राजस्थान में उदयपुर जिले के मावली उपखंड के खेताखेड़ा गांव में आक्रोशित ग्रामीणों ने शनिवार को रेलवे की पटरियां उखाड़ दीं। उनकी मांग रेलवे लाइन के नीचे से अंडरपास बनाने की है। उदयपुर जिले में प्रदर्शन के दौरान रेल की पटरियां उखाड़ने का यह पहला मामला है। बताया गया कि कानोड़ कस्बे के समीप खेताखेड़ा के ग्रामीण शनिवार को मावली-बड़ी सादड़ी रेलवे लाइन पर पहुंचकर प्रदर्शन करने लगे।
आक्रोशित ग्रामीणों ने रेल की पटरियां उखाड़ दीं। रेलवे लाइन के मीटर गेज से ब्रॉड गेज का काम जारी होने से इस रूट पर रेलवे का संचालन स्थगित होने से रेल सेवा प्रभावित नहीं हुई लेकिन पहली बार गुर्जर आंदोलन की तर्ज पर ग्रामीणों के रेलवे लाइन पर प्रदर्शन कर पटरियां उखाड़े जाने से रेलवे तथा जिला प्रशासन को सकते में ला दिया। बताया गया कि ग्रामीण ब्रॉड गेज लाइन बिछाए जाने से पहले से ही रेलवे से अंडर पास निर्माण की मांग कर रहे थे, लेकिन रेलवे ने उनकी मांग पूरी नहीं की। जब तक रेलवे लाइन नहीं बिछाई गई, ग्रामीण उपर से ही आसानी से वाहनों सहित गुजर रहे थे लेकिन पिछले दिनों रेलवे ने पटरियां बिछाने का काम शुरू कर दिया। जिसके बाद ग्रामीणों को वाहनों सहित गांव में आने तथा बाहर जाने में तकलीफ होने लगी। इससे ग्रामीण आक्रोशित थे। शनिवार सुबह सभी ग्रामीण एकत्रित हुए और प्रदर्शन करने लगे।
ग्रामीणों के रेल की पटारियां उखाड़कर जमकर प्रदर्शन किए जाने की सूचना पुलिस व प्रशासन को मिली तो सभी घटनास्थल पर पहुंचे। इसी दौरान वल्लभनगर के पूर्व विधायक एवं जनता सेना प्रमुख रणधीरसिंह भींडर भी वहां पहुंच गए। उन्होंने ग्रामीणों से समझाइश की तथा रेलवे के अधिशासी अभियंता सुनील दत्त से बात की। इस बीच, तहसीलदार रामनिवास मीणा ने भी रेलवे अधिकारियों से बात की। इधर, समझाइश तथा रेलवे अधिकारियों के अंडरपास बनाने की सहमति जताने के बाद ग्रामीण बड़ी मुश्किल में माने हैं।