48 घंटे बाद भी AN-32 विमान का कोई सुराग नहीं, 8 क्रू समेत 13 यात्री थे सवार, खोजने के लिए सैटेलाइट की भी ली जा रही है मदद

असम के एयरबेस से उड़ान भरने के बाद से लापता भारतीय वायुसेना का विमान एन32 (AN-32) का अभी तक कोई कोई सुराग नहीं मिला है। एएन 32 के लापता हुए तकरीबन 48 घंटे से ऊपर का समय बीत चूका हैलेकिन अभी तक पता नहीं लगाया जा सका है। तलाशी अभियान में बड़ी संख्या में विमानों, हेलीकॉप्टरों और सैनिकों को लगाया गया है। लापता विमान का पता लगाने के लिए उपग्रह के जरिए ली गई तस्वीरों की भी मदद ली जा रही है। विमान में 13 लोग सवार थे। इनमें 8 क्रू मेंबर और 5 और लोग शामिल हैं। वायुसेना खोजी अभियान में आर्मी की ग्राउंड फोर्स की भी मदद ले रही है। वायुसेना ने ट्वीट किया, ''कुछ रिपोर्ट्स में क्रैश साइट को लेकर आशंका जताई गई थी, लेकिन अब तक किसी तरह का मलबा नहीं मिला।'' भारतीय वायुसेना ने विमान का पता लगाने के लिए सभी संभव संसाधन लगा दिए हैं। इसमें सी-130जे, सी 130 हरक्यूलिस, सुखोई सू-30 फाइटर जेट शामिल हैं। लापता विमान का पता लगाने के लिए उपग्रह के जरिए ली गई तस्वीरों की भी मदद ली जा रही है।

सोमवार को हुआ था लापता

विमान सोमवार को अरुणाचल प्रदेश के मेचुका एयर फील्ड के ऊपर से लापता हुआ है। यह क्षेत्र चीन सीमा के काफी करीब है। सोमवार की दोपहर को उड़ान भरने के करीब 33 मिनट बाद विमान लापता हो गया।

भारतीय वायुसेना के प्रवक्ता ग्रुप कैप्टन अनुपम बनर्जी ने कहा कि विमान पर सवार रहे सभी वायु सैनिकों के परिजनों को घटना की सूचना दे दी गई है और लापता विमान की तलाश में हुई प्रगति के बारे में उन्हें नियमित तौर पर जानकारियां दी जा रही हैं। सैन्य सूत्रों ने बताया कि बचाव कर्मियों को लापता विमान में आपात स्थिति के समय ठिकाना तलाशने के लिए लगी बत्ती से कोई संकेत नहीं मिले हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी आशंका है कि विमान का यह उपकरण काम नहीं कर रहा हो।

उन्होंने कहा कि लापता हुए विमान को नवीनतम एवियोनिक्स एवं रेडारों से लैस करना बाकी था। हालांकि, कुछ एएन-32 विमानों में यह व्यवस्था की जा चुकी है। नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन डी के शर्मा ने कहा कि पी8आई विमान इलेक्ट्रो ऑप्टिकल और इन्फ्रा रेड सेंसरों की मदद से तलाश अभियान में मदद करेगा।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘पी8आई विमान में बहुत शक्तिशाली सिंथेटिक अपर्चर रडार होता है जिसका इस्तेमाल लापता विमान को खोजने के लिए किया जाएगा।’’ बोइंग द्वारा निर्मित पी8आई लंबी दूरी तक समुद्र में टोह रखने वाला विमान है और इस समय नौसेना के पास आठ ऐसे विमान हैं।

1980 में शामिल हुआ था एएन-32 विमान

सोवियत एरा का यह एयरक्राफ्ट 1980 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। इसे लगातार अपडेट किया गया। हालांकि लापता प्लेन एएन-32 इन अपग्रेडेड एयरक्राफ्ट का हिस्सा नहीं है।

2016 में भी लापता हुआ था विमान

इससे पहले जुलाई 2016 में भारतीय वायुसेना का एन32 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट बंगाल की खाड़ी के ऊपर से लापता हो गया था। इस विमान में 29 लोग सवार थे। विमान चेन्नई में एक एयरबेस से उड़ान भरा था और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लिए रवाना हुआ था।

चेन्नई के तांबरम वायुसेना स्टेशन से एएन -32 के उड़ान भरने के लगभग एक घंटे बाद विमान से रडार का संपर्क टूट गया। संपर्क टूटने के बाद विमान का पता लगाने के लिए भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन लॉन्च किया जो बाद में समुद्र में लापता विमान के लिए भारत का सबसे बड़ा खोजी अभियान बन गया। हालांकि, विमान का पता नहीं लग पाया। सितंबर 2016 को इस अभियान को बंद कर दिया गया।