मार्गशीर्ष अमावस्या 2024: इन 7 गलतियों से बचें, वरना पितृ देवता हो जाएंगे नाराज
By: Nupur Rawat Sat, 30 Nov 2024 09:19:02
मार्गशीर्ष अमावस्या इस वर्ष 1 दिसंबर 2024 को है। यह दिन पितरों को समर्पित होता है, माना जाता है कि इस दिन पितृ पृथ्वी पर आते हैं। इसीलिए पितरों के निमित्त दान-पुण्य, पिंडदान और तर्पण करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
साल 2024 में अमावस्या तिथि की शुरुआत शनिवार, 30 नवंबर को सुबह 10:32 बजे होगी और इसका समापन 1 दिसंबर को सुबह 11:52 बजे होगा। इस प्रकार, अमावस्या तिथि दो दिनों तक रहेगी। इस शुभ दिन पर पूजा-पाठ और स्नान-दान करना लाभकारी होता है। लेकिन, कुछ ऐसे कार्य भी हैं जिनसे बचना चाहिए। आइए, जानते हैं कि इस दिन क्या करें और क्या न करें।
मार्गशीर्ष अमावस्या पर क्या न करें?
1. पशु-पक्षियों को न पहुंचाएं नुकसान
इस दिन गाय, कुत्ता और कौए को भोजन देने का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इन जीवों को भोजन कराने से पितरों तक प्रसाद पहुंचता है। इसलिए, भूलकर भी इन जीवों को नुकसान न पहुंचाएं। ऐसा करने से पितृ नाराज हो सकते हैं और भाग्य आपका साथ देना बंद कर सकता है।
2. तर्पण और दीपक जलाना न भूलें
तर्पण, दान-पुण्य और पिंडदान जैसे कर्म इस दिन करना बेहद शुभ माना जाता है। अगर आप यह कार्य नहीं कर पा रहे हैं तो कम से कम पितरों के नाम पर दीपक अवश्य जलाएं। इन कार्यों को न करने पर पितृ असंतुष्ट हो सकते हैं।
3. बुरे विचार न रखें
इस दिन पितरों और घर के बड़े-बुजुर्गों के प्रति बुरे विचार या नकारात्मक सोच नहीं रखनी चाहिए। घर में लड़ाई-झगड़ा करने से बचें। ऐसा करने पर पितृ बिना आशीर्वाद दिए लौट जाते हैं।
4. ब्रह्मचर्य का पालन करें
मार्गशीर्ष अमावस्या पर ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इस दिन वासना जनित विचारों से बचें, अन्यथा पितृ और देवी-देवता आपसे रुष्ट हो सकते हैं।
5. तामसिक भोजन न करें
मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन सात्विक भोजन करना चाहिए। मांस-मदिरा जैसे तामसिक आहार से दूर रहें। प्रभु और पितरों की कृपा पाने के लिए यह आवश्यक है।
6. वाणी से किसी को आहत न करें
अपनी बातों से किसी को ठेस पहुंचाने से बचें। सादगी भरे तरीके से व्यवहार करें। विनम्रता और प्रेमपूर्ण स्वभाव आपके लिए शुभ रहेगा।
7. घर को गंदा न रखें
इस दिन घर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। गंदगी से पितृ और देवी-देवता अप्रसन्न हो सकते हैं। साथ ही, गंदे घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
मार्गशीर्ष अमावस्या पर क्या करें?
- पितरों के निमित्त दान-पुण्य करें
- पिंडदान और तर्पण करें
- गाय, कुत्ता और कौए को भोजन कराएं
- दीपक जलाकर पितरों को याद करें
- घर में सकारात्मकता बनाए रखने के लिए सफाई करें
गंगा स्नान और पूजा का खास महत्व
अमावस्या के पावन दिन पर भक्त सुबह-सुबह गंगा और अन्य पवित्र नदियों के घाटों पर पहुंचते हैं। स्नान के पश्चात भगवान सूर्य, शिव और विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। पितरों की तृप्ति के लिए जल में तिल, कुश और अन्य पवित्र सामग्री डालकर तर्पण किया जाता है। साथ ही दीप जलाकर उसे पवित्र नदियों में प्रवाहित करने की परंपरा भी निभाई जाती है, जिसे विशेष रूप से शुभ और फलदायी माना जाता है।