अगली बैठक में भी समाधान पर सस्पेंस, नरेश टिकैत ने कहा - कुछ किसान नेता नहीं चाहते विवाद का समाधान
By: Pinki Mon, 11 Jan 2021 09:03:49
बीते शुक्रवार किसानों की सरकार के साथ बातचीत एक बार फिर से विफल रही। बता दे, मोदी सरकार के नए कृषि सुधार कानूनों की वापसी को लेकर देशभर के किसानों के आंदोलन का आज 46वां दिन है। 15 जनवरी को किसान नेता 9वीं बार केंद्रीय मंत्रियों से मिलेंगे। इससे पहले भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत (Naresh Tikait) ने कुछ किसान नेताओं पर सवाल खड़े किए हैं। यूपी गेट पर जारी आंदोलन में पहुंचे टिकैत ने कहा, 'कुछ किसान नेता ऐसे हैं जो सरकार के साथ बातचीत को सफल नहीं होने देते। बैठक में अगर सभी सरकार की बात से सहमत भी हों, तो दो-तीन नेता उससे असहमति जता देते हैं।' टिकैत ने कहा कि इन नेताओं को चिह्नित कर समझाया जाएगा या विचार विमर्श कर वार्ता कमेटी से बाहर किया जाएगा।
भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत (Naresh Tikait) ने कुछ किसान नेताओं पर सवाल खड़े किए हैं। यूपी गेट पर जारी आंदोलन में पहुंचे टिकैत ने कहा, 'कुछ किसान नेता ऐसे हैं जो सरकार के साथ बातचीत को सफल नहीं होने देते। बैठक में अगर सभी सरकार की बात से सहमत भी हों, तो दो-तीन नेता उससे असहमति जता देते हैं।' टिकैत ने कहा कि इन नेताओं को चिह्नित कर समझाया जाएगा या विचार विमर्श कर वार्ता कमेटी से बाहर किया जाएगा।
अंग्रेजी अखबार 'टाइम्स ऑफ इंडिया' से बातचीत में नरेश टिकैत ने ये बयान दिया। उन्होंने कहा, ' किसान विवाद नहीं, समाधान चाहता है। यही वजह है कि अपनी मांगों को कई बार ठुकराने के बावजूद वह सरकार के बुलावे पर हर बार वार्ता के लिए पहुंच रहा है। सरकार से वार्ता के लिए 40 किसानों की कमेटी बनाई गई है। इनमें से कुछ लगातार समाधान के बीच रोड़ा बन रहे हैं, पता चलना चाहिए कि वह कौन लोग हैं।'
भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने आगे कहा, 'राष्ट्रीय कार्यकारिणी की आपातकालीन बैठक सोमवार को होगी। यह कहां होगी, इसका निर्णय जल्द हो जाएगा। बैठक में यूपी गेट आंदोलन स्थल के अलावा सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर के आंदोलनरत किसान नेता भी शामिल रहेंगे। इसमें आंदोलन को लेकर तमाम महत्वपूर्ण मुद्दों के साथ ही अगली रणनीति तय की जाएगी।'
किसान अभी तक अपनी जगह पर डटे हैं सरकार ने उनसे कई बार बातचीत की है। लेकिन कानूनों की वापसी को लेकर किसानों के कड़े रुख के चलते मसला हल नहीं हो पा रहा है। किसान यह भी चाहते हैं कि सरकार किसी भी तरह की खरीद में न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी की गारंटी दे।
बता दे, 15 जनवरी को किसान नेता 9वीं बार केंद्रीय मंत्रियों से मिलेंगे। लेकिन इस बैठक को लेकर भी किसान नेताओं में कोई उत्साह नहीं है और करीब सभी किसान नेता ये मान रहे हैं कि अगली बैठक भी बेनतीजा ही रहने वाली है।
किसान नेता जोगिंदर सिंह उग्राहां इस सवाल पर कहते हैं, 'शहीद भगत सिंह से भी ऐसे ही सवाल पूछे जाते थे कि जब आपको न्यायालय से न्याय मिलने को कोई उम्मीद नहीं है तो आप हर तारीख पर अदालत क्यों जा रहे हैं। तब भगत सिंह का जवाब होता था कि हम अदालत इसलिए जा रहे हैं ताकि पूरे देश की अवाम को अपनी आवाज पहुंचा सके। हम भी इन बैठकों में सिर्फ इसीलिए जा रहे हैं।'
किसानों की सरकार से बातचीत इसलिए अटक गई है, क्योंकि किसान कानूनों के रद्द होने से कम पर मानने को तैयार नहीं हैं और सरकार कानूनों को रद्द करने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में सरकार लगातार ये प्रयास कर रही है कि बातचीत के जरिए कोई बीच का रास्ता निकाला जा सके।