पंजाब ने नहीं माने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश, रोक के बावजूद जलायी जा रही पराली

दिल्ली की वायु गुणवत्ता को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पड़ोसी राज्यों को पराली जलाने से रोकने के निर्देश जारी किए थे। विशेष रूप पंजाब को, लेकिन पंजाब ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को दरकिनार करते हुए पराली जलाने का काम जारी रखा है।

पराली जलने पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तत्काल रोक लगाने का आदेश दिया था। लेकिन इसका असर पंजाब में होता तो नहीं दिख रहा है। बुधवार को राज्य के 21 जिलों में पराली जलाने की घटनाओं में तेजी से इजाफा देखा गया। संगरूर, मोगा, जालंधर समेत ज्यादा जिलों में पराली जलाई गई और इस बाबत पूछने पर किसी ने कहा कि उसे सुप्रीम कोर्ट के फैसले की जानकारी ही नहीं है तो कुछ किसानों का कहना था कि पराली को जलाने के अलावा उनके पास कोई विकल्प ही नहीं है। अकेले पटियाला जिले में ही दिन भर में पराली जलाने के 106 मामले सामने आए और इसके साथ ही पूरे सीजन का आंकड़ा बढ़कर जिले में 1,524 हो गया।

एक किसान ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा पत्रकारों से कहा, 'हम पराली जलाना नहीं चाहते, लेकिन इसे लेकर हमारे पास कोई विकल्प नहीं है। इसके मैनेजमेंट के जितने इंतजाम हैं, पराली उससे कहीं ज्यादा है। गेंहू की फसल बोने का समय नजदीक है और अब हम ज्यादा इंतजार नहीं कर सकते। यदि टाइम लगाया तो अगली फसल खराब होगी।' इस बारे में पूछने पर पटियाला की डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने कहा कि हमने अफसरों से रिपोर्ट मांगी है। अदालत के फैसले के बाद भी पराली जलाने की कुछ रिपोर्ट आई हैं।

साक्षी साहनी ने कहा, 'हमने पहले ही सरपंचों के साथ मीटिंग की है और उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जानकारी दी है। पुलिस अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वे पराली जलाने की घटनाओं पर निगरानी रखें।' उन्होंने कहा कि अफसरों से कहा गया है कि वे किसानों से मिलें और उन्हें पराली न जलाने के लिए समझाएं। भारतीय किसान यूनियन दाकुंडा के महासचिव जगमोहन सिंह कहते हैं कि कुल 5 लाख किसानों ने पंजाब में पराली को खत्म करने की मशीन के लिए आवेदन किया है, लेकिन 25 हजार को ही मिल पाई है। इसकी वजह से लोगों को पराली जलाना ही पड़ रहा है।

दक्षिण मालवा का हिस्सा कहे जाने वाले बठिंडा, फरीदकोट, मानसा, फिरोजपुर, मुक्तसर, मोगा और फाजिल्का में एक ही दिन में पराली जलाने के 861 केस मिले हैं। पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर के मुताबिक अदालत के आदेश के अगले ही दिन बुधवार को 2 हजार से ज्यादा केस पराली जलाने के सामने आए। इनमें से 42 फीसदी मामले अकेले दक्षिण मालवा के 7 जिलों के ही थे। अब तक इस सीजन की बात करें तो पराली जलाने में सबसे आगे संगरूर रहा है और दूसरे नंबर पर फिरोजपुर है।