पुलवामा आतंकी हमले के बाद कमल हासन का देश विरोधी बयान- कश्मीर में जनमत संग्रह क्यों नहीं करा रही सरकार
By: Priyanka Maheshwari Mon, 18 Feb 2019 12:42:58
पुलवामा आतंकी हमले (Pulwama Terrorist Attack) के बाद अभिनेता से नेता बने कमल हासन (Kamal Hasaan) ने देश विरोधी बयान दिया है। देश की कश्मीर नीति पर सवाल उठाते हुए कमल हासन (Kamal Hasaan) ने कहा है कि सरकार कश्मीर में जनमत संग्रह कराने से क्यों कतरा रही है? कमल हासन (Kamal Hasaan) ने पाकिस्तान (Pakistan) अधिकृत कश्मीर (Kashmir) को 'आज़ाद कश्मीर' भी बताया है। उन्होंने कहा, 'भारत कश्मीर में जनमत संग्रह क्यों नहीं करा रहा है। सरकार किससे डरती है?' भारत और पाकिस्तान दोनों के नेताओं को जिम्मेदार ठहराते हुए कमल हासन ने कहा, 'यदि दोनों पक्षों के राजनेता उचित व्यवहार करते हैं, तो एक भी सैनिक के मरने की आवश्यकता नहीं होती। लाइन ऑफ कंट्रोल भी अंडर कंट्रोल रहेगा।'
कमल हासन (Kamal Hasaan) ने कहा, 'जनमत संग्रह करो और लोगों से बात करो। उन्होंने ये क्यों नहीं किया? वे किस चीज से डरते हैं? वे सभी राष्ट्र को विभाजित करना चाहते हैं? आप उनसे दोबारा क्यों नहीं पूछते? वे ऐसा नहीं करेंगे? अब यह (कश्मीर) भारत का है, यही स्थिति सीमा पार भी रहती है। आजाद कश्मीर में वे जिहादियों की तस्वीरों का इस्तेमाल गाड़ियों में हीरो के रूप में चित्रित करने के लिए कर रहे हैं, यह भी एक मूर्खतापूर्ण बात है।'
Makkal Needhi Maiam leader Kamal Hassan at an event in Chennai yesterday: Why India is not holding a plebiscite in Kashmir? What are they (Indian government) afraid of? pic.twitter.com/9M6bS5JoWV
— ANI (@ANI) February 18, 2019
हासन ने कहा, 'भारत भी मूर्खता जैसा व्यवहार करता है, यह उचित नहीं है। अगर हम यह साबित करना चाहते हैं कि भारत एक बेहतर देश है, तो हमें इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए। वहां राजनीति शुरू होती है, नई राजनीति संस्कृति बनती है।' कमल हासन चेन्नई में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे और उनसे पुलवामा हमले के बारे में पूछा गया था।
कमल हसन ने कहा, 'मुझे वास्तव में पछतावा होता है जब लोग कहते हैं कि सेना के लोग कश्मीर मरने के लिए जा रहे हैं। लड़ना बंद करो। क्या पिछले 10 सालों में सभ्यता ने यह नहीं सीखा है? सैनिक क्यों मरना चाहिए? हमारे घर के चौकीदार को क्यों मरना चाहिए? उन्होंने कहा कि यदि दोनों पक्षों के राजनेता उचित व्यवहार करते हैं, तो एक भी सैनिक नहीं मरता। नियंत्रण रेखा नियंत्रण में होगी। आप लगातार छेड़छाड़ कर रहे हैं।
बता दे, 14 फरवरी को श्रीनगर के अवंतीपुरा के लेथपोरा इलाके में आतंकियों ने सीआरपीएफ पर हमला किया। ये हमला उस वक्त हुआ जब करीब 78 बसों में 2500 जवान जम्मू से श्रीनगर जा रहे थे। आतंकियों को इस रूट पर जवानों की गाड़ियों के मूवमेंट की जानकारी पहले से थी और उसी का फायदा उठाते हुए बड़े आंतंकी हमले को अंजाम दिया गया। एक आतंकी विस्फोटकों से भरी गाड़ी लेकर सीआरपीएफ की एक बस से टकरा गया और फिर बहरा कर देने वाला धमाका हुआ। जिस गाड़ी से जवानों के काफिले पर हमला किया गया उसमें करीब 200 किलो विस्फोटक मौजूद था। जिस बस को आतंकियों ने निशाना बनाया उसमें कुल 42 जवान सवार थे। सीआरपीएफ की तरफ से जानकारी के मुताबिक इस हमले में 40 जवान शहीद हुए। हमले के बाद पूरा देश गुस्से में है और इस कारयराना हरकत के लिए पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने की मांग कर रहा है। सरकार की ओर से कहा गया है कि जवानों के खून की एक-एक बूंद का बदला आतंकियों से लिया जाएगा। हमले पर गृह मंत्रालय ने पीएमओ को रिपोर्ट सौंप दी है, इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान से मसूद अजहर ने ये हमला करवाया है।
सेना ने लिया बदला, मास्टरमाइंड ग़ाज़ी मुठभेड़ में ढेर
जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के पुलवामा में आतंकियों से मुठभेड़ में भारतीय सेना के 4 जवान शहीद हो गए। शहीद होने वालों में भारतीय सेना का मेजर भी शामिल है। एक नागरिक के भी मरने की खबर है। वहीं जैश-ए-मोहम्मद के 2 आतंकियों को ढेर कर दिया गया है। अभी भी 2 आतंकियों के फंसे होने की खबर है। सूत्रों के मुताबिक, इस मुठभेड़ में पुलवामा अटैक का मास्टरमाइंड और जैश ए मोहम्मद का कमांडर कामरान उर्फ गाज़ी और एक स्थानीय आतंकी हिलाल अहमद ढेर हो गया है। हालांकि इस खबर की अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। जैश का टॉप कमांडर ग़ाज़ी IED एक्सपर्ट बताया जाता है। जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर अपने भतीजे के जरिए घाटी में आतंकी हरकतों को अंजाम देता था, लेकिन पिछले साल ऑपरेशन ऑलआउट के दौरान सुरक्षाबलों ने उसे मार गिराया था। जिसके बाद से ही मसूद अजहर ने कश्मीर की जिम्मेदारी ग़ाज़ी को दी थी।
इस एनकाउंटर में राष्ट्रीय राइफल्स के एक मेजर समेत 4 जवान भी शहीद हुए हैं। पुलवामा में देर रात से जारी इस एनकाउंटर के बाद गृह मंत्रालय में भी उच्च स्तरीय बैठक चल रही है।