इराक में अमेरिकी दूतावास पर रॉकेट से हमला, ट्रंप की सीधी चेतावनी, कहा - ईरान के 52 अहम ठिकाने निशाने पर, जवाब विध्वंसक होगा
By: Pinki Sun, 05 Jan 2020 09:13:16
ईरान के टॉप मिलिट्री जनरल कासिम सुलेमानी की अमेरिकी हवाई हमले में मौत के एक दिन बाद ईरान ने युद्ध का ऐलान कर दिया है। शनिवार सुबह ईरान ने जामकरन मस्जिद के ऊपर लाल झंडा फहराकर युद्ध के लिए अलर्ट किया है। वहीं, इराक की राजधानी बगदाद में अमेरिकी दूतावास और बलाद एयर बेस पर ईरान समर्थक मिलिशिया ने रॉकेट से ताबड़तोड़ हमले किए हैं। इस बीच इराक के हिज्बुल्ला ने देश के सुरक्षा बलों को चेतावनी दी है कि वे अमेरिकी ठिकानों से 1000 मीटर दूर चले जाएं। उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ईरान को सीधी चेतावनी देते हुए कहा है कि यूएस आर्मी ने ईरान के 52 ठिकानों की पहचान कर ली है, और अगर ईरान किसी भी अमेरिकी संपत्ति या नागरिक पर हमला करता है तो इन पर बहुत तेजी से और बहुत विध्वंसक हमला करेगा। ट्रंप ने कहा कि ईरान अमेरिकी ठिकानों पर बदले के तौर पर हमले की बात कर रहा है। ट्रंप ने कहा कि कासिम सुलेमानी को मारकर अमेरिका ने दुनिया आतंकी नेता से मुक्ति दिलाई जो कि अमेरिकी समेत कई लोगों को मार चुका था। इसमें कई ईरानी भी शामिल थे।
....hundreds of Iranian protesters. He was already attacking our Embassy, and preparing for additional hits in other locations. Iran has been nothing but problems for many years. Let this serve as a WARNING that if Iran strikes any Americans, or American assets, we have.....
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) January 4, 2020
ट्रंप ने कहा, "ईरान एक ऐसे आतंकवादी की हत्या का बदला लेने के लिए खुलेआम अमेरिकी ठिकानों पर हमले की बात कह रहा है जिसने अमेरिकी लोगों की हत्या की। मैं ईरान को चेतावनी देता हूं कि यदि ईरान ने किसी भी अमेरिकी या अमेरिकी संपत्ति पर हमला किया तो हमने 52 ईरानी ठिकानों की पहचान की है (ईरान द्वारा बंधक बनाए गए 52 अमेरिकी बंदियों की याद में)। इनमें से कई ठिकाने बेहद अहम हैं और ईरान की संस्कृति के लिए महत्वपूर्ण हैं। इन ठिकानों और ईरान को भी बहुत तेजी से और बेहद सख्ती के साथ निशाना बनाया जाएगा, अमेरिका अब किसी तरह की धमकी नहीं चाहता है।"
ट्रंप ने अपनी बात पर जोर देने के लिए अंग्रेजी के कैपिटल अक्षरों का इस्तेमाल करते हुए लिखा, "Iran WILL BE HIT VERY FAST AND VERY HARD"
इराक में अमेरिकी ठिकानों पर हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमलावरों को धमकी दी है और कहा है कि उन्हें तलाशा जाएगा और उनका खात्मा किया जाएगा।
ट्रंप ने कहा, "मेरे नेतृत्व में आतंकवादियों के प्रति अमेरिका की नीति स्पष्ट है, जिन्होंने भी किसी अमेरिकी को नुकसान पहुंचाया है या ऐसा करने की सोच रहे हैं। हम आपको तलाशेंगे करेंगे और आपका खात्मा करेंगे। हम हमेशा अपने राजनयिकों और अपने लोगों की रक्षा करेंगे।"
तनावपूर्ण हालात को देखते हुए अमेरिका ने बड़ी संख्या में सैनिकों को पश्चिम एशिया के लिए रवाना किया है। यही नहीं अमेरिकी युद्धपोत भी इराक की ओर बढ़ रहे हैं।
अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन ने भी अपने युद्धपोत को ईरान से सटे होर्मुज की खाड़ी के लिए रवाना किया है। बताया जा रहा है कि ईरान समर्थक मिलिशिया के निशाने पर 35 ठिकाने हैं जिनमें फारस की खाड़ी में गश्त लगा रहे अमेरिकी युद्धपोत और पश्चिम एशिया में अमेरिकी सैन्य ठिकाने शामिल हैं। माना जा रहा है कि अगले 48 घंटे पश्चिम एशिया के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।
Under President @realDonaldTrump, America's policy is unambigious toward terrorists who harm or plan to harm any American. pic.twitter.com/4rYsj2ZxSF
— The White House (@WhiteHouse) January 4, 2020
इस बीच ईरान समर्थक इराकी हिज्बुला कहे जाने वाले कतइब हिज्बुल्ला ने देश के सुरक्षाबलों को चेतावनी दी है कि वे अमेरिकी ठिकानों से कम से कम एक किमी दूर चले जाएं। कतइब हिज्बुल्ला की धमकी को देखते हुए अमेरिका ने पूरे इराक में निगरानी बढ़ा दी है ताकि किसी भी तरह के हमलों से बचा जा सके। सूत्रों के मुताबिक शनिवार रात हुए रॉकेट और मोर्टार हमले इस बात के पहले संकेत हैं कि ईरान ने सुलेमानी की हत्या का बदला लेने के लिए कदम बढ़ा दिया है।
उधर, ईरानी सेना के एक वरिष्ठ कमांडर ने कहा है कि उनका देश सुलेमानी की हत्या का बदला लेने के लिए सही समय और सही स्थान का इंतजार करेगा। बिग्रेडियर जनरल अबूलफैजल ने कहा, 'हम अमेरिकी कार्रवाई का जवाब देने के लिए धैर्यपूर्वक प्लान बनाएंगे और जोरदार पलटवार करेंगे। गौरतलब है कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमनेई ने भी कहा है कि उनका देश सुलेमानी की हत्या का बदला लेगा। इस बीच ईरान के कोम में मस्जिद-ए-जमकरान पर लाल झंडा फहरा दिया गया है जो युद्ध का प्रतीक माना जाता है।
मस्जिद पर फहराया लाल झंडा
बता दें कि ऐसे हालात में लाल झंडा फहराने का मतलब होता है कि युद्ध के लिए तैयार रहें या युद्ध शुरू हो चुका है। रिपोर्ट्स के मुताबिक ऐसा पहली बार हुआ है, जब ईरान ने इस तरह से मस्जिद पर लाल झंडा फहराया है। कोम स्थित जामकरन मस्जिद के डोम पर आमतौर पर धार्मिक झंडे फहराए जाते हैं। ऐसे में धार्मिक झंडे को हटाकर लाल झंडा फहराने का मतलब युद्ध के ऐलान के रूप में लिया जा रहा है, क्योंकि लाल झंडे का मतलब दुख जताना नहीं होता है। जाहिर है कि ईरान अपने देशवासियों को उस स्थिति के लिए तैयार रहने को कह रहा है, जो उन्होंने पहले कभी नहीं देखा है। हालांकि ईरान और इराक के बीच युद्ध के दौरान भी लाल झंडा नहीं फहराया गया था। लाल झंडा खून और शहादत का प्रतीक माना जाता है। ताजा हालात में इसका प्रयोग सुलेमानी ईरान के लिए बदले के तौर पर किया जा रहा है, जिसके लिए उन्हें शहादत के लिए तैयार किया जा रहा है। जामकारन मस्जिद को ईरान का सबसे पवित्र मस्जिद माना जाता है और यहां के युवाओं पर इसका काफी प्रभाव है।