अमृतसर ट्रेन हादसा : पत्नी के बचाव में नवजोत सिंह सिद्धू, बोले- राजनीतिक रोटियां नहीं सेंकनी चाहिए

By: Pinki Sat, 20 Oct 2018 08:13:57

अमृतसर ट्रेन हादसा : पत्नी के बचाव में नवजोत सिंह सिद्धू, बोले- राजनीतिक रोटियां नहीं सेंकनी चाहिए

पंजाब स्थित अमृतसर में शुक्रवार को रावण दहन के दौरान हुए हादसे पर राज्य सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिंद्धू ने टिप्पणी की है। बता दे, इस हादसे में तक़रीबन 60 लोगों के मारे जाने की खबर है और 72 घायलों को अमृतसर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। खबरों के मुताबिक नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू घटना के वक्त मंच पर मौजूद थी। हादसे के बाद वह वहां से चली गई।

पत्नी के बचाव में नवजोत सिंह सिद्धू

CNN-News18 से खास बातचीत में सिद्धू ने कहा, 'अगर कोई यह सोचे कि यह जानबूझकर किया गया या उकसाने पर किया गया तो यह गलत है। यह समय उंगलियां उठाने का नहीं है। किसी ने यह सोच समझ कर जानबूझ कर नहीं किया है। यह कुदरत का प्रकोप है।'
पत्नी नवजोत कौर का बचाव करते हुए सिद्धू ने कहा, 'जब दुर्घटना होती है तो किसी को बताकर नहीं होती। लोग जो बात कर रहे हैं वह राजनीतिक बातें कर रहे हैं। राजनीतिक रोटियां नहीं सेंकनी चाहिए।' सिद्धू ने कहा कि इस घटना पर आरोप-प्रत्यारोप का खेल नहीं खेला जा सकता। उन्होंने कहा कि रावण दहन होता आजकल बटन से होता है जिससे आग तेजी से लगती है। इस दौरान जब आतिशबाजी गलत दिशा में जाती है तो लोग पीछे हटते हैं। इसी दौरान वहां मौजूद लोगों को पता नहीं चला होगा। कार्यक्रम कराए जाने संबंधी अनुमति से जुड़े सवाल पर सिद्धू ने कहा कि यह रावण दहन पिछले पचास सालों से हो रहा है। अमृतसर में कई जगहों पर रावण दहन होता है। मुख्यमंत्री ने इस घटना पर जांच के आदेश दिए हैं। हमें दुख बांटना चाहिए। इस पर राजनीति गलत है।

बता दें अमृतसर के निकट शुक्रवार शाम रावण दहन देखने के लिए रेल पटरियों पर खड़े लोगों के ट्रेन की चपेट में आने से तक़रीबन 60 लोगों के मारे जाने की खबर है। ट्रेन जालंधर से अमृतसर आ रही थी तभी जोड़ा फाटक पर यह हादसा हुआ। मौके पर कम से कम 300 लोग मौजूद थे जो पटरियों के निकट एक मैदान में रावण दहन देख रहे थे।

अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की संख्या बढ़कर 60 हो गयी है। इससे पहले अमृतसर के प्रथम उपमंडलीय मजिस्ट्रेट राजेश शर्मा ने 58 लोगों की मौत की पुष्टि की थी। उन्होंने कहा था कि कम से कम 72 घायलों को अमृतसर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

हादसा प्रशासन और दशहरा समिति के गलतियों का नतीजा

मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि इस यह हादसा प्रशासन और दशहरा समिति के गलतियों का नतीजा है। जब ट्रेन आ रही थी, तब ट्रेन को हॉर्न बजाना चाहिए था। लोगों को अलार्म के जरिए ट्रेन के बारे बताया जाना चाहिए था। इससे लोग बच सकते थे। लोगों ने बताया कि प्रशासन को सुनिश्चित करना चाहिए था कि ट्रेन यहां पर धीमी हो जाए। कहा जा रहा है कि रावण दहन के कारण ट्रैक पूरी तरह से लोगों से भरा हुआ था। इसी दौरान ट्रेन आ गई। ट्रैन के चपेट में आने से मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता है। घायलों को अस्पताल ले जाया जा रहा है। अमृतसर के पास जौड़ा बाजार में हुए हादसे के बाद लोग डर गए हैं। मौके पर रेलवे के आलाअधिकारी पहुंच चुके हैं। घटनास्थल पर बचाव कार्य जारी है। घायलों को एंबुलेस के जरिए घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि यह ट्रेन पठानकोट से अमृतसर जा रही थी।

चश्मदीदों का कहना है कि लोग ट्रेक पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे। इसी दौरान दोनों ट्रैक पर ट्रेन आने से लोगों में भगदड़ मच गई। इसी कारण इस हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। कहा जा रहा है कि इस कार्यक्रम को स्थानीय पार्षद ने आयोजित किया था। इसमें पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर भी आई हुई थीं।

इस घटना के बाद से ही मौके पर चीख पुकार मच गई, बदहवास लोग अपने करीबियों को तलाशने लगे। क्षत-विक्षत शव घटना के घंटों बाद भी घटनास्थल पर ही पड़े थे क्योंकि नाराज लोग प्रशासन को शव हटाने नहीं दे रहे थे। कई शवों की पहचान भी नहीं हो सकी। जमीन पर क्षत-विक्षत शव पड़े हुए थे।

इस घटना के बाद परेशान लोगों ने अपने दिल दहलाने वाले अनुभव साझा किये। एक गमगीन महिला ने कहा,‘मैंने अपना नाबालिग बेटा खो दिया। मुझे मेरा बेटा लौटा दो ।’ एक स्थानीय शख्स ने कहा,‘कई बार हमनें अधिकारियों और स्थानीय नेताओं से कहा कि इस मुद्दे को रेलवे के साथ उठाएं कि दशहरे के दौरान फाटक के पास ट्रेनों की गति को कम रखा जाए, लेकिन किसी ने हमारी बात नहीं सुनी।’ एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि पटाखों के शोर की वजह से लोगों को आ रही ट्रेन की आवाज नहीं सुन सकी।

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घटना स्थल पर लगा यह पोस्टर बना चर्चा का विषय, जिसमे लिखा था 'अच्छाई पर बुराई की जीत'

पंजाब स्थित अमृतसर में हुए हादसे के बाद एक पोस्टर चर्चा का विषय बन गया है। यह पोस्टर दशहरा आयोजन स्थल पर लगा था जिसमें पंजाबी में लिखे शब्दों का मतलब है- ' अच्छाई पर बुराई की जीत'। इस हादसे के बाद यह पोस्टर चर्चा का विषय बन गया है। इस पोस्टर पर पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू की तस्वीर लगी हुई है।

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