2025 तक भारत होगा टीबी-मुक्त : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
By: Priyanka Maheshwari Wed, 14 Mar 2018 06:48:27
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की निर्धारित समय सीमा से पांच साल पहले 2025 तक भारत को क्षय रोग मुक्त बनाने लक्ष्य तय किया है। दुनिया में सबसे पहले भारत इस बीमारी से आजाद होगा। इस मुकाम को हासिल करने के लिए उन्होंने पांच सूत्र एक्टिव केस, मॉनीटरिंग, शोध, निशुल्क दवाएं और निजी स्वास्थ्य क्षेत्र भी दिये हैं, जिनकी बदौलत जल्द ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय इस लक्ष्य को पूरा करेगा।
नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित 'टीबी उन्मूलन' शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में नरेंद्र मोदी ने कहा, "भारत ने 2025 तक पूरी तरह से टीबी को खत्म करने का लक्ष्य रखा है जबकि वैश्विक लक्ष्य 2030 का है।" उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय, डब्ल्यूएचओ दक्षिण एशिया क्षेत्र और टीबी रोको साझेदारी की ओर से आयोजित दिल्ली सम्मेलन संयुक्त राष्ट्र महासभा के सितंबर 2018 में होने वाले सम्मेलन के पूर्व यह एक ऐतिहासिक कार्यक्रम है क्योंकि संपूर्ण मानवता के लिए महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में 30-35 साल से टीकाकरण हो रहा है लेकिन 2014 में इसकी दर महज एक फीसदी थी जिससे देश से क्षय रोग के खात्मे में और 40 साल लग जाएंगे। उन्होंने बताया, "पिछले साढ़े तीन साल में यह दर छह फीसदी से ज्यादा हो गई है। मुझे विश्वास है कि अगले साल तक देश में टीकाकरण 90 फीसदी हो जाएगा।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत 2025 तक इस लक्ष्य को हासिल करने के प्रति आश्वस्त है क्योंकि सरकार व्यापक स्तर पर कार्य कर रही है। वर्ष 2016 में भारत में क्षयरोग से 4,00,000 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई, जोकि पूरी दुनिया में इस रोग से मरने वालों की संख्या का एक तिहाई है।
प्रधानमंत्री ने कहा, "टीबी का इलाज टीवी देखना छोड़ने से कहीं ज्यादा आसान है।" उन्होंने कहा कि लोगों को स्थानीय स्तर पर जागरूकता पैदाकर टीबी मरीजों को सही इलाज करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस रोग के खात्मे के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। यह गरीबों के जीवन में सुधार से भी जुड़ा हुआ है क्योंकि इसका सबसे ज्यादा शिकार भी गरीब ही होते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि टीबी को भारत से मिटाने के लिए राज्य सरकारों की भी बड़ी भूमिका है। इसलिए सभी राज्यों को अपने साथ लेकर चलने के लिए उन्होंने खुद मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखकर इस अभियान से जुडने का आग्रह किया है। उन्होंने देश की करोड़ों जनता से अपील करते हुए कहा कि इस अभियान से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जुडना चाहिए। जिन्हें टीबी की बीमारी है, उनसे भेदभाव न करते हुए उन्हें पूरा इलाज लेने का आग्रह करना चाहिए। अगर ऐसा होता है तो वो दिन दूर नहीं जब %टीबी फ्री गांव, पंचायत, जिला या राज्य के उदाहरण दिए जाएंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि किसी भी मिशन को सफल बनाने के लिए चुनौतियां हजार होती हैं। लेकिन उनकी सरकार ने टीकाकरण और स्वच्छता की दिशा में ऐतिहासिक बदलाव किया है। जहां मिशन इंद्रधनुष ने गांव-गांव तक टीकाकरण को पहुंचा दिया है। वहीं, स्वच्छता की बदौलत अगले वर्ष 2019 तक भारत खुले में शौच से मुक्त होने की राह पर है। उज्जवला योजना के जरिए 8 करोड़ परिवारों को एलपीजी कनेक्शन दिए। ताकि महिलाओं को चूल्हा न फूंकना पड़े, क्योंकि इससे उनके फेफड़े खराब हो रहे थे।