अब तक दो बार एफिल टावर को बेच चुका है यह ठग, FBI के लिए बना रहा सिरदर्द

By: Ankur Tue, 21 Jan 2020 09:24:31

अब तक दो बार एफिल टावर को बेच चुका है यह ठग, FBI के लिए बना रहा सिरदर्द

आजकल देखा जा रहा हैं कि कई लोग सोना तो कोई ऑनलाइन ठगी का शिकार हो रहे हैं जो कि ठग के शातिर दिमाग और लोगों की अधूरी जानकारी की वजह से हो पाता हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे ठग के बारे में बताने जा रहे हैं जो अब तक दो बार एफिल टावर को बेच चुका है और FBI के लिए हमेशा सिरदर्द बना रहा। इस ठग का असली नाम आज तक पता नहीं हैं हांलाकि एफबीआई ने इस ठग को विक्टर लुस्टिग कहा है, लेकिन ये नाम इसके 47 नामों में से एक ही है।

ब्रिटिश पत्रकार जैफ मेश ने इस किस्से पर 'हैंडसम डेविल' नाम की किताब लिखी है। जैफ बताते हैं, 'जब भी वो एफबीआई से भाग रहा होता था तो अपना पीछा करने वाले एजेंट्स का मज़ाक उड़ाने के लिए उनके नाम से होटलों में कमरे बुक करने और उनके नाम पर जहाजों की सवारी किया करता था।'

weird news,weird incident,weird skilled con artist,victor lustig,sold the eiffel tower twice ,अनोखी खबर, अनोखा मामला, होशियार ठग, विक्टर लुस्टिग, एफिल टावर की बिक्री

एफबीआई के दस्तावेज के मुताबिक वह एक अक्तूबर, 1890 को होस्टाइन में पैदा हुआ था। होस्टाइन पहले अस्ट्रो-हंगेरियन साम्राज्य था और अब इसे चेक गणराज्य के नाम से जाना जाता है। लेकिन ये भी सबसे ज्यादा कही जाने वाली बात ही है। जैफ बताते हैं, 'उसने हमें इतनी कहानियां सुनाईं कि हम आज भी ये तक नहीं जानते कि वो पैदा कहां हुआ था। मैंने एक स्थानीय इतिहासकार से इस बारे में बात की लेकिन यहां के दस्तावेजों में उसके इतने नामों में से कोई भी पंजीकृत नहीं है। वो यहां था ही नहीं!'

अमेरिका में 1920 का दशक खूंखार गैंगस्टर अल कपोनी और जैज के लिए जाना जाता है। ये वो दौर था जब पहला महायुद्ध खत्म हुआ था, अमेरिका अपने चढ़ान पर था। डॉलर के आने और जाने की स्पीड बेहद तेज थी। इसी दौर में अमेरिका के 40 शहरों के जासूसों ने इस ठग को अल सिट्राज निकनेम दिया था। सिट्राज एक स्पैनिश शब्द है जिसका अर्थ घाव होता है। और, ये नाम इस शख्स के बाएं गाल पर एक चोट के निशान की वजह से मिला था जो उसे पेरिस में उसकी एक महबूबा से मिला था।

weird news,weird incident,weird skilled con artist,victor lustig,sold the eiffel tower twice ,अनोखी खबर, अनोखा मामला, होशियार ठग, विक्टर लुस्टिग, एफिल टावर की बिक्री

लुस्टिग ने इस मीटिंग में कहा, 'इंजीनियरिंग से जुड़ी असफलताओं, खर्चीली मरम्मत और कुछ राजनीतिक समस्याएं जिन्हें मैं आपके साथ साझा नहीं कर सकता, की वजह से एफिल टावर का गिरना आवश्यक है।' उसने कहा, 'टावर सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को दिया जाएगा।' इस मीटिंग में मौजूद किसी भी व्यापारी ने लुस्टिग के इस प्रस्ताव पर शक नहीं किया क्योंकि उन्होंने समझा कि ये फ्रांसीसी सरकार का एक कदम है। कुछ सूत्रों का कहना है कि उसने ऐसा एक बार फिर किया। वह होटल में छिपा रहा और जब उसे पता चला कि वो एक बार फिर ऐसा कर सकता है तो उसने एक बार फिर ऐसा कर दिखाया।

ये साल 1925 की बात है। अमेरिकी सीक्रेट सर्विस के एजेंट जेम्स जॉनसन के संस्मरण के मुताबिक, विक्टर लुस्टिग मई के महीने में पेरिस पहुंचा। लुस्टिग ने पेरिस के एक लग्जरी होटल में मैटल वेस्ट इंडस्ट्री के बड़े उद्योगपतियों के साथ एक मीटिंग का आयोजन किया। इस मीटिंग के लिए लुस्टिग ने खुद को फ्रांसीसी सरकार का अधिकारी बताकर सरकारी स्टांप के साथ पत्र भिजवाया।

विक्टर लुस्टिग ने अपनी जिंदगी में ऐसे कई किस्सों को अंजाम दिया जिसने कई सरकारों की रातों की नींद हराम कर दी। जेलों को तोड़ना उसके लिए बाएं हाथ का खेल था। लेकिन, आखिर में अमेरिकी सरकार ने उसे एक अल्काट्राज जेल में रखा, जहां साल 1947 में 11 मार्च को शाम के आठ बजकर 30 मिनट पर उसकी मौत निमोनिया से हुई। वो सबसे खर्चीला और शानशाही से रहने वाला ठग था लेकिन उसकी मौत के सरकारी दस्तावेज में उसे सिर्फ नौसिखिया सेल्समैन कहा गया।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
lifeberrys हिंदी पर देश-विदेश की ताजा Hindi News पढ़ते हुए अपने आप को रखिए अपडेट। Viral News in Hindi के लिए क्लिक करें अजब गजब सेक्‍शन

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com