कोरोना संकट से पस्त इकॉनमी के लिए RBI का बड़ा ऐलान, रेपो रेट में की बड़ी कटौती

By: Pinki Fri, 22 May 2020 10:40:47

कोरोना संकट से पस्त इकॉनमी के लिए RBI का बड़ा ऐलान, रेपो रेट में की बड़ी कटौती

कोरोना संकट को देखते हुए 12 मई को मोदी सरकार ने कोरोना से प्रभावित देशवासियों और अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए 21 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया था। इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार पांच दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई ऐलान किए थे। इस ऐलान में गरीब मजदूरों को नकद कैश और अनाज, एमएसएमई को 3 लाख करोड़ रुपए की क्रेडिट गारंटी, एनबीएफसी-एमएफआई को क्रेडिट गारंटी, मनरेगा मजदूरों के लिए अतिरिक्त आवंटन समेत किसानों के लिए कई उपाय किए गए हैं। यह प्रोत्साहन पैकेज भारत की जीडीपी के करीब 10.5% के बराबर है। अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट कटौती का ऐलान किया है।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में रेपो रेट (Repo rate) में 0.40% कटौती करने का ऐलान किया। लिहाजा अब रेपो रेट 4.40% से घटकर 4% हो जाएगा। वहीं, रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate) 3.75% से घटाकर 3.35% किया। लॉकडाउन में यह दूसरी बार है जब आरबीआई (RBI) ने रेपो रेट पर कैंची चलाई है। इससे पहले 27 मार्च को आरबीआई गवर्नर ने 0.75% कटौती का ऐलान किया था। इसके बार बैंकों ने लोन पर ब्‍याज दर कम कर दिया था। जाहिर सी बात है कि इससे आपकी ईएमआई भी पहले के मुकाबले कम हो गई है।

आपको बता दे, रिवर्स रेपो रेट में कटौती से बैंकों को फायदा होगा। बैंकों को कर्ज मिलने में दिक्कत नहीं होगी।आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि कोविड 19 (Covid-19) से छोटे और मध्यम आकार के कॉरपोरेट को नकदी की काफी दिक्कत हुई, इसलिए टीएलटीआरओ 2.0 का ऐलान किया जा रहा है। 50,000 करोड़ रुपये से शुरुआत की जा रही है। इसके बाद हालात का आकलन कर इसे और बढ़ाया जाए। TLTRO 2.0 के तहत 50% टोटल एमाउंट छोटे, मध्यम आकार के कॉरपोरेट, एमएफआई, एनबीएफसी को जाएगा।

पिछले दो महीनों में तीसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस

कोरोना वायरस संबंधी उपायों से निपटने के लिए पिछले दो महीनों में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की यह तीसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस है। आरबीआई गवर्नर ने पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस 27 मार्च और दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस 17 अप्रैल को की थी। इन दोनों प्रेस कॉन्फ्रेंस में गवर्नर ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने और बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए कई उपायों की घोषणा की थी।

मोराटोरियम बढ़ाने का कर सकते हैं ऐलान

कोरोना संकट को देखते हुए मार्च में आरबीआई ने कर्जदारों को तीन महीने के मोराटोरियम (कर्ज भुगतान में मोहलत) की सुविधा दी थी। यह सुविधा 1 मार्च से 31 मई तक के लिए उपलब्ध थी। कोरोना की वजह से मौद्रिक नीति समीक्षा तय समय से पहले पेश कर दी गई थी। आरबीआई गवर्नर ने कहा था कि बैंकों को यह अनुमति दी जा रही है कि वे टर्म लोन के मामले में ग्राहकों की ईएमआई वसूली तीन महीने के लिए टाल दें। कर्ज वापसी न होने को बैंकों को इसे एनपीए खाते में न रखने की छूट दी जाएगी।

पिछले दिनों आरबीआई ने विभिन्न बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक पर वित्तीय हालातों पर चर्चा की थी। इसमें बैंकों की ओर से मोराटोरियम अवधि को तीन महीने और बढ़ाने का सुझाव दिया गया था। उम्मीद जताई जा रही है कि गवर्नर शक्तिकांत दास इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोराटोरियम बढ़ाने का ऐलान कर सकते हैं।

मराठे ने मोदी सरकार के राहत पैकेज पर उठाए थे सवाल

इससे पहले केंद्रीय बैंक एक डायरेक्टर और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे सतीश काशीनाथ मराठे ने मोदी सरकार के राहत पैकेज पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि तीन महीने का मोरेटोरियम काफी नहीं है और एनपीए में नरमी को राहत पैकेज का हिस्सा होना चाहिए था। सतीश काशीनाथ मराठे ने कहा था, 'राहत पैकेज अच्छी और प्रगतिशील सोच वाला है, लेकिन यह अर्थव्यवस्था को उबारने में अग्रिम योद्धाओं के रूप में बैंकों को शामिल करने के मामले में विफल रहा है. तीन महीने का मोरेटोरियम पर्याप्त नहीं है। एनपीए, प्रोविजनिंग में नरमी आदि राहत पैकेज का हिस्सा होना चाहिए था ताकि भारत को एक बार फिर तरक्की के रास्ते पर ले जाया सके।'

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