Mahashivratri 2022 : भोलेनाथ को नाराज करती हैं ये 8 चीजें, ना चढाएं शिवलिंग पर
By: Ankur Mundra Tue, 01 Mar 2022 07:59:08
हिंदू पंचांग के अनुसार, महाशिवरात्रि का पावन हर साल पर्व फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है जो कि आज 1 मार्च, मंगलवार को पड़ रहा हैं। मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन माता पार्वती और भगवान शिव का विवाह सम्पन्न हुआ था। आज सुबह से ही मंदिरों में शिव भक्तों की भीड़ जमा हो जाती है। आज के दिन सभी भक्त शिव की पूजा-अर्चना करते हैं और शिवलिंग का रुद्राभिषेक भी करवाते हैं। लेकिन पूजा के दौरान कुछ नियमों का ध्यान रखने की जरूरत हैं अन्यथा भोलेनाथ नाराज हो जाएंगे। जी हां, आज इस कड़ी में हम आपको शिवलिंग पर ना चढ़ाई जाने वाली चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनसे शिव नाराज होते हैं। तो आइये जानते हैं इनके बारे में...
टूटे हुए चावल
शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव को अक्षत या साबुत चावल अर्पित किए जाते हैं। मगर, टूटे हुए चावल को अधूरा और अशुद्ध माना जाता है इसलिए शिवलिंग पर भी टूटे हुए चावल ना चढ़ाएं।
शंख
भगवान शिव ने शंखचूड़ नामक राक्षस का वध किया था। माना जाता है कि शंख उसी राक्षस का प्रतीक माना जाता है इसलिए भगवान शिव की पूजा में इसका इस्तेमाल नहीं होता।
कुमकुम और सिंदूर
भक्त देवी पार्वती और भगवान गणेश की मूर्तियों के लिए कुमकुम और सिंदूर का उपयोग कर सकते हैं लेकिन इसे भगवान शिव पर चढ़ाने की मनाही है। कारण यह है कि भगवान शिव वैरागी हैं और वैरागी लोग अपने माथे पर राख डालते हैं, कुमकुम नहीं। साथ ही कुमकुम का प्रयोग विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए भी करती हैं।
केतकी और केवड़ा फूल
भगवान शिव को केतकी और केवड़ा फूल के फूल ना चढ़ाएं क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि फूल भगवान शिव द्वारा शापित और तिरस्कृत है।
हल्दी
वैसे तो हल्दी और कुमकुम हर भगवान को चढ़ाया जाता है लेकिन इसे कभी भी भगवान शिव को नहीं चढ़ाना चाहिए। दरअसल, हल्दी का उपयोग सौन्दर्य बढ़ाने वाले घटक के रूप में किया जाता है और भोलेनाथ को एक संत कहा जाता है, जो सांसारिक सुखों से दूर रहते हैं।
तुलसी
शिव पूजा में तुलसी के पत्तों से बचना चाहिए क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इनका उपयोग करने से पूजा अधूरी रह सकती है। इसके अलावा, यह विष्णु की पत्नी देवी लक्ष्मी का प्रतीक है।
नारियल पानी
वैसे तो भगवान शिव को नारियल चढ़ा सकते हैं लेकिन नारियल पानी से उनकी पूजा नहीं कर सकते। दरअसल, भगवान को अर्पित की जाने वाली हर चीज को निर्मलया माना जाता है और इसका सेवन करने से मना किया जाता है। मगर, देवताओं को चढ़ाए जाने के बाद नारियल पानी का सेवन करना अनिवार्य है, इसलिए इसे कभी भी शिवलिंग पर नहीं चढ़ाया जाता।
स्टील के बर्तन से दूध
कभी भी भगवान शिव को कांसे के पात्र, किसी भी धातु या स्टील के बर्तन से दूध नहीं चढ़ाना चाहिए। हमेशा तांबे के बर्तन में ही जल या दूध चढ़ाएं।