Womens Day Special : जाने कैसें एक टेनिस चैंपियन बनी भारतीय पुलिस ऑफिसर, किरण बेदी

किरण बेदी का जन्म 9 जून, 1949 को अमृतसर पंजाब में हुआ था। वे प्रकाश पेशावरिया और प्रेम पेशावरिया की चार बेटियों में से दूसरे नंबर की हैं। उनकी तीन बहनें हैं जिनमें से शशि कनाडा में रहती हैं और एक कलाकार हैं। दूसरी बहन रीता क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट और लेखक है जबकि तीसरी बहन अनु एक वकील हैं। उन्होंने सैक्रेड हार्ट कन्वेंट स्कूल, अमृतसर से शिक्षा की शुरुआत की थी। बेदी 1966 में राष्ट्रीय कनिष्ट टेनिस चैंपियन बनी। 1965 से 1978 के बीच उन्होंने कई सारे राष्ट्रीय और राज्य पुरस्कार जीते।। वे ऑल-‍एशियन टेनिस चैम्पियनशिप और एशियन लेडीज टाइटल विजेता रह चुकी हैं।

वे इंग्लिश में बी.ए. (आनर्स) होने के साथ-साथ पॉलिटिकल साइंस में एम.ए. और कानून की स्नातक हैं। साथ ही, वे आई.आई.टी. दिल्ली से डॉक्ट्‍रेट भी ले चुकी हैं। 1972 में उन्होंने एक कारोबारी बृज बेदी से विवाह किया था। तीन वर्ष बाद उनकी बेटी साइना पैदा हुई थी। वे दो साल के लिए खालसा कॉलेज फॉर वीमेन, अमृतसर में एक लेक्चरर रहीं और बाद में जुलाई 1972 में भारतीय पुलिस सेवा में भर्ती हुई थीं।

एक आई.पी.एस. रहते हुए उन्होंने बहुत सारे महत्वपूर्ण काम किए। वे संयुक्त राष्ट्र पीसकीपिंग ऑपरेशन्स से भी जुड़ी रहीं और इसके लिए उन्हें मेडल भी दिया गया था। उन्हें क्रेन बेदी के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि जब वे दिल्ली में ट्राफिक में उच्च पदस्थ अधिकारी थीं तब उन्होंने तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की कार को क्रेन से उठवा लिया था और पार्किंग नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना भी लगाया था।

1979 में राष्ट्रपति पुलिस मैडल जीता। बाद में वे पश्चिम दिल्ली गयी, जहा उन्होंने दिल्ली में हो रहे महिलाओ पर अत्याचारों को कम किया। इसके बाद, एक ट्रैफिक पुलिस की तरह, उन्होंने 1982 में दिल्ली में हो रहे एशियाई खेलो की निगरानी की। उत्तरी दिल्ली के DGP की तरह, उन्होंने ड्रग्स और दुर्व्यवहार के खिलाफ अपना अभियान जारी किया। जो बाद में नवज्योति दिल्ली पुलिस फाउंडेशन (2007) में मिला।

मई 1993 में, उन्हें दिल्ली कारागार में इंस्पेक्टर जनरल (IG) की तरह भेजा गया। जहा तिहार जेल में उन्होंने कई सुधार भी किये। जहा उनके इस प्रयत्न के लिए उन्हें 1994 में रमण मेगसेसे पुरस्कार दिया गया।

2003 में, किरन बेदी पहली महिला बनी जिसे यूनाइटेड नेशन ने नागरिक पुलिस सलाहकार हेतु नियुक्त किया। लेकिन उन्होंने 2007 में इससे इस्तीफा दे दिया। ताकि वे सामाजिक गतिविधियों और लेख लिखने में ध्यान लगा सके। उन्होंने कई सारी किताबे लिखी और इंडिया विज़न फाउंडेशन भी चला रही है।

2008-11 के बीच, उन्होंने आप की कचेहरी की मेजबानी भी की। वह 2011 भ्रष्टाचार मुक्त भारत की नेता भी बनी, और जनवरी 2015 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुई।