'स्वच्छता ही सेवा मिशन' : पीएम मोदी ने अंबेडकर स्कूल में लगाई झाड़ू, बड़ी बातें

By: Pinki Sat, 15 Sept 2018 12:38:52

'स्वच्छता ही सेवा मिशन' : पीएम मोदी ने अंबेडकर स्कूल में लगाई झाड़ू, बड़ी बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 15 सितंबर यानी शनिवार को ‘स्वच्छता ही सेवा मिशन Swachhata Hi Seva Mission’ की शुरुआत की। ‘स्वच्छता के लिये सेवा’ को ‘ईश्वर की सेवा’ के समान बताते हुए नरेन्द्र मोदी ने कहा कि स्वच्छता के क्षेत्र में पिछले चार वर्ष में जितना काम हुआ, उतना पिछले 60-65 वर्ष में नहीं हो पाया। लॉन्चिंग के मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि आज से गांधी जयंती तक हम लोगों को बापू के स्वच्छ भारत के सपने को पूरा करने के लिए योगदान करना है। इससे पहले पीएम मोदी ने समाज के विभिन्न वर्गों के करीब 2000 लोगों को पत्र लिख कर इस सफाई अभियान का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया, ताकि इस अभियान को सफल बनाया जा सके। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जिन लोगों को आमंत्रित किया गया है उनमें पूर्व न्यायाधीश, अवकाश प्राप्त अधिकारी, वीरता पुरस्कार के विजेता तथा राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों के पदक विजेता शामिल हैं। सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों, उप मुख्यमंत्रियों, राज्यपालों और उप राज्यपालों को भी व्यक्तिगत रूप से यह पत्र प्राप्त हुआ है। कुछ प्रमुख धार्मिक नेताओं, फिल्म हस्तियों, खिलाड़ियों, लेखकों, पत्रकारों को भी प्रधानमंत्री तरफ से यह पत्र मिला है। पीएम मोदी जब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बातचीत कर रहे हैं, तब अमिताभ बच्चन, रतन टाटा सहित तमाम लोग उपस्थित हैं।

स्वच्छता ही सेवा मिशन से जुड़ी बड़ी बाते

- प्रधानमंत्री ने ‘स्वच्छता ही सेवा’ पहल की शुरूआत करने और नरेन्द्र मोदी एप एवं वीडियो लिंक के माध्यम से स्वच्छाग्रहियों से संवाद करते हुए कहा, ‘‘कोई ये सोच सकता था कि भारत में चार वर्ष में करीब नौ करोड़ शौचालयों का निर्माण हो जाएगा? क्या किसी ने ये कल्पना की थी कि चार वर्ष में लगभग 4.5 लाख गांव खुले में शौच से मुक्त हो जाएंगे?’’

प्रधानमंत्री इसके बाद दिल्ली के पहाड़गंज स्थित एक स्कूल पहुंचे और यहां झाड़ू लगाई।

- उन्होंने कहा कि क्या किसी ने कल्पना की थी कि चार वर्ष में 450 से ज्यादा जिले खुले में शौच से मुक्त हो जाएंगे? क्या किसी ने कल्पना की थी कि चार वर्ष में 20 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश खुले में शौच से मुक्त हो जाएंगे? उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्ष में स्वच्छता के क्षेत्र में उतनी प्रगति हुई है जितनी 60...65 वर्ष में भी नहीं हुई थी।

- मोदी ने कहा, ‘‘यह भारत और भारतवासियों की ताकत है। यह लोगों के योगदान से हो पाया है।’’

- पीएम मोदी ने कहा कि सिर्फ शौचालय बनाने भर से भारत स्वच्छ हो जाएगा, ऐसा नहीं है। टॉयलेट की सुविधा देना, कूड़ेदान की सुविधा देना, कूड़े के निस्तारण का प्रबंध करना, ये सभी सिर्फ माध्यम हैं। स्वच्छता एक आदत है जिसको नित्य के अनुभव में शामिल करना पड़ता है। ये स्वभाव में परिवर्तन का यज्ञ है जिसमें देश का जन-जन, आप सभी अपनी तरह से योगदान दे रहे हैं।

- प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘स्वच्छता एक आदत है जिसको नित्य के अनुभव में शामिल करना पड़ता है। ये स्वभाव में परिवर्तन का यज्ञ है जिसमें देश का जन-जन, आप सभी अपनी-अपनी तरह से योगदान दे रहे हैं ।’’ मोदी ने कहा कि अस्वच्छता, गंदगी विशेषतौर पर गरीबों के जीवन को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती है, उसे बीमारी के दलदल में धकेल देती है। डायरिया जैसी अनेक बीमारियों का सीधा संबंध गदगी से है। ये बीमारियां लाखों जीवन हमसे छीन लेती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ हमें इस बात का संतोष होना चाहिए कि स्वच्छ भारत अभियान के चलते डायरिया के मामलों में बहुत कमी आई है।’’

- पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा कि चार वर्ष पहले शुरु हुआ स्वच्छता आंदोलन अब एक महत्वपूर्ण पड़ाव पर आ पहुंचा है। हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि राष्ट्र का हर तबका, हर संप्रदाय, हर उम्र के मेरे साथी, इस महाअभियान से जुड़े हैं। गांव-गली-नुक्कड़-शहर, कोई भी इस अभियान से अछूता नहीं है।

- मोदी ने कहा, ‘‘साफ सफाई के प्रति जन जागरण एक बात है लेकिन जो कचरा हम पैदा करते हैं, उसका निपटान हमारे रास्ते का एक बड़ा रोड़ा है। ऐसे में कचरा प्रबंधन को हमें और प्रभावी बनाना होगा । उन्होंने कहा कि वे इस अभियान के लिये मीडिया का धन्यवाद अदा करते हैं जिनके प्रयास ना सिर्फ जागरूकता तक सीमित रहे, बल्कि इसको रोज़गार सृजन का भी माध्यम बनाया है ।

- मोदी ने आईटीबीपी के जवानों को उनके योगदान के लिये धन्यवाद दिया और कहा कि देश को आपकी, सेना के जवानों की जहां भी ज़रूरत पड़ती है आप सबसे पहले हाज़िर रहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सीमा पर दुश्मनों से मोर्चा लेना हो, बाढ़ के संकट से निपटना हो, हर बार आपने देश को ऊपर रखा है। अब स्वच्छता के लिए आपका यह योगदान भी देश को गौरवान्वित कर रहा है । सच में स्वच्छता के लिए सेवा, ईश्वर की सेवा के समान है। बल्कि हमारा तो पारंपरिक और सांस्कृतिक संदेश भी यही रहा है ।’’

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