हाथरस गैंगरेप पीड़िता के देर रात जबरन अंतिम संस्कार को लेकर पुलिस पर उठ रहे सवालों के बीच सीएम योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित परिजनों से बात की। इस दौरान उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया। साथ ही सरकार की तरफ से पीड़िता के परिवार को 25 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया गया है। सीएम योगी ने पीड़िता के पिता से विडियो कॉलिंग के जरिए बात की।
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने जानकारी देते हुए बताया, 'मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने हाथरस के पीड़ित परिवार से वीडियो कॉलिंग से बात की। लड़की के पिता ने मुख्यमंत्री से आरोपियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की मांग की। मुख्यमंत्री ने लड़की के पिता से बात करते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया और प्रशासन को हर संभव मदद के निर्देश दिए।'
अवनीश अवस्थी ने बताया 'पीड़िता के परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया गया है। इसी के साथ कनिष्ठ सहायक पद पर परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी। मामले की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई की अनुमति दी गई है। एसआईटी के 3 सदस्यीय कमिटी सभी बिंदुओं पर जांच करेगी।'
देर रात कराया पीड़िता का जबरन अंतिम संस्कार
बता दें कि 15 दिन तक जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ती गैंगरेप पीड़िता ने मंगलवार दम तोड़ दिया था। उसे एक दिन पहले ही दिल्ली एम्स में रिफर किया गया था। देर रात पीड़िता का शव हाथरस में उसके गांव पहुंचा तो पुलिस ने परिवार को शव सौेंपने के बजाय रात ढाई बजे के करीब उसका जबरन अंतिम संस्कार करा दिया। रात के अंधेरे में पीड़िता का गुपचुप अंतिम संस्कार को लेकर विरोध हो रहा है और इस मामले में पुलिस सवालों के घेरे में है। विपक्षी दल राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमलावर है और यूपी में जंगलराज का आरोप लगा रही है। वहीं, पीड़ित परिवार का कहना है कि पुलिस ने जबरदस्ती अंतिम संस्कार किया और उन्हें आखिरी बार चेहरा तक नहीं देखने दिया गया। अंतिम संस्कार के वक्त पत्रकारों और परिजन को भी मानव श्रृंखला बनाकर दूर रखा गया था। किसी को भी अंतिम संस्कार वाली जगह के पास नहीं जाने दिया था। गांव वालों का कहना है कि पुलिस ने हिंदू रीति-रिवाजों का उल्लंघन किया है।
पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल
पीड़ित के परिजनों ने पुलिस पर मामले को रफा-दफा करने का आरोप लगाया है। पीड़िता के भाई ने कहा, 'हम दलित हैं इसलिए हमारे साथ ऐसा किया जा रहा है।' हालांकि डीएम और एडीजी लॉ ऐंड ऑर्डर का दावा है कि परिजनों की सहमति से ही अंतिम संस्कार कराया गया। एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि पीड़िता के अंतिम संस्कार को लेकर जिला प्रशासन ने ट्वीट किया था कि उसका अंतिम संस्कार परिवारवालों की मौजूदगी और उनकी सहमति से किया गया। उन्होंने कहा कि पीड़िता की मृत्यु 29 सितंबर की सुबह हुई थी और पोस्टमार्टम के बाद डेडबॉडी खराब हो रही थी। इसी को ध्यान में रखते हुए स्थानीय प्रशासन ने परिवार की सहमति से पीड़िता का अंतिम संस्कार किया।
एडीजी ने कहा, 'इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए शासन ने उच्चस्तरीय कमिटी का गठन किया है जिसका नेतृत्व गृह सचिव भगवान स्वरूप कर रहे हैं। उनकी सहायता के लिए एक डीआईजी स्तर का अधिकारी और एक एसपी स्तर की महिला अधिकारी लगाई गई हैं ताकि अगर स्थानीय पुलिस के द्वारा कोई चूक हुई है तो उस चीजों को अंगित करें। '
एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि अगर शव का अंतिम संस्कार करने में किसी तरह की जोर जबर्दस्ती की गई है तो इस मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी की टीम इस मामले में पीड़िता के परिजनों का बयान लेगी और जांच करेगी।
उन्होंने कहा कि हो सकता है कि रात को अंतिम संस्कार को लेकर परिवार की महिलाओं को कोई आपत्ति हो, लेकिन डेड बॉडी खराब हो रही थी। प्रशांत कुमार ने कहा कि समाज में कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने इस मामले में जबर्दस्ती नहीं की है, अगर डेडबॉडी रह जाती तो उसमें ऐसा क्या बदलाव हो जाता?
डीएम बोले- पिता और भाई ने दी थी सहमति
इससे पहले हाथरस के डीएम ने भी कहा था कि परिवार की सहमति के बिना अंतिम संस्कार के आरोप पूरी तरह से गलत है। पिता और भाई ने रात में ही अंतिम संस्कार के लिए सहमति दी थी। परिवार के सदस्य भी अंतिम संस्कार के वक्त मौजूद थे। पीड़िता का शव लाने वाली गाड़ी गांव में 12:45 से 2:30 बजे तक खड़ी रही थी।
PM मोदी ने योगी से की बात
इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात की जिसके बाद मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है। एडीजी ने कहा, 'इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए शासन ने उच्चस्तरीय कमिटी का गठन किया है जिसका नेतृत्व गृह सचिव भगवान स्वरूप कर रहे हैं। उनकी सहायता के लिए एक डीआईजी स्तर का अधिकारी और एक एसपी स्तर की महिला अधिकारी लगाई गई हैं ताकि अगर स्थानीय पुलिस के द्वारा कोई चूक हुई है तो उस चीजों को अंगित करें।'
योगी आदित्यनाथ ने कही ये बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात की है। मोदी ने कहा है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। योगी ने खुद ट्वीट कर यह जानकारी दी है। सीएम योगी न कहा पीएम नरेंद्र मोदी ने हाथरस की घटना पर वार्ता की है और कहा है कि दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए। इस मामले की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एसआईटी का गठन कर दिया है। बता दे, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 3 सदस्यों की एसआईटी बनाकर 7 दिन में रिपोर्ट देने को कहा है। एसआईटी के अध्यक्ष गृह सचिव भगवान स्वरूप बनाए गए हैं। डीआईजी चंद्रप्रकाश और आगरा पीएससी की सेनानायक पूनम भी इसमें शामिल हैं। पूनम खुद भी एससी वर्ग से हैं।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हाथरस में बालिका के साथ घटित दुर्भाग्यपूर्ण घटना के दोषी कतई नहीं बचेंगे। प्रकरण की जांच हेतु विशेष जांच दल का गठन किया गया है। यह दल आगामी सात दिवस में अपनी रिपोर्ट देगा। त्वरित न्याय सुनिश्चित करने हेतु इस प्रकरण का मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलेगा।
घटना के विरोध में देश में उबाल
गैंगरेप की घटना को लेकर पुलिस पर पहले से ही लापरवाही के आरोप लग रहे थे फिर देर रात पीड़िता के अंतिम संस्कार से पूरे देश में उबाल है। पूरे देश में जगह-जगह घटना को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं। विपक्ष ने सीएम योगी आदित्यनाथ से इस्तीफे देने की गुहार लगाई है।