
हिंदू परंपरा में भगवान हनुमान को अद्वितीय शक्ति, असीम साहस और अटूट भक्ति का प्रतीक माना जाता है। उन्हें भगवान शिव का रुद्र अवतार कहा गया है और वे श्रीराम के सेवक, सखा और सबसे प्रिय भक्त के रूप में पूजित हैं। बजरंगबली, पवनपुत्र, केसरी नंदन—इन नामों से उन्हें भावपूर्वक पुकारा जाता है। मान्यता है कि श्रद्धा और विधि-विधान से की गई हनुमान पूजा हर तरह के भय को दूर करती है और जीवन में आत्मविश्वास बढ़ाती है।
अधिकतर लोग मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी का विशेष पूजन करते हैं और अपनी मनोकामनाएँ व्यक्त करते हैं। इसी बीच वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज से एक भक्त ने प्रश्न पूछा कि आखिर हनुमान जी को सबसे अधिक प्रिय क्या है? महाराज ने इस प्रश्न का जो उत्तर दिया, वह हनुमान भक्ति को एक नया अर्थ देता है।
हनुमान जी को सबसे प्रिय क्या?
प्रेमानंद महाराज ने बताया कि हनुमान जी के हृदय के सबसे समीप है—रामचरित का गायन और भगवान श्रीराम के पावन चरित्र का श्रवण। उन्होंने कहा—“रामचरित सुनिबे को रसिया… हनुमान जी सदैव प्रभु श्रीराम के गुण, उनकी लीला और नाम-कीर्तन सुनने को आतुर रहते हैं।”
महाराज के अनुसार, यदि कोई भक्त सच्चे मन से सियाराम के नाम का कीर्तन करता है या उन्हें श्रीराम के चरित्र का श्रवण कराता है, तो हनुमान जी तुरंत प्रसन्न होते हैं। यही वह “राम रसायन” है, जिसे सुनकर हनुमान जी की कृपा बरसने लगती है और भक्त के हृदय में सहज रूप से प्रेमभक्ति उत्पन्न होने लगती है। वे कहते हैं—“सियाराम के प्रेमी पर हनुमान जी स्वतः ही अधीन हो जाते हैं।”
प्रेमानंद महाराज ने समझाया भक्ति का रहस्य
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए महाराज ने कहा कि यदि किसी के हृदय में सियाराम के प्रति प्रेम ही नहीं है, तो उसके द्वारा किए गए सभी साधन तो फल देंगे, लेकिन वह ‘प्रेम-रस’ नहीं आएगा जो भक्ति का मूल है। उन्होंने समझाया— “अनुराग का अर्थ है—प्रभु को प्रेम की डोर में बांध लेना। बिना अनुराग के साधना अधूरी रह जाती है।”
हनुमान जी को प्रसन्न करने के अन्य उपाय
ज्योतिष और पुराणों में ऐसे कई उपाय बताए गए हैं, जिनसे श्रद्धालु हनुमान जी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। इनमें प्रमुख हैं:
शनिवार को हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, या बजरंग बाण का पाठ
हनुमान जी पर सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करना
मन, वचन और कर्म से पवित्र रहकर उनका स्मरण करना
मान्यता है कि इन उपायों को श्रद्धा और सच्चे मन से करने पर हनुमान जी भक्त के जीवन से संकट दूर करते हैं और शुभता का मार्ग खोलते हैं।














