
राजस्थान के डिप्टी सीएम और पीसीसी (PCC) चीफ के पद से हटाए जाने के बाद अब सचिन पायलट कल दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना पक्ष रख सकते है। दरअसल, सरकार और पार्टी में पद से हटाने के बाद सचिन पायलट का अब तक सीधे तौर पर कोई बयान नहीं आया है। हालाकि, उन्होंने एक ट्वीट (Tweet) जरूर किया था जिसमें उन्होंने खुद के इरादे जाहिर किए थे। उन्होंने कहा - सत्य परेशान हो सकता है, पर पराजित नहीं। कहा जा रहा है कि वे बुधवार सुबह मीडिया से मुखातिब होंगे। गौरतलब है कि सचिन पायलट अभी भी कांग्रेस में ही हैं। इसके साथ ही सचिन पायलट ने अपना समर्थन करने वालों को शुक्रिया कहा है।
उधर, अशोक गहलोत सरकार को गिराने के षडयंत्र में शामिल होने के आरोप में मंत्री पद से बर्खास्त किए गए सचिन पायलट ने जहां देर शाम अपने ट्वीट में समर्थन में आए लोगों को ‘राम-राम सा’ लिखा तो विश्वेंद्र सिंह व रमेश मीणा ने पूछा कि उन्होंने क्या गलती की जो उन्हें हटाया गया?
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने पायलट को उपमुख्यमंत्री पद से तो विश्वेंद्र सिंह को पयर्टन मंत्री, रमेश मीणा को खाद्य मंत्री पद से हटा दिया। पार्टी ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि पायलट और कुछ मंत्री साथी दिग्भ्रमित होकर भाजपा के षडयंत्र के जाल में उलझकर कांग्रेस की सरकार को गिराने की साजिश में शामिल हो गए। इस पर पहली प्रतिक्रिया में पायलट ने पहले दोपहर बाद ट्वीट किया कि सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं।
इसके बाद शाम को उन्होंने एक और ट्वीट कर उनके समर्थन में आए लोगों का आभार जताया। अपने ट्वीट के अंत में उन्होंने अपने चिर परिचित अंदाज में लिखा, 'राम राम सा!'
वहीं पायलट के समर्थन में मुखर रहे विश्वेंद्र सिंह ने ट्वीटर पर एक वीडियो जारी किया। इसमें उन्होंने कहा कि मैं तो एक सवाल पूछना चाहता हूं कि हम लोगों ने कहां पार्टी विरोधी या पार्टी के खिलाफ या पार्टी के अहित में कोई बयान दिया। सिंह ने वीडियो में आगे कहा कि हम तो केवल आलाकमान का ध्यान आकर्षित करना चाहते थे कि चुनावी घोषणापत्र में जो बाते हैं। बिजली हो, पानी हो या कर्ज माफी हो जिसके लिए जनता ने हमें चुनकर भेजा, उसको हम पौने दो साल में डिलीवर नहीं कर पाए।
सचिन पायलट को एक और झटका
राजस्थान में सियासी हलचल के बीच गहलोत सरकार डिप्टी सीएम रहे सचिन पायलट की जेड श्रेणी की सुरक्षा वापस ले सकती है। डिप्टी सीएम की कुर्सी जाते ही सरकार जेड श्रेणी की सुरक्षा वापस लेने पर गंभीरता से विचार कर रही है। गृह विभाग के सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार सचिन पायलट की जेड श्रेणी की सुरक्षा वापस ले सकती है। उच्च स्तर पर मंथन चल रहा है। हालांकि अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में गठित कमेटी ही करेगी। कमेटी की अनुशंसा पर ही विभाग जेड श्रेणी की सुरक्षा वापस लेगा। सूत्रों के अनुसार पायलट को जेड श्रेणी की सुरक्षा बतौर डिप्टी सीएम की हैसियत से मिली हुई थी। अब पायलट डिप्टी सीएम नहीं रहे हैं, सिर्फ विधायक हैं। ऐसे में सरकार पायलट की जेड श्रेणी की सुरक्षा वापस ले सकती है।
आज हुई बैठक में 22 विधायक नहीं पहुंचे
कांग्रेस विधायक: सचिन पायलट, रमेश मीणा, इंद्राज गुर्जर, गजराज खटाना, राकेश पारीक, मुरारी मीणा, पीआर मीणा, सुरेश मोदी, भंवर लाल शर्मा, वेदप्रकाश सोलंकी, मुकेश भाकर, रामनिवास गावड़िया, हरीश मीणा, बृजेन्द्र ओला, हेमाराम चौधरी, विश्वेन्द्र सिंह, अमर सिंह, दीपेंद्र सिंह और गजेंद्र शक्तावत।
निर्दलीय विधायक: सुरेश टांक, ओम प्रकाश और खुशवीर सिंह जोजावर।














