यहाँ देवी-देवताओं पर चलता है केस और सुनाई जाती है सजा
By: Ankur Wed, 11 July 2018 1:28:21
दुनिया में हर कोई भगवान को मानता हैं और अपनी मनोकामना की पूर्ती के लिए भगवान से आस लगाकर रखता हैं। और जब वह आस पूरी नहीं होती तो कभी-कभार कुछ समय के लिए भगवान से नाराज भी हो जाते हैं। लेकिन कभी आपने फिल्म "ओह माय गॉड" की तरह भगवान पर केस करने की सोचा हैं। यह सिर्फ फिल्मों की बात लगती हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि हमारे ही देश में एक जगह हैं जहां भगवान को भी अदालत में पेश किया जाता है, उनके अपराध सुने जाते है और अपराध सिद्ध होने पर भगवान को सज़ा सुनाई जाती है जो की मंदिर से निष्कासन से लेकर मृत्युदंड तक कुछ भी हो सकती है। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।
छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के केशकाल नगर में भंगाराम देवी का मंदिर है। यहाँ पर हर साल भादवे के महीने में जात्रा आयोजित किया जाता है। भंगाराम देवी इलाके के नौ परगना के 55 राजस्व ग्रामो में स्थापित सैकड़ों देवी देवताओं की आराध्या देवी है।
हर साल लगने वाले इस जात्रे में सभी ग्रामवासी अपने अपने ग्राम के देवी देवताओं को लेकर यहाँ पहुंचते है। हर साल इसी जात्रे में एक देव अदालत लगती है जिसमे आरोपी होते है देवी देवता और फरियादी होते है ग्रामवासी। इस देव अदालत में सभी देवी देवताओं की पेशी की जाती है और जिस देवी देवता के खिलाफ शिकायत होती है उसकी फ़रियाद भंगाराम देवी से की जाती है।
सबकी शिकायते सुनने के बाद शाम को भंगाराम देवी अपने फैसले सुनाती है। असल में इस पूरी प्रक्रिया में भंगाराम देवी का एक पुजारी बेसुध हो जाता है। लोगो के अनुसार उसके अंदर स्वयं देवी आ जाती हैं। और फिर देवी उसी के माध्यम से अपने फैसले सुनाती है।
सज़ा देवी देवताओं द्वारा किये गए अपराध पर निर्भर करती है जो की 6 महीने के निष्कासन से लेकर अनिश्चितकालीन निष्कासन और यहाँ तक की मृत्यु दंड भी हो सकती है। मृत्युदंड दिए जाने की अवस्था में मूर्ति खंडित कर दी जाती है जबकि निष्कासन की सजा पाये देवी देवताओं की मुर्तिओं को मंदिर के पास ही बानी एक खुली जेल में छोड़ दिया जाता है।
यहाँ पर देवी देवताओं के खिलाफ की जाने वाली अधिकतर शिकायत मन्नतें पूरी नहीं करने की होती है। इसके अलावा यदि फसल ख़राब हो, पशुओं को कोई बीमारी लग जाए, गाँव में कोई बीमारी फ़ैल जाये तो उसका दोषी भी ग्राम के देवी देवता को माना जाता है।