Mission 2019: 30 साल बाद पटना के गांधी मैदान में कांग्रेस की हुंकार, अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार बिहार में गरजेंगे राहुल गांधी

By: Priyanka Maheshwari Sun, 03 Feb 2019 1:51:42

Mission 2019: 30 साल बाद पटना के गांधी मैदान में कांग्रेस की हुंकार, अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार बिहार में गरजेंगे राहुल गांधी

कांग्रेस बिहार में 'जन आकांक्षा रैली' के बहाने अपनी स्थिति मजबूत करने में जुटी है जिसके चलते रविवार को पटना के गांधी मैदान में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) एक रैली को संबोधित करेंगे। करीब तीन दशक में गांधी मैदान में कांग्रेस (Congress) की यह पहली सार्वजनिक सभा होगी। कांग्रेस यह सुनिश्चित करने के लिए जी-तोड़ कोशिश में जुटी है कि रैली बहुत सफल हो। बिहार के पार्टी मामलों के प्रभारी शक्तिसिंह गोहिल ने शनिवार को बताया कि गठबंधन के साझेदारों जैसे तेजस्वी यादव , उपेंद्र कुशवाहा और जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) को इस कार्यक्रम के लिए निमंत्रण भेजा गया है। पटना में 1989 में राजीव गांधी ने एक रैली को संबोधित किया था। रविवार को होने वाली कांग्रेस की रैली को लेकर जहां पार्टी के नेता और कार्यकर्ता उत्साहित हैं वहीं इसमें हिस्सा लेने के लिए लोग एक दिन पहले ही पटना पहुंच गए हैं। रैली को संबोधित करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पटना पहुंच चुके हैं। रैली के लिए जमावड़ा शुरू हो गया है जिसमें महागठबंधन के नेता भी शामिल हो रहे हैं। कांग्रेस बिहार के महागठबंधन का हिस्सा है। इस महागठबंधन में राजद, रालोसपा, एचएएम भी हैं।

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मांझी ने इस कार्यक्रम में आने की पुष्टि की है। देखने की बात यह है कि पुलिस कार्रवाई में घायल हुए कुशवाहा कार्यक्रम में जा पायेंगे या नहीं। हालांकि राजद नेता तेजस्वी यादव के इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। राहुल गांधी द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष का कार्यभार संभालने के बाद बिहार में उनकी यह पहली जनसभा होगी।

बिहार कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा का कहना है कि जन आकांक्षा रैली में पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी, विकासशील इंसान पार्टी के मुकेश सहनी, वामपंथी दलों के नेता और छतीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि इस रैली में भाग लेने के लिए कार्यकर्ता एक दिन पहले पटना पहुंच गए। उनके रहने और खाने का प्रबंध पार्टी के विधायकों और विधान पार्षदों के आवास पर किया गया है।

रैली से एक दिन पहले बिहार प्रदेश कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को महिषासुर के रूप में दिखाने वाले एक पोस्टर से अपनी दूरी बना ली है। ये पोस्टर कथित तौर पर कांग्रेस के समर्थकों ने लगाए थे। भाजपा ने इसे लेकर नाराजगी जाहिर की है। पोस्टर में राहुल को भगवान राम और प्रियंका गांधी वाड्रा को देवी दुर्गा के रूप में भी दिखाया है। एक स्थानीय निवासी ने यहां एक दीवानी (सिविल) अदालत में गांधी, प्रदेश कांग्रेस प्रमुख मदन मोहन झा और पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ एक मामला दायर किया है। पार्टी के नेताओं को पोस्टर में हिंदू देवी-देवताओं के रूप में दिखा कर हिंदुओं की भावना को आहत करने का उन पर आरोप लगाया गया है। वहीं, झा ने कहा, ‘यह कांग्रेस का पोस्टर नहीं है। हम उन लोगों के कृत्यों के लिए दोषी नहीं ठहराए जा सकते जो खुद को हमारा समर्थक होने का दावा करते हैं लेकिन जो पार्टी के अनुशासन का पालन नहीं करते।' पार्टी के एमएलसी प्रेम चंद्र मिश्रा ने कहा, ‘हम यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि इस तरह का पोस्टर किसने लगाया है। अगर वह किसी भी तरह से पार्टी से जुड़ा पाया जाता है तो उसके खिलाफ कडी़ कार्रवाई की जाएगी।'

आम चुनाव 2019 में अब बहुत थोड़ा वक्त बचा है। कांग्रेस बिहार में महागठबंधन के साथ मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश की जोड़ी को शिकस्त देने के लिए बिसात बिछा रही है। बीजेपी और जेडीयू ने पहले ही 17-17 सीटों पर बंटवारा करके अपनी चाल चल दी है। अब कमान राहुल के पास है। राहुल नई रणनीति के साथ मैदान में हैं। रैली की कामयाबी कांग्रेस के लिए एक साथ कई मोर्चों पर मददगार होगी। लिहाजा पार्टी के 27 विधायकों ने पूरी ताकत झोंक दी है। इससे न सिर्फ बिहार में मतदाताओं को एक नया संदेश जाएगा बल्कि सहयोगियों के साथ सीटों की सौदेबाजी में भी ताकत बढ़ेगी। इस शक्ति प्रदर्शन पर एनडीए की निगाहें तो जमी ही है। लेकिन साथ ही महागठबंधन के दलों की नजरें टिकी हैं। दरअसल कांग्रेस का जनाधार लौटा तो उसका सीधा असर विरोधियों के साथ ही सहयोगी दलों पर भी पड़ेगा।

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