जाने कैसे मुस्लिम महिलाएं छोड़ सकती हैं अपने पति को, उनके पास है ये 3 तरीके

By: Pinki Thu, 01 Aug 2019 11:13:27

जाने कैसे मुस्लिम महिलाएं छोड़ सकती हैं अपने पति को, उनके पास है ये 3 तरीके

तीन तलाक बिल को अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी मिल गई है। इस मंजूरी के साथ ही देश में तीन तलाक कानून 19 सितबंर, 2018 से लागू हो गया। कानून बनने के बाद एक साथ तीन बार तलाक बोलकर तलाक देना, चिट्ठी से तीन तलाक देना, व्हट्सऐप से तीन तलाक देना, फोन पर तीन तलाक देना और ईमेल से तीन तलाक देना अपराध होगा। इसके लिए पति को अधिकतम 3 साल की सजा होगी, जेल के साथ पति को जुर्माना भी होगा। तीन तलाक के खिलाफ पीड़ित या परिवार के सदस्य ही दर्ज केस करा सकेंगे। एफआईआर दर्ज होने पर बिना वारंट गिरफ्तारी हो सकेगी, इसके साथ ही आरोपी को पुलिस जमानत नहीं दे सकेगी। एक समय में तीन तलाक देने पर पति को तीन साल तक कैद और जुर्माना दोनों हो सकता है। मजिस्ट्रेट कोर्ट से ही उसे जमानत मिलेगी। तलाक को लेकर भले ही कानून ने मर्दों पर शिकंजा कसा है, लेकिन तलाक का अधिकार सिर्फ मर्दों को है। आखिर मुसलमानों में औरत को अपने पति का छोड़ने का अधिकार है या नहीं? तो आइए जानते हैं कि कैसे कोई पत्नि अपने पति से रिश्ता तोड़कर अलग हो सकती है।

कैसे महिलाएं अपने पति को छोड़ सकती हैं?

इस्लाम में शादी खत्म करने के चार तरीके हैं। चार में से एक तरीका मर्दों के लिए हैं, जबकि तीन तरीके औरतों के लिए हैं। ये चार तरीके हैं- तलाक, तफवीज़-ए-तलाक़, खुलअ और फ़स्ख़-ए-निकाह। शादी तोड़ने के लिए तलाक का अधिकार मर्दों को है तो इसी तरह शादी को खत्म करने के लिए तफवीज़-ए-तलाक़, खुलअ और फ़स्ख़-ए-निकाह का अधिकार औरतों को है।

तफवीज़-ए-तलाक़

शादी तोड़ने के इस तरीके में मर्द तलाक देने का अपना अधिकार बिवी के सुपुर्द कर देता है। मर्द कभी भी ये हक औरत को दे सकता है। निकाह के वक़्त या निकाह के बाद भी। अगर ये अधिकार मिल जाता है कि महिलाएं भी मर्दों को तलाक देकर अपना राश्ता अलग कर सकती हैं।

ख़ुलअ

महिलाओं में शादी तोड़ने का ये तरीका सबसे ज्यादा चलन में है। जब औरत को लगता है कि उसके पति के साथ उसका निबाह नामुमकिन है तो ख़ुलअ का तरीका अपनाती है। इसमें औरत मर्द से तलाक देने को कहती है। अगर पति तलाक देने से इनकार करता है तो महिलाएं फ़स्ख़-ए-निकाह का रास्ता अख्तियार कर सकती है।

फ़स्ख़-ए-निकाह

इस तरीके में औरत काज़ी के पास जाती है और कहती है कि उसका उसके पति के साथ निबाह मुमकिन नहीं है और रिश्ता तोड़ दिया जाए तो काजी शादी को खत्म कर देता है। हालांकि, इसमें औरत को शादी तोड़ने की मुनासिब वजहें बतानी पड़ती हैं।

बता दें कि जब बिल राज्यसभा से पास हुआ था तब राष्ट्रपति ने इसे बड़ी उपलब्धि बताते हुए इसका स्वागत किया था। राष्ट्रपति ने ट्विटर पर लिखा, 'राज्य सभा में मुस्लिम विमेन (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरेज) बिल के पारित होने से 'तीन तलाक' की अन्यायपूर्ण परंपरा के प्रतिबंध पर संसदीय अनुमोदन की प्रक्रिया पूरी हो गयी है। यह महिला-पुरुष समानता के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है, पूरे देश के लिए संतोष का क्षण है।'

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