों की मदद के लिए हुआ है। लेकिन जब सत्य की बात करते हैं, तो लोग हमें नापसंद करने लगते हैं। रिश्ते कमजोर पड़ जाते हैं, जैसे कोई श्राप मिल गया हो। न काम करने की ताकत बचती है, न जीवन का उत्साह। ऐसे में आगे कैसे बढ़ें?”
प्रेमानंद महाराज का जवाब– सत्य कभी व्यर्थ नहीं जाता
संत प्रेमानंद महाराज ने बेहद संतुलित उत्तर दिया। उन्होंने कहा— “जो इंसान भीतर से मजबूत होता है, उसके साथ स्वयं भगवान खड़े रहते हैं। यह संसार अक्सर असत्य में उलझा हुआ है, लेकिन जो व्यक्ति सत्य को चुनता है, उसे सामान्यतः अकेलापन महसूस होता है। हो सकता है कि लोग कटु व्यवहार करें, परंतु परमात्मा के सान्निध्य में वह साधक कभी अकेला नहीं होता। जब परमात्मा प्रसन्न होते हैं, तो वही आदर और मान दिलाते हैं, जिसकी तलाश इंसान बाहर करता है।”
महाराज ने आगे समझाया कि सत्य का मार्ग कठिन ज़रूर है, लेकिन निराशा का कारण नहीं। उन्होंने कहा— “अगर सत्य का कोई मूल्य न होता, तो लोग यहां सत्संग सुनने क्यों आते? संत और महात्मा सत्य के पथिक होते हैं। यही मार्ग अंततः सम्मान और संतोष की ओर ले जाता है।”
आश्रम में बिताए गए पल
बादशाह और उनके भाई ने प्रेमानंद महाराज से व्यक्तिगत बातचीत के साथ सत्संग का आनंद लिया। कहा जा रहा है कि संत ने उन्हें जीवन में धैर्य, आत्मबल और ईमानदारी बनाए रखने की प्रेरणा दी।
इस मुलाकात ने एक बार फिर दिखा दिया कि आध्यात्मिक स्थलों का आकर्षण केवल आम लोगों तक सीमित नहीं, बल्कि कला और मनोरंजन की दुनिया से जुड़े बड़े नाम भी आंतरिक शांति और सच्चाई की तलाश में यहां पहुंच रहे हैं।














