सिंगापुर में छत पर गार्डन वाली बसें शुरू, अंदर का तापमान हो जाता है 5 डिग्री तक कम
By: Priyanka Maheshwari Tue, 04 June 2019 08:14:19
सिंगापुर (Singapore) में छत पर गार्डन (Moving Garden) वाली बसें शुरू की गई है, इससे बस के अंदर का तापमान 5 डिग्री तक कम रहता है। प्रोजेक्ट एडवाइजर डॉ. चेन लुआंग के मुताबिक, ग्रीन बसों में एयर कंडीशनर नहीं चलाना पड़ता, इसलिए फ्यूल भी कम खर्च होता है। अनुमान के मुताबिक, दिन भर में एक बस में करीब 15-20% फ्यूल खर्च घट जाता है। बस की छत पर और अंदर की ओर सेंसर लगाए गए हैं, इससे तापमान का अंतर पता चल जाता है। जीडब्ल्यूएस लिविंग आर्ट सिंगापुर ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल और एनपी पार्क्स के निर्देशन में यह प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है। एक ग्रीन रूफ की कीमत करीब 10 हजार रुपए है। फिलहाल सिंगापुर पब्लिक ट्रांसपोर्ट की 10 बसों में 4 लाख रुपए खर्च कर ग्रीन रूफटॉप बनाया गया है। पहले तीन माह तक इस प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग की जाएगी, फिर जरूरी सुधार कर 400 बसों पर ग्रीन रूफ लगाई जाएंगी।
साल में दो या तीन बार मैंटेनेंस की जरूरत पड़ेगी
गार्डन ऑन द मूव अभियान के तहत इन्हें चलाया जा रहा है। इन बसों की छत पर 1.8 गुणा 1.5 मीटर साइज के दो ग्रीन पैनल लगाए गए हैं। आमतौर पर मिट्टी वाले ऐसे ग्रीन पैनल का वजन 250-300 किलो तक होता है। इनमें मिट्टी के बजाय कार्बन फाइबर का इस्तेमाल किया गया है। जो गेयामेट भी कहलाता है। इसमें पानी सोखने वाले रेशों की लेयर रहती है। इनका वजन महज 40 किलो तक ही है। इनमें ज्यादा पानी भी नहीं देना पड़ता, साल में दो या तीन बार मैंटेनेंस की जरूरत पड़ती है। लगाए गए पौधों की खासियत यह है कि ये कड़ी धूप के साथ सूखी तेज हवा भी सहन कर सकते हैं। तापमान ज्यादा होने पर मुरझाते नहीं हैं। इन्हें पहले पैनल पर उगाया जाता है, फिर पैनलों को बस पर लगा दिया जाता है।
बसों में तापमान मापने के लिए सेंसर लगे
बस की छत पर और अंदर की ओर सेंसर लगाए गए हैं, इससे तापमान का अंतर पता चल जाता है। ग्रीन रूफ छत पर धूप नहीं आने देती, इसलिए अंदर का तापमान बाहर के मुकाबले करीब 5 डिग्री तक कम रहता है।
इलेक्ट्रिक बसों के लिए भी फायदेमंद
ग्रीन रूफटॉप से इलेक्ट्रिक बसों में बैटरी की खपत कम हो जाएगी। सिंगापुर ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल की स्टडी में यह बात सामने आई है कि एसी चालू नहीं करने से बैटरी खपत 25% तक कम होगी। यानी जल्दी चार्ज नहीं करना पड़ेगी।